"निबन्ध": अवतरणों में अंतर

छो 2409:4052:E85:9AD8:CC6F:D48D:8FA:6D0D (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
निबंध के प्रकार जोड़े है
पंक्ति 35:
 
निबंध का आरंभ कैसे हो, बीच में क्या हो और अंत किस प्रकार किया जाए, ऐसे किसी निर्देश और नियम को मानने के लिए निबंधकार बाध्य नहीं है। लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि निबंध एक उच्छृंखल रचना है और निबंधकार एक उच्छृंखल व्यक्ति। निबंधकार अपनी प्रेरणा और विषय वस्तु की संभावनाओं के अनुसार अपने व्यक्तित्व का प्रकाशन और रचना का संगठन करता है। इसी कारण निबंध में शैली का विशेष महत्त्व है।
 
== निबंध के प्रकार ==
'''विचारात्मक निबंध''' – उपरोक्त निबंध शैली के अंतर्गत किसी विषय का स्पष्टीकरण विभिन्न प्रकार के प्रमाण और तर्क देते हुए किया जाता है। प्रायः इन निबंधों की शैली भी गंभीर हुआ करती है। इसमें निबंध लेखन के दौरान विषय का स्पष्टीकरण और प्रतिपादन करने के लिए आगमन और निर्गमन शैली का प्रयोग किया जाता है।
 
'''भावनात्मक निबंध''' – जिन निबंधों में विचारों के स्थान पर भावों की प्रधानता रहती है, उन्हें भावनात्मक निबंध कहते हैं। इन निबंधों में लेखक किसी विषय का तर्क और प्रमाणों के आधार पर विवेचन नहीं करते, अपितु अपनी अनुभूतियों और भावों को व्यक्त करने पर बल दिया करते हैं। इन निबंधों में भावुकता का अधिक पुट रहता है।
 
'''वर्णनात्मक निबंध''' – उपरोक्त निबंधों में प्रकृति, नगर, ग्राम, खेल, यात्रा और युद्ध इत्यादि के बारे में वर्णित किया जाता है। ये निबंध मूल रूप से सूचनात्मक हुए करते हैं। इनमें लेखक विषय संबंधी स्पष्टता और पूर्ण विवरण का उल्लेख करते हैं।<ref>{{Cite web|url=https://gurukul99.com/nibandh-lekhan-in-hindi|title=Nibandh Lekhan - निबंध के भाग, तत्व और प्रकार [50+ निबंध]|language=en-US|access-date=2021-07-12}}</ref>
 
== हिन्दी साहित्य में निबन्ध ==