"पराश्रव्य": अवतरणों में अंतर

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=== यांत्रिक जनित्र ===
१८९९ ई. में कोनिंग ने छोटे छोटे स्वरित्रों द्वारा ९०,००० कंपन प्रति सें., तक की पराश्रव्य तरंगें उत्पन्न कीं। इडेमान ने गाल्टन सीटी को बनाया, जिसके द्वारा वह एक निश्चित आयामवाले १,००,००० कंपन प्रति से. उत्पन्न करने में सफल हुआ। एक तुंड में से हवा फूँकी जाती है। हवा की यह धारा एकदीर्घ छिद्र में से बहकर एक क्षुरधार से टकराकर पराश्रव्य कंपन पैदा करती है। गैस-धारा जनित्र द्वारा हार्टमान ने अधिक ऊर्जावाली पराश्रव्यध्वनि पैदा की। हॉफमान ने काच की छड़ को उसकी लंबाई की समांतर दिशा में कंपित कर ३३,००० कंपनवाली अधिक ऊर्जा की पराश्रव्य ध्वनि उत्पन्न की।की।gsjeisjsoej
 
=== विद्युज्जनित्र ===