"अष्टाङ्गहृदयम्": अवतरणों में अंतर

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==विशेषताएँ==
 
1. सूत्रस्थान में 30 अध्याय है। [[दिनचर्या]], [[रात्रिचर्या]], [[ऋतुचर्या]], [[द्रव्यगुणविज्ञान]], का विस्तृत वर्णन है।
 
2. शल्यविधि, शल्य आहरण (शरीर में चुभे धातु के टुकड़े को शस्त्र से निकालना), शिरा वेध (रक्त को वहन करने वाली शिरा का वेध करना) आदि का वर्णन है।