"रानी लक्ष्मीबाई": अवतरणों में अंतर
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* [[झांसी की रानी (कविता)]]
* [[ झलकारी बाई ]]
___"रानी लक्ष्मी बाई"___
written by :- @yogeshdhart ( yogiidhart) 8570002968
panniwala mota, sirsa haryana,india
वारणासी की उस धरती पर
जो शेरनी बनकर इस दुनिया में आई
मणिकर्णिका था जिसका नाम
वो मोरोपंत तांबे की बेटी कहलाई
वो शुर वीर शेरनी थी
झांसी की। रानी लक्ष्मी बाई
जिसने अंग्रेजो को मारने की ठानी
वो राजा गंगाधर की पत्नी कहलाई
था मुंह बोला भाई नवाब अली
महिलाओं की थी सेना बनाई
वो शुर वीर शेरनी थी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई
पवन बादल सारंगी पर होकर सवार
57की थी लड़ी लड़ाई
देखकर सभी भारतीयों में उसको
जान में थी जान आई
वो शुर वीर शेरनी थी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई
बचपन में खेलने के लिए
तलवार थी जिसने गले लगाई
23 साल की छोटी उम्र में
भारत के लिए जान गवाई
वो शुर वीर शेरनी थी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई
जिसने तत्या टोपे के साथ मिलकर
ग्वालियर के एक किले में थी ध्वजा लहराई
हमशक्ल सहेली झलकारी बाई संग
फिरंगियों की थी सेना भरमाई
वो शुर वीर शेरनी थी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई
पीठ पर लाद बेटे दामोदर को
घुड़सवार होकर लड़ती रही लड़ाई
18 जून 1858 ग्वालियर में जिसने
झांसी को बचाते हुए थी वीर गति पाई
वो शुर वीर शेरनी थी
झांसी की रानी लक्ष्मी बाई
✍️yogiidhart
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