"आगरा": अवतरणों में अंतर
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{{main|ताजमहल|ताजमहल के मूल एवं वास्तु}}
आगरे का [[ताजमहल]], [[शाह जहाँ|शाहजहाँ]] की प्रिय बेगम [[मुमताज़ महल|मुमताज महल]] का मकबरा, विश्व की सबसे प्रसिद्ध इमारतों में से एक है। यह विश्व के [[नये ७ अजूबे|नये ७ अजूबों]] में से एक है और आगरा की तीन [[विश्व सांस्कृतिक धरोहर|विश्व सांस्कृतिक धरोहरों]] में से एक है। अन्य दो धरोहर [[आगरा का किला|आगरा किला]] और [[फ़तेहपुर सीकरी|फतेहपुर सीकरी jay mahakal]] हैं।
[[१६५३|1653]] में इसका निर्माण पूरा हुआ था। यह [[मुग़ल साम्राज्य|मुगल]] [[बादशाह]] [[शाह जहाँ|शाहजहां]] ने अपनी बेगम [[मुमताज़ महल|मुमताज महल]] की याद में बनवाया था। पूरे श्वेत संगमरमर में तराशा हुआ, यह भारत की ही नहीं विश्व की भी अत्युत्तम कृति है। पूर्णतया सममितीय स्मारक के बनने में बाईस वर्ष लगे (1630-1652) व बीस हजार कारीगरों की अथक मेहनत भी। यह मुगल शैली के चार बाग के साथ स्थित है। [[फ़ारसी भाषा|फारसी]] वास्तुकार उस्ताद ईसा खां के दिशा निर्देश में इसे [[यमुना नदी|यमुना]] नदी के किनारे पर बनवाया गया। इसे मृगतृष्णा रूप में [[आगरा का किला|आगरा के किले]] से देखा जा सकता है, जहां से शाहजहाँ जीवन के अंतिम आठ वर्षों में, अपने पुत्र [[औरंगज़ेब]] द्वारा कैद किये जाने पर देखा करता था। यह सममिति का आदर्श नमूना है, जो कि कुछ दूरी से देखने पर हवा में तैरता हुआ प्रतीत होता है। इसके मुख्य द्वार पर [[क़ुरआन|कुरआन]] की आयतें खुदी हुई हैं। उसके ऊपर बाइस छोटे गुम्बद हैं, जो कि इसके निर्माण के वर्षों की संख्या बताते हैं। ताज को एक लालबलुआ पत्थर के चबूतरे पर बने श्वेत संगमर्मर के चबूतरे पर बनाया गया है। ताज की सर्वाधिक सुंदरता, इसके इमारत के बराबर ऊँचे महान गुम्बद में बसी है। यह 60 फीट व्यास का, 80 फीट ऊँचा है। इसके नीचे ही मुमताज की कब्र है। इसके बराबर ही में शाहजहाँ की भी कब्र है। अंदरूनी क्षेत्र में रत्नों व बहुमूल्य पत्थरों का कार्य है।
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=== आगरा का किला ===
{{main|आगरा का किला}}
आगरा का एक अन्य [[विश्व धरोहर|विश्व धरोहर स्थल]] है आगरा का किला। यह आगरा का एक प्रधान निर्माण है, जो शहर के बीचों बीच है। इसे कभी कभार लाल किला भी कहा जाता है। यह [[अकबर]] द्वारा [[१५६५|1565]] में बनवाया गया था। बाद में [[शाह जहाँ|शाहजहां]] द्वारा इस किले का पुनरोद्धार लाल बलुआ पत्थर से करवाया गया, व इसे किले से प्रासाद में बदला गया। यहां [[संगमर्मर|संगमरमर]] और [[पर्चिनकारी|पीट्रा ड्यूरा]] नक्काशी का
मुगल सम्राट [[अकबर]] ने इसे [[१५६५|1565]] में बनवाया था, जिसमें उसके पौत्र [[शाह जहाँ|शाहजहाँ]] के समय तक निर्माण कार्य बढ़ते रहे। इस किले के निषिद्ध क्षेत्रों में अंदरूनी छिपा हुआ स्वर्ग जैसा स्थान है। यह किला अर्ध-चंद्राकार है, जो पूर्व में कुछ चपटा है, पास की सीधी दीवार नदी की ओर वाली है। इसकी पूरी परिधि है 2.4 किलो मीटर, जो दोहरे परकोटे वाली किलेनुमा चहारदीवारी से घिरी है। इस दीवार में छोटे अंतरालों पर बुर्जियां हैं, जिनपर रक्षा छतरियां बनीं हैं। इस दीवार की ओर एक 9 मीटर चौड़ी व 10 मीटर गहरी खाई घेरे हुए है।
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