"पंचायती राज": अवतरणों में अंतर

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:(१) ग्राम के स्तर पर ग्राम पंचायत
:(२) ब्लॉक (तालुका) स्तर पर पंचायत समिति
:(३) जिला स्तर पर जिलापंचायत परिषद्समिति
 
इन सम्स्थाओं का काम आर्थिक विकास करना, सामाजिक न्याय को मजबूत करना तथा राज्य सरकार और केन्द्र सरकार की योजनाओं को लागू करना है, जिसमें ११वीं अनुसूची में उल्लिखित २९ विषय भी हैं।
 
भारत में प्राचीन काल से ही पंचायती राज व्यवस्था आस्तित्व में रही हैं। आधुनिक भारत में प्रथम बार तत्कालीन प्रधानमंत्री [[जवाहरलाल नेहरू]] द्वारा [[राजस्थान]] के [[नागौर जिला|नागौर जिले]] के कांगसिया गांव सेमें 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआतलागू की गई।<ref>{{Cite web|url=https://m.jagranjosh.com/general-knowledge/national-panchayati-raj-day-in-india-in-hindi-1556090360-2|title=भारत में पंचायती राज दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?|date=2020-04-24|website=Jagranjosh.com|access-date=27 January 2021}}</ref>
भारत के तीन राज्यों (मेघालय,मिजोरम,नागालैंड)
में पंचायतों का गठन नहीं किया गया यहा एक स्तरीय जनजाति परिषद कार्य करती है
 
भारत में प्राचीन काल से ही पंचायती राज व्यवस्था आस्तित्व में रही हैं। आधुनिक भारत में प्रथम बार तत्कालीन प्रधानमंत्री [[जवाहरलाल नेहरू]] द्वारा [[राजस्थान]] के नागौर जिले के कांगसिया गांव से 2 अक्टूबर 1959 को पंचायती राज व्यवस्था की शुरुआत की गई।<ref>{{Cite web|url=https://m.jagranjosh.com/general-knowledge/national-panchayati-raj-day-in-india-in-hindi-1556090360-2|title=भारत में पंचायती राज दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?|date=2020-04-24|website=Jagranjosh.com|access-date=27 January 2021}}</ref>
 
==परिचय एवं इतिहास==
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[[भारत सरकार अधिनियम, १९१९|1919 के भारत शासन अधिनियम]] के तहत प्रान्तों में दोहरे शासन की व्यवस्था की गई तथा स्थानीय स्वशासन को हस्तान्तरित विषयों की सूची में रखा गया।
स्वतंत्रता के पश्चात् वर्ष 19521957 में [[योजना आयोग]] (अब [[नीति आयोग]]) द्वारा सामुदायिक विकास कार्यक्रम (वर्ष 1952) और राष्ट्रीय विस्तार सेवा कार्यक्रम प्रारम्भ(वर्ष किया गया इसके1993) के अध्ययन के लिये 1956 में ‘बलवंत राय मेहता समिति’ का गठन किया गया। नवंबर 1957 में समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी जिसमें त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था- ग्राम स्तर, मध्यवर्ती स्तर एवं ज़िला स्तर लागू करने का सुझाव दिया।
वर्ष 1958 में राष्ट्रीय विकास परिषद ने बलवंत राय मेहता समिति की सिफारिशें स्वीकार की तथा 2 अक्तूबर, 1959 को [[राजस्थान]] के नागौर जिले में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा देश की पहली त्रि-स्तरीय पंचायत का उद्घाटन किया गया।
 
वर्ष 1993 में प्रधानमंत्री श्री पी वी नरसिंहा राव के शाशन काल में 73वें संविधान संशोधन के द्वारा संविधान में भाग 9 तथा 11 वीं अनुसूची जोडी गई जिसमें 29 विषयों को सम्मिलित किया गया। 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से संविधान में भाग 9 ए तथा 12 वीं अनुसूची जोडी गई जिसमें 18 विषयों को सम्मिलित किया गया।भारतभारत में त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ। त्रि-स्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में ग्राम पंचायत (ग्राम स्तर पर), पंचायत समिति (मध्यवर्ती स्तर पर) और ज़िला परिषद (ज़िला स्तर पर) शामिल हैं।
 
पंचायती राज से संबंधित विभिन्न समितियाँ
 
; पंचायती राज से संबंधित विभिन्न समितियाँ