"विभाज्यता के नियम": अवतरणों में अंतर

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'''विभाज्यता के नियम''' (divisibility rule) उन विधियों को कहते हैं जो सरलता से बता देते हैं कि कोई संख्या किसी दूसरी संख्या से विभाजित हो सकती है या नहीं। किसी भी आधार वाले संख्या-पद्धति (जैसे, द्वयाधारी या अष्टाधारी संख्याओं) के लिये ऐसे नियम बनाये जा सकते हैं किन्तु यहाँ केवल दासमिकदाशमिक प्रणाली (decimal system) के संख्याओं के लिये विभाज्यता के नियम नियम दिये गये हैं।
 
{| class="wikitable"
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|405:6+3+6=15 जो कि 3 से विभाज्य है. 16,499,205,854,376 के अंकों का योग 69 है; 6 + 9 = 15, 1 + 5 = 6, जो स्पष्टत: 3 से विभाज्य है.
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|rowspan=3|'''[[4 (number)|4]]'''
|संख्या के इकाई स्थान के अंक में दहाई स्थान के अंक का दो गुना जोड़िये। (दहाई स्थान के बांये के सारे अंकों का इसके लिये कोई महत्व नहीं है।)
|Add the ones digit to twice the tens digit. (All digits to the left of the tens digit can be ignored.)
| 5,096: 6 + (2 × 9) = 24
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|अन्तिम दों अंकों से बनी संख्या 4 से विभाज्य हो.
|The last two digits divisible by 4.
|40832: 32 is divisible by 4.
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|यदि दहाई स्थान पर स्थित अंक सम हो तथा इकाई स्थान पर 0, 4, या 8 हो.
|If the tens digit is even, and the ones digit is 0, 4, or 8.
यदि दहाई स्थान का अंक विषम हो तथा इकाई स्थान पर 2, या 6.
If the tens digit is odd, and the ones digit is 2, or 6.
|40832: 3 isविषम oddहै, andतथा theअन्तिम lastअंक digit2 is 2है.
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|'''[[5 (number)|5]]'''
|अन्तिम अंक 0 या 5.
|The last digit is 0 or 5.
|490: theअतिम lastअंक digit0 is 0है.
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|rowspan=2|'''[[6 (number)|6]]'''