"ऍक्स किरण": अवतरणों में अंतर

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* (2) ठोस पदार्थो में प्रवेशक्षमता (जिसे एक्सरे की 'कठोरता' भी कहा जाता है)।
 
=== तीव्रता ===Intensity
तीव्रतामापन की तीन मुख्य विधियाँ हैं। प्रतिदीप्त परदे पर एक्सरे से जो दीप्ति आती है उसकी तीव्रता-मर्यादित दीप्ति तक-एक्सरे की तीव्रता की समानुपाती होती है। प्रतिदीप्ति की तीव्रता का अनुमान करके एक्सरे की तीव्रता की तुलना स्थूल रूप से हो सकती है। दूसरी विधि में फोटो पट्टिका के ऊपर एक्सरे की (प्रकाश के ही समान) जो क्रिया होती है, उसका उपयोग किया जाता है। एक्सरे के आपतन से फोटो पट्टिका पर जो कालापन आता है, वह एक्सरे की तीव्रता तथा आपतन काल पर निर्भर रहता है। इस पद्धति से दो एक्सरे पुंजों की तीव्रताओं की तुलना करने के लिए अधिक तीव्रता के एक्सरे पुंज से फोटो पट्टिका पर मर्यादित स्थान पर किसी उपयुक्त काल तक क्रिया होने दी जाती है और तत्पश्चात्‌ उसी पट्टिका पर कुछ नीचे दूसरे एक्सरे पुंज की क्रिया काल t, 2t, 3t आदि तक होने दी जाती है। पट्टिका को विकसित (डेवेलप) करने के पश्चात्‌ दोनों चित्रों के कालेपन की तुलना करने से दोनों पुंजों की सापेक्ष तीव्रता का ज्ञान हो जाता है। तीव्रतामापन की तीसरी रीति अधिक प्रचलित है, क्योंकि इस रीति से तीव्रता ठीक ठीक मापी जा सकती है। जब एक्सरे वायु में से जाती है तब वायु विद्युच्चालक हो जाती है और उसकी चालकता एक्सरे की तीव्रता पर निर्भर रहती है। एक्सरे की क्रिया से वायु के अणुओं के इलेक्ट्रान विस्थापित होते हैं और आयन उत्पन्न होते हैं। उचित विद्युद्विभव की उपस्थिति में आयनों से जो विद्युद्धारा प्राप्त होती है, वह संवेदी विद्युन्मापी से, अथवा अन्य उचित संवेदी उपकरणों से, मापी जा सकती है। एक्सरे की तीव्रता विद्युद्धारा की समानुपाती होती है। हाल में गुणक-प्रकाशनलिका (मल्टिप्लायर फोटो टयूब) और एक्सरे-संवेदी स्फुर के उपयोग से तीव्रता का मापन अत्यंत सुलभ हो गया है। उसी प्रकार, गाइगरगुणक की सहायता से आयनीकरण की धारा का मापन भी सुगमता से हो सकता है। अत: वर्तमानकाल में इन दोनों प्रकार के उपकरणों द्वारा एक्सरे की तीव्रता का मापन अधिक प्रचलित है।