"बिधान चंद्र राय": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Yashdeep567 (वार्ता | योगदान) →प्रारंभिक जीवन व शिक्षा: ये बताया कि ये किस कुल में जन्मे है टैग: Manual revert Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
छो Revert; Vandalism टैग: वापस लिया |
||
पंक्ति 43:
== जीवनी ==
===प्रारंभिक जीवन व शिक्षा===
उनका जन्म खजान्ची रोड [[बांकीपुर]], [[पटना]], [[बिहार]] मे एक प्रवासी
मात-पिता के [[ब्रह्म समाज|ब्रह्मसमाजी]] होने से डाक्टर राय पर ब्रह्मसमाज का बाल्यावस्था से ही अमिट प्रभाव पड़ा था। उनके पिता प्रकाशचंद्र राय डिप्टी मजिस्ट्रेट थे, पर अपनी दानशीलता एवं धार्मिक वृत्ति के कारण कभी अर्थसंचय न कर सके। अत: विधानचंद्र राय का प्रारंभिक जीवन अभावों के मध्य ही बीता। बी. ए. परीक्षा उत्तीर्ण कर वे सन् १९०१ में कलकत्ता चले गए। वहाँ से उन्होंने एम. डी. की परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्हें अपने अध्ययन का व्यय भार स्वयं वहन करना पड़ता था। योग्यताछात्रवृत्ति के अतिरिक्त अस्पताल में नर्स कार्य करके वे अपना निर्वाह करते थे। अर्थाभाव के कारण डाक्टर विधानचंद्र राय ने कलकत्ता के अपने पाँच वर्ष के अध्ययनकाल में पाँच रुपए मूल्य की मात्र एक पुस्तक खरीदी थी। मेधावी इतने थे कि एल.एम.पी. के बाद एम.डी. परीक्षा दो वर्षों की अल्पावधि में उत्तीर्ण कर कीर्तिमान स्थापित किया। फिर उच्च अध्ययन के निमित्त [[इंग्लैण्ड|इंग्लैंड]] गए। विद्रोही बंगाल का निवासी होने के कारण प्रवेश के लिए उनका आवेदनपत्र अनेक बार अस्वीकृत हुआ। बड़ी कठिनाई से वे प्रवेश पा सके। दो वर्षों में ही उन्होंने एम. आर. सी. पी. तथा एफ. आर. सी. एस. परीक्षाएँ उत्तीर्ण कर लीं। कष्टमय एवं साधनामय विद्यार्थीजीवन की नींव पर ही उनके महान् व्यक्तित्व का निर्माण हुआ।
|