"ग़ुलाम अली": अवतरणों में अंतर
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* कल चौदहवीं की रात थी
अपनी धुन में रहता हूँ
वो नही मेरा मगर उससे से मुहब्बत है तो है
हँसके बोला करो बुलाया करे आपका घर है आया जाया करो
{{Jaswant Nirala}}
== डिस्कोग्राफ़ी ==
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