"बौद्ध दर्शन": अवतरणों में अंतर

→‎सौत्रान्तिक सम्प्रदाय (बाह्यार्थानुमेयवाद): सौत्रांतिक,चित्त तथा बाह्यजगत् दोनों को ही मानते हैं।
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 2405:204:A02A:DB1D:BA80:31C5:AD45:C0BC (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 30:
 
===सौत्रान्तिक सम्प्रदाय (बाह्यार्थानुमेयवाद)===
ये बाह्यार्थ को अनुमेय मानते हैं। यद्यपि बाह्यजगत की सत्ता दोनों स्वीकार करते हैं, किन्तु दृष्टि के भेद से एक के लिए चित्त निरपेक्ष तथा दूसरे के लिए चित्त सापेक्ष अर्थात् अनुमेय सत्ता है। सौत्रान्तिक मत में सत्ता की स्थिति बाह्य से अन्तर्मुखी है। सौत्रांतिक,चित्त तथा बाह्यजगत् दोनों को ही मानते हैं।
 
===योगाचार सम्प्रदाय (विज्ञानवाद)===