"विभाज्यता के नियम": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) नया पृष्ठ: '''विभाज्यता के नियम''' (divisibility rule) उन विधियों को कहते हैं जो सरलता से बत... |
अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1:
'''विभाज्यता के नियम''' (divisibility rule) उन विधियों को कहते हैं जो सरलता से बता देते हैं कि कोई संख्या किसी दूसरी संख्या से विभाजित हो सकती है या नहीं। किसी भी आधार वाले संख्या-पद्धति (जैसे, द्वयाधारी या अष्टाधारी संख्याओं) के लिये ऐसे नियम बनाये जा सकते हैं किन्तु यहाँ केवल
{| class="wikitable"
पंक्ति 19:
|405:6+3+6=15 जो कि 3 से विभाज्य है. 16,499,205,854,376 के अंकों का योग 69 है; 6 + 9 = 15, 1 + 5 = 6, जो स्पष्टत: 3 से विभाज्य है.
|-
|rowspan=3|'''
|संख्या के इकाई स्थान के अंक में दहाई स्थान के अंक का दो गुना जोड़िये। (दहाई स्थान के बांये के सारे अंकों का इसके लिये कोई महत्व नहीं है।)
| 5,096: 6 + (2 × 9) = 24
|-
|अन्तिम दों अंकों से बनी संख्या 4 से विभाज्य हो.
|40832: 32 is divisible by 4.
|-
|यदि दहाई स्थान पर स्थित अंक सम हो तथा इकाई स्थान पर 0, 4, या 8 हो.
यदि दहाई स्थान का अंक विषम हो तथा इकाई स्थान पर 2, या 6.
|40832: 3
|-
|'''
|अन्तिम अंक 0 या 5.
|490:
|-
|rowspan=2|'''[[6 (number)|6]]'''
|