"बाल झड़ना": अवतरणों में अंतर

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बालों का बेड़ागर्क होने से कैसे बचाएं और कोई आयुर्वेदक दवाएं-बताएं...
 
आयुर्वेद ग्रंथ केश-विन्यास’
की संस्कृत टीका में उल्लेख है कि-
सामान्य तौर पर प्रतिदिन 50 बाल सिर की खाल से अलग हो जाते हैं। अगर इससे अधिक बाल रोज झड़े, गिरे या टूटे, तो निश्चित ही गंजापन का पंजा शुरू हो गया है ।
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि शरीर में
रोगप्रतिरोधक क्षमता (रजिस्टेंस पावर) के कम होने से बाल, गाल, चाल, ढाल, खाल, ख्याल का हाल बेहाल हो जाता है।
रोगप्रतिरोधक क्षमता तथा जीवनीय शक्ति बढ़ाने के लिए ही अमृतम ने महिलाओं के बालों की सुरक्षा हेतु 100 फीसदी आयुर्वेदिक "6" उत्पादों का उत्पादन किया है
【१】कुन्तल केयर हर्बल हेयर SPA
【२】कुन्तल केयर हर्बल हेयर SPA हेम्पयुक्त
【३】कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल
【४】कुन्तल केयर हर्बल हेयर शेम्पो
【५】कुन्तल केयर हर्बल माल्ट
【६】भृङ्गराज हेयर थेरेपी का निर्माण किया है।
कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता (रजिस्टेंस पावर)के कम होने से
** ¶~ बाल,
**¶~ गाल,
**¶~ चाल,
**¶~ ढाल,
**¶~ खाल,
**¶~ ख्याल
पर विपरीत प्रभाव पड़कर तन निढाल
होकर रोग-विकारों से घिरने लगता है!
CASH से ज्यादा फिक्र करें अपने केशों की…
**महिलाओं के पास चाहे जितना भी CASH हो, लेकिन अगर वह केशरोग से पीड़ित हो, तो सारी खूबसूरती के मामले में कंगाल हो जाती है। इसका दुष्प्रभाव उसके फेस पर भी पड़ता है और स्त्री सुंदरता की की रेस में पीछे रह जाती है। इसलिए कैश के साथ-साथ अपने केशों का भी ध्यान रखें। आपके केयरलेस होने से सब बेकार लगने लगेगा।
कैसे बचाएं…झड़ते-टूटते केशों को:
जब भी बाल धोने हो, उसके एक या दो दिन पहले बालों में अच्छी तरह से कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल हल्के हाथों से उंगलियों के पोरों द्वारा 15 से 25 मिनिट तक लगाकर छोड़ें।
 
भृङ्गराज हेयर थेरेपी से बाल धोकर, पतले टॉवल से बालों को हल्के से पोंछकर उन्हें खुली रखें। गीले बालों में कंघी न करें।
यह प्रयोग 7 दिन में एक बार करना है।
एक दिन छोड़कर कुन्तल केयर हर्बल हेयर spa हेम्पयुक्त बालों की जड़ों में लगाकर एक घण्टे तक सूखने देंवें। इसके बाद बाल धोना चाहें, तो धोवें अन्यथा सीधे कंघी कर छोटी बांधे।
बालों के झड़ने-,टूटने का एक कारण पेट की खराबी भी होती है। इसके लिए कुन्तल केयर हर्बल माल्ट सुबह-शाम दूध या जल से एक महीने तक लेवें।
यह माल्ट आंवला, त्रिफला, भृङ्गराज, अनंतमूल, जटामांसी आदि से आयुर्वेद की 5000 वर्ष पुरानी पध्दति द्वारा निर्मित है। इसे भावप्रकाश निघण्टु, चरक सहिंता, भैषज्य रत्नावली इत्यादि ग्रन्थ के अनुसार बनाया है।
कुन्तल केयर की खासियत…
ब्राह्मी,बालछड़, भृंगराज, मेहंदी, तथा
मेवा,मुरब्बे,प्राकृतिक मसालों से बना
दुनिया का पहला हेयर हर्बल माल्ट है,
जो झड़ते,टूटते बालों की सम्पूर्ण
आयुर्वेदिक चिकित्सा है।
कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा क्या है?
पहले बुजुर्ग कहा करते थे कि-
जब मजबूत हों जड़े, तो काहे को बाल झड़े।
अमेरिका के एस.बी.एम.आर.आई. के
वैज्ञानिकों ने दुनिया को आगाह किया है
कि बालों,केशों हेयर का बचाव केवल
प्राकृतिक चिकित्सा,हर्बल ओषधियों,
अमृतम आयुर्वेदिक दवाओं द्वारा ही किया जा सकता है अन्यथा दुनिया में गंजों की भरमार होगी।
अनुसंधानकर्ता वैज्ञानिकों
ने विशेषकर महिलाओं को चेताया है कि अपने बालों के प्रति लापरवाह न रहें ! क्योंकि स्त्रियों की सुंदरता, खूबसूरती, चेहरे पर निखार लम्बे,घने,चमकदार बालों के कारण ही सम्भव है।
 
गंजों की भरमार होगी सन्सार में...
वैज्ञानिकों की शोध के अनुसार-
अप्राकृतिक और भौतिक रसायनों,
सिन्थेटिक केमिकल्स से निर्मित
क्रीम, हेयर ऑइल तथा शेम्पू के उपयोग से
हेयर फोलिकल
(बाल उगाने वाली कोशिकायें)
तेजी से सिकुड़ने लगती हैं, जिससे बाल दिनों-दिन पतले,कमजोर होकर गिरने लगते हैं। सिर की त्वचा में रक्तसंचार न हो पाने के कारण हेयर फोलिकल इतने सिकुड़ जाते हैं कि सिर पर नये बाल निकलना स्थाई तौर पर बन्द होकर गंजापन आने लगता है ।
 
 
गंजेपन के दुष्प्रभाव–
गंजापन, जवानी की दहलीज पर चढ़ने के
पहले ही युवावस्था को नष्ट कर देता है!
कमजोर बाल,चाँद से चेहरे पर दाग लगा देते हैं ।
लड़कियों की अदा-सदा*** के लिए नेस्तनाबूद हो जाती है। इससे उनके आकर्षण एवं आत्मविश्वास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है ।क्या कहता है अमृतम आयुर्वेद के ग्रन्थ…
सिद्धा आयुर्वेद,
कायचिकित्सा,
आयुर्वेद नाड़ी सहिंता
आदि आयुर्वेद ग्रंथो के
संस्कृत सार श्लोक के अनुसार
लावण्य केश धारणं”
अर्थात काले,लम्बे,घनई जुल्फें,चमकदार केशों से ही महिलाओं में खूबसूरती व आकर्षण बढ़ता है!
“बहूनि नरशीर्षाणि लोमशानि वृहान्त च
ग्रीबासु प्रतिवद्धानि किंचित्तेशु सकर्षणम!!
कविता-कौमुदी पृष्ठ 369
अर्थात- गजब की सुंदरता लिए स्त्रियों के मस्तक गले से जुड़े हैं लेकिन जिनके केश लम्बे, घने,काले हैं, आकर्षण उनमें ही है! बाल और माल ही निहाल करने, समर्पण में सहायक है।
**बाल ही प्रेमियों के लिए मायाजाल है! अच्छे, लम्बे केश देखकर इनके होश उड़ जाते हैं!
आखिर जुल्फों के कारण ही,तो इतने गीत-संगीत,शायरों का अविष्कार हुआ –किसी समय ” चौहदवीं का चाँद” फ़िल्म का ये गाना जुल्फों के कारण बहुत प्रसिद्ध हुआ था –
“न झटकों जुल्फ से पानी ये मोती टूट जाएंगे, !
कोई कवि कहता है-
ये जुल्फें,ये नखरे,ये नशीले नैन
कहाँ लेने देंगे किसी को चैन
किसी शायर ने कुछ इस तरह भी लिखा कि-
मौका मिलता तो तेरी जुल्फे सुलझाता,
बालों के लिए एक तेल बनाने वाला था ।
तुम अपने घर का अता-पता दे देती,तो,
कुन्तल केयर,स्पा, लेके आने वाला था ।।
किसी को अपनी जुल्फों पर इतना घमण्ड है, कि इतरा कर उसने कहा-
जुल्फ खुली रखती हूँ, मैं दिल बांधने के लिए!!
 
जीवन की उलझनों में उलझे आशिक का कहना है-
 
कभी मिला वक्त, तो तेरी जुल्फे सुलझाऊंगा
आज उलझा हूँ, जरा वक्त को सुलझाने में।।
 
एक शोध में पाया की दुनिया में आदमी ही सर्वाधिक गंजे पाए जाते हैं। इनके गंजेपन के कारण लड़कियाँ,स्त्री, महिलाएं इन्हें कम पसन्द करती हैं। हालाँकि गंजेपन से इन्हें बहुत फायदे भी हैं-
हास्यकवियों ने गंजों के लिए लिखा है कि
“धन बढ़े,लक्ष्मी मिले, बाल न बांका होय।
तेल बचे, साबुन बचे, जो कोई गंजा होय ।।
जो कोई गंजा होय, बुढ़ापा नजर न आवे ।
देख चमकती चाँद, चाँद भी धोखा खावे ।।
दुनिया के जाने-माने ओर अनजाने
कवियों,गीतकारों, शायरों,सूफियों ने जुल्फों के कारण कितने सितम सहे, और क्या-क्या न
लिखा बालों,केशों व जुल्फों के बारे में।
“अमृतम मासिक पत्रिका”
खोजकर देगा अपने ग्रंथालय,पुस्तकालय और
लायब्रेरी से। आप पढ़ते रहें, अच्छा लगे,तो लाइक-
शेयर करें, अपनों के बीच………
कुछ अमृतम के बारे में भी जानें-
पिछले 35 वर्षों के अनुभव औऱ
अनुसंधान के फलस्वरूप इन अद्भुत असरकारक केश नाशक हर्बल दवाओं का निर्माण हो सका ।
ये दवाएं पूर्णतः हानिरहित हैं। इनका कोई भी दुष्प्रभाव या साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं। इन ओषधिओं की निर्माण प्रक्रिया ५००० वर्ष से अधिक प्राचीन है ।
जैसा वेदों ने सुझाया-अमृतम ने बनाया
अमृतम के सभी उत्पाद वैदिक पद्धति द्वारा अनुभवी आधुनिक चिकित्सकों की देख-रेख में निर्मित किये जाते हैं ।
अमृतम कम्पनी की फाउंडर
“श्रीमती चंद्रकांता” तथा “स्तुति अशोक गुप्ता” हैं! यह एक महिला उद्योग है ।
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