"शंकर्स वीकली": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो "शंकर्स वीकली" सुरक्षित कर दिया ([edit=autoconfirmed] (indefinite) [move=autoconfirmed] (indefinite)) |
Dr.jagdish (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1:
{{आज का आलेख}}
[[चित्र:Shankar's_Weekly_H.jpg|thumb|right|150px|हिन्दी शंकर्स वीकली का आवरण पृष्ठ]]
'''शंकर्स वीकली''' [[भारत]] में प्रकाशित पहली [[कार्टून]] [[पत्रिका]] थी। इसकी आवृत्ति साप्ताहिक हुआ करती थी। शंकर्स वीकली का प्रकाशन भारत में कार्टून कला के पितामह कहे जाने वाले कार्टूनिस्ट [[के शंकर पिल्लई]] ने प्रारंभ किया था। शंकर्स वीकली, शंकर का सपना था जो १९४८ में साकार हुआ। भारत के तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[पंडित जवाहरलाल नेहरू]] के हाथों शंकर्स वीकली का विमोचन हुआ। शंकर्स वीकली में भारत के कई जाने-माने कार्टूनिस्टों के
शंकर्स वीकली विशुद्ध [[भारतीय]] राजनीतिक कार्टूनों पर आधारित साप्ताहिक पत्रिका थी जिसमें [[भारत]] भर के कार्टूनिस्टों के नेताओं और सरकार के क्रिया-कलापों पर तीखे कार्टून होते थे। यही कारण था कि [[आपातकाल]] के दौरान इस पत्रिका को भी परेशानी का सामना करना पड़ा और दबाव के चलते २७ साल बाद १९७५ में इस अनोखी और एक मात्र पत्रिका का प्रकाशन बंद हो गया।<ref>{{cite web |url= http://www.cartoonistsindia.com/htm/pr_narendra.htm|title= इंडियन इन्स्टिट्यूट ऑफ़ कार्टूनिसट्स|accessmonthday=[[३० मार्च]]|accessyear=[[२००९]]|format= एचटीएमएल|publisher=कार्टूनिस्ट इंडिया.कॉम|language=अंग्रेज़ी}}</ref> यह भारतीय पत्रकारिता के इतिहास में आज भी हिन्दी व्यंग्य पत्रिका के रूप में सम्मान के साथ याद की जाती है।<ref>{{cite web |url= http://www.srijangatha.com/2009-10/Feb/mulyankan-dr.%20virendra%20yadav2.htm|title= हिंदी साहित्य के इतिहास में पत्र-पत्रिका की प्रांसगिकता|accessmonthday=[[३० मार्च]]|accessyear=[[२००९]]|format= एचटीएम|publisher=सृजनगाथा|language=}}</ref>
|