"अहमद शाह अब्दाली": अवतरणों में अंतर

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== सशस्त्र नागा साधु ==
ब्रजभूमि में वहां के सशस्त्र नागा साधु सैनिकों के मुकाबले पर आए परन्तु मुठठी भर साधु क्या कर लेते। बचाव के लिए आए साधुओं के साथ अब्दाली की सेना ने खूब मारकाट की और वृन्दावन में लूट और मार-काट करने के बाद अब्दाली भी अपनी सेना के साथ मथुरा आ पहुँचा। ब्रज क्षेत्र के तीसरे प्रमुख केन्द्र गोकुल पर उसकी नज़र थी। वह गोकुल को लूट-कर आगरा जाना चाहता था। उसने मथुरा से यमुना नदी पार कर महावन को लूटा और फिर वह गोकुल की ओर गया। वहाँ पर सशस्त्र नागा साधुओं के एक बड़े दल ने यवन सेना का जम कर सामना किया। nagaoउसी समय अब्दाली की फ़ौज में हैजा फैल गया, जिससे अफ़ग़ान सैनिक बड़ी संख्या में मरने लगे। इस वजह से अब्दाली किसी अज्ञात दैवी प्रकोप की दहशत के कारण वापिस लौट गया। मथुरा की लूटपाट के दौरान उसके सलाहकारो ने यही अनुमान लगाया कि यह हिन्दुओं की पवित्र नगरी है और कंस को मारने वाले श्रीकृष्ण इसकी रक्षा करते हैं।

इस प्रकार नागाओं की वीरता और दैवी मदद से गोकुल लूट-मार से बच गया। गोकुल−महावन से वापसी में अब्दाली ने फिर से वृन्दावन में लूट की। मथुरा−वृन्दावन की लूट में ही अब्दाली को लगभग 12 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई, जिसे वह तीस हजार घोड़ो, खच्चरों और ऊटों पर लाद कर ले गया। वहावहां की कितनी ही जवान, विधवा और अविवाहित स्त्रियों को भी वह जबरन अफगानिस्तान ले गया।<ref>https://blogs.navbharattimes.indiatimes.com/aasthaaurchintan/%E0%A4%A6%E0%A4%B0-%E0%A4%A8-%E0%A4%A6-%E0%A4%9C-%E0%A4%A8%E0%A4%B8-%E0%A4%87%E0%A4%A4-%E0%A4%B9-%E0%A4%B8-%E0%A4%95-%E0%A4%AA%E0%A4%A4-%E0%A4%A5-4/</ref>
 
 
== आगरा में लूट ==