"हल्दीघाटी": अवतरणों में अंतर

→‎हल्दीघाटी का युद्ध: महाराणा प्रताप जी जीत दर्ज की
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== हल्दीघाटी का युद्ध ==
[[हल्दीघाटी का युद्ध]] 18 जून 1576 ई. को खमनोर एवं बलीचा गांव के मध्य तंग पहाड़ी दर्रे से आरम्भ होकर खमनोर गांव के किनारे बनास नदी के सहारे मोलेला तक कुछ घंटों तक चला था। युद्ध में निर्णायक विजय महाराणाकिसी प्रतापको नेभी हासिल करी,साथनहीं हीहो अकबर की सेना को बहुत भारी नुकसान हुआ और अकबर की सेना युद्ध क्षेत्र से भाग खड़ीसकी हुई।थी। इस युद्ध मे महाराणा प्रताप के सहयोगी [[ राणा पूंजा]] का सहयोग रहा ।इसी युद्ध में महाराणा प्रताप के सहयोगी झाला मान, हाकिम खान,ग्वालियर नरेश राम शाह तंवर सहित देश भक्त कई सैनिक देशहित बलिदान हुए। उनका प्रसिद्ध घोड़ा [[चेतक]] भी वीरगतिमारा को प्राप्त हुआ। प्राचीन इतिहासकारो ने अकबर के आधीन होने की वजह से महाराणा प्रताप की विजय स्पष्ठ रूप से दर्ज नही की,परंतु कई प्रमाण 2020 में करी गई नई शोध से मिले जो ये साबित करते है कि हल्दीघाटी का युद्ध महाराणा प्रताप ने जीता था,जिसका स्पष्ट प्रमाण ये है कि हल्दीघाटी के युद्ध के बाद भी महाराणा प्रताप द्वारा ही मेवाड़ के जमीनी पट्टे जारी किए जाते थे,जो उनकी मेवाड़ क्षेत्र के आधिपत्य को दर्शाता है। साथ ही जमीनी कर तथा अन्य कई कार्य जनता के कल्याण के लिए महाराणा प्रताप द्वारा किये जाते रहे। दूसरा प्रमाण यह है कि गुजरात जाने के लिए मुगल सेना कभी भी मेवाड़ के रास्ते जा उपयोग नही कर सकी, क्योकि वहां महाराणा प्रताप का राजगया था। हल्दीघाटी का युद्ध इस तरह महाराणा प्रताप द्वारा ही जीता गया ये प्रमाण आज जाहिर है। साथ ही राजस्थान सरकार पाठ्य पुस्तकों में भी इसको अब दर्ज करवा रही है। अब यहां मुख्य रूप से देखने योग्य युद्ध स्थल रक्त तलाई,शाहीबाग,हल्दीघाटी दर्रा,प्रताप गुफा,चेतक समाधी एवं महाराणा प्रताप स्मारक देखने योग्य है।महाराणा प्रताप के यश व शौर्य से अकबर इतना भयभीत हुआ कि उसने कभी मेवाड़ का रुख नही किया।है।
युद्धभूमि रक्त तलाई में शहीदों की स्मृति में बनी हुई है। भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित सभी स्थल निःशुल्क दर्शनीय है। सरकारी संग्रहालय नहीं होने से यहाँ निजी प्रतिष्ठान द्वारा हल्दीघाटी से 3 किलोमीटर दूर बलीचा गांव में संग्रहालय के नाम पर 100 रुपया प्रवेश शुल्क लेकर व्यापारिक मॉडल बना रखा है। पर्यटकों को मूल स्थलों से भ्रमित किया जाना सोचनीय है।