"बरगद": अवतरणों में अंतर
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बरगद पेड की ऐतिहासिक जानकारी टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
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जंगल में अचानक दो बच्चों के रोने की आवाज़ जाती है
रा राजा शान्तनु शक होने लगता है और अपने हाथ धनुष बाण उठाते ही बोहोत तेज गर्जना हुई
सामने ही बरगद के पेड के नीचे दो बच्चे रोने की आवाज़ आती है
तभी सारथी एक बच्चे को उठाकर शांतनु की गोदी में दे देता है राजा शान्तनु ख़ुश होकर उसे ही छाती से लगा लेते है और सार्थी से पूछते है ये क्या है
तब सारथी बोलते है ईश्वर ने पर कृपा की है आपके सूनेपन को देखकर शांतनु पूछते हैं इनका नाम क्या रखे
सा सारथी जवाब देता है जब ईश्वर आप पर कृपा की है तो इनका नाम कृपा ही रखते हैं
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और लड़की का और लड़की का नाम कृपी होगा
लड़का बड़े होने के बाद कृपाचार्य की उपाधि मिली हस्तिनापुर में
लडकी
इस प्रकार इस प्रकार से द्रोणाचार्य शान्तनु के दामाद होते हैं और
दौणाचार्य भीष्म पितामह
राजा शांतनु के आशीर्वाद से कृपाचार्य की मृत्यु नही होती शायद मेरी जानकारी मै
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