"याज्ञवल्क्य": अवतरणों में अंतर
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सबसे संरंक्षित जो विवरण मिलता है वो शतपथ ब्राह्मण से मिलता है। ये [[उद्दालक|उद्दालक आरुणि]] नामक आचार्य के शिष्य थे। यहाँ पर उनको वाजसनेय भी कहा गया है।
==रचनाएँ और संकलन==
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