"कलवार (जाति)": अवतरणों में अंतर
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[[File:Natives of northern India (1907) (14761936691).jpg|thumb|right|300px|एक उत्तर भारतीय कलवार पुरुष, 1907]]
'''कलवार''' (अथवा '''कलाल''', '''कलार''') भारतीय जाति है जिसके लोग ऐतिहासिक रूप से [[उत्तर प्रदेश]], [[राजस्थान]], [[पंजाब (भारत)|पंजाब]], [[हरियाणा]] और उत्तर एवं मध्य भारत के अन्य भागों में पाये जाते हैं।
==इतिहास==
चूँकि उनके शराब बनाने और विक्रय करने का वंशानुगत व्यवसाय तुच्छ माना जाता है, इसके अतिरिक्त दक्षिण एशिया की जाति व्यवस्था में कलाल को निम्न वर्ग में माना जाता है। यह स्थिति तब बदल गयी जब कलाल प्रमुख [[जस्सा सिंह अहलुवालिया|जस्सा सिंह]] की १८वीं सदी में राजनीतिक शक्ति बढ़ी। जस्सा सिंह ने अपनी पहचान को अहलुवालिया के रूप में ही रखा जो उनके पैदाइसी गाँव का नाम है। इसी नाम से उन्होंने [[कपूरथला राज्य]] की स्थापना की।<ref name="Donald_1968">{{cite book |author=डोनाल्ड एंथनी लॉ |title=Soundings in Modern South Asian History |trans-title= आधुनिक दक्षिण एशियाई इतिहास की आवाज |url=https://books.google.com/books?id=WfD02m8q8eYC&pg=PA70 |year=1968 |publisher=कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी प्रेस |oclc=612533097 |pages=70–71 }}</ref>
जस्सा सिंह से प्रेरित होकर अन्य [[सिख]] कलालों ने अहलुवालिया उपनाम को स्वीकार कर लिया और अपने पारम्परिक व्यवसाय को छोड़ दिया। शराब के निर्माण और विक्रय पर [[ब्रिटिश राज|ब्रितानी प्रशासनिक उपनिवेश]] द्वारा लगाये गये नियमों ने इस प्रक्रिया को और तेजी से कम कर दिया और २०वीं सदी की शुरुआत में अधिकतर कलालों ने पुस्तैनी व्यवसाय को छोड़ दिया। इसी समय से अहलुवालिया लोगों ने अपनी स्थिति को
==इन्हें भी देखें==
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