"पेशी": अवतरणों में अंतर

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प्रत्येक पेशी तंतु में गहरी पट्टी जिसे A पट्टी कहते हैं जो मायोसीन ([[Myosin]]) की बनी होती है। इसमें हल्की I पट्टी एक्टिन ([[Actin]]) प्रोटीन की बनी होती है। दो एक्टिन पट्टी के मध्य एक आडी़ छड़ स्थित होती है, जिसे Z रेखा कहते हैं। दो Z रेखा के मध्य को सार्कोमीयर कहते हैं। A पट्टी के मध्य एक महीन रेखा जिसे M रेखा कहते हैं। M रेखा के दोनों ओर पट्टी का कुछ भाग हल्का दिखाई देता है जिसे H क्षेत्र कहते हैं।
 
अनैच्छिक पेशीसूत्र छोटे होते हैं। प्रत्येक सूत्राणु एक लंबोतरे आकार की कोशिका होता है, जो एक सिरे पर चपटा सा होता है और दूसरे पर लंबा, जहाँ वह कडरा में लग जाता है। इसकी लंबाई की ओर रेखाएँ भी दिखाई पड़ती हैं। एक कोशिका की लंबाई 200 माइक्रोन और चौड़ाई 4 से 7 माइक्रोन से अधिक नहीं होती। ये रेखांकित नहीं होती। इनमें एक ही केंद्रक होता है। ये पेशियाँ स्तरों में स्थित होती हैं, जिनमें सूत्राणु या सूत्रकोशिका अपने सिरों से मिली रहती है। आशायों या आंत्रनाल में ये पेशियाँ दो स्तरों में स्थित हैं। एक स्तर आंत्र की लंबाई की ओर स्थित है और दूसरा उसको चौड़ाई की ओर से घेरे हुए है। इसको अनुवृत्तकार और अनुदैर्ध्यं स्तर कहा जाता है। इन दोनों स्तरों के संकोच से नाली के भीतर की वस्तु आगे की ओर को संचरित होती है।हार्दिक पेशीसूत्र इन दोनों के बीच में हैं। प्रत्येक सूत्र एक कोशिका है, जिससे अनुदैर्ध्य और अनुप्रस्थ दोनों प्रकार का रेखांकन दिखाई देता है। किंतु ये सूत्र इच्छा के अधीन नहीं है। कोशिकाओं में विशेषता यह है कि उनसे शाखाएँ निकलती हैं, जो दूसरी कोशिकाओं की शाखाओं में मिल जाती है। सिट, या
 
== क्रिया-विधि==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/पेशी" से प्राप्त