"शकरकन्द": अवतरणों में अंतर

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अमृतम पत्रिका, ग्वालियर की प्रस्तुति
शकरकन्दी के 7 काम…
【1】आयुर्वेदिक निघण्टु शास्त्र के अनुसार सिकरकन्दी या शकरकन्दी को पकाते नहीं सेंकते हैं। कन्डे की हल्की आंच में सिकी हुई शकरकन्दी खाने से जोड़ों में दर्द, सूजन, थायराइड की समस्या दूर होती है।
【2】पानी में पकाई हुई शकरकन्दी से केवल पेट भरा जा सकता है। लाभ कुछ नहीं होगा।
【3】यदि इसकी खीर या हलुआ 15 दिन केवल सीजन के समय लेवें, तो चेहरे पर गजब की खूबसूरती आने लगती है।
【4】यकृत अर्थात लिवर के होने वाले सभी उपद्रव शनक्त हो जाते हीं।
【5】आँतों की शुद्धि के लिए मात्र शकरकन्द के मौसम में ही इसका इस्तेमाल अवश्य करें।
【6】इसका हलुआ ह्रदय को ताकत देता है।
【7】**मर्दाना ताकत बढ़ती है शकरकन्दी…**
प्रमेह रोगी एवं मर्दाना शक्ति की कमजोरी दूर करने हेतु 100 ग्राम आग में सिकी शकरकन्दी हलुआ बनाकर, इसमें 100 ग्राम दूध, मलाई 20 ग्राम, अमृतम अश्वगन्धा चूर्ण, अमृतम मुलेठी चूर्ण, अमृतम शतावरी चूर्ण तीनों 3-,3 ग्राम ओर मिश्री या गुड़ 10 से 20 ग्राम मिलाकर 15 से 20 दिन सुबह खाली पेट खाना चाहिए। इसके 2 घण्टे बाद ही पानी पिएं, तो बेहतरीन सेक्स पावर बढ़ता है।
**परहेज**…
भिंडी, बैगन, अरहर की दाल, नमकीन धि से परहेज करें।
 
[[चित्र:Ipomoea batatasL ja01.jpg|thumb|250px|शकरकन्द]]
[[चित्र:Sweet potatoes, Padangpanjang.jpg|right|thumb|300px|शकरकन्द के छिलके कई रंग के होते हैं।]]