"साक्षात्कार": अवतरणों में अंतर

टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit
छो Avinash Chand Srivastava (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 1:
[[चित्र:Interview.jpg|thumb|right|दूरदर्शन के लिये साक्षात्कार का एक दृष्य]]
भेंटवार्ता यानी साक्षात्कार समाचार संकलन का एक प्रभावी तरीका है इसका उपयोग विशिष्ट प्रकार के समाचारों के लिए विशेष रूप में प्रयोग किया जाता है समाचार संकलन में यदि भेंटवार्ता के महत्व को नकारा दिया जाए तो समाचार पत्रों में घटनाओं कार्यक्रमों आदि का विवरण तथ्यों की गहराई से छानबीन से दूर ही रहे होगा ऊपरी तौर पर जो देखने या सुनने को आएगा उसके प्रस्तुतीकरण से पाठकों की जिज्ञासा शांत नहीं हो सकती तथ्यों की तहतरह में पहुंचने के लिए भेंटवार्ता आवश्यक है इसकी विशेषता के कारण ही साक्षात्कार पत्रकारिता का अधिकतम एवं अंश भी कहा जाता है कोई भी व्यक्ति ऐसी सूचना या जानकारी सकता है लेकिन को क्या जानकारी दी जाए इस तरह की जानकारी दी जाए सकता है इसके लिए जरूरी है कि फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर बड़ी-बड़ी योजनाओं में काम करने वाले इंजीनियर वैज्ञानिक आदि सभी के पास कुछ ना कुछ ऐसी जानकारी होती है सकती है और जिसे प्राप्त कर सकता है साक्षात्कार के प्रकार आम व्यक्ति से साक्षात्कार चुनाव से संबंधित हत्या से संबंधित इत्यादि हो सकते हैं इसमें पड़ोस के व्यक्तियों या घटना स्थल पर उपस्थित लोगों से बातचीत की जाती है इस तरह के साक्षात्कार लेना काफी मुश्किल भी होता है क्योंकि किसी व्यक्ति से घटना के बारे में पूछताछ करने पर उसे संदेह में भी डाल सकता है आ सकता है यह कार्य रिपोर्टर का ही है कि वह उन व्यक्तियों का विश्वास जीतें इस तरह के साक्षात्कार का कोई मार्ग नहीं होता है परेशानियां उठानी पड़ती है असम बंध और बातें सुननी पड़ती है और यह सब रिपोर्टरों को सुनना और सहना पड़ता है ताकि उसके उद्देश्य की पूर्ति हो सके आकाश मिक साक्षात्कार इसे अंग्रेजी में कैजुअल इंटरव्यू भी कहते हैं और यह ज्यादातर अचानक होते हैं सामान्यतः यह पूर्व उद्देश्य विभिन्न होते हैं एक संवाददाता और समाचार स्रोत रास्ते में मिलकर बातें करते हैं और वह समाचार के रूप में या छात्र के रूप में प्रकाशित किए जाते हैं संवाददाता और समाचार स्रोत कभी-कभी भोजन अथवा पार्टी के दौरान आकस्मिक रूप से बातों का मीनिंग करते हैं इस तरह की बातों में बिना किसी तैयारियां दृष्टिकोण के ही बातचीत होती हैं इसी वार्ता से कभी-कभी एक काफी बड़ी स्टोरी मिल जाती है व्यक्तित्व साक्षात्कार लोगों के बारे में लंबे विवरण फीचर लेखन के लिए इस तरह के साक्षात्कार किए जाते हैं अखबारों में तो इस तरह के साक्षात्कार छपते हैं मगर ज्यादातर यह नजर आते हैं उदाहरण के तौर पर हम फिल्म नागिन में अभिनेताओं के साक्षात्कार पाते हैं इस तरह के साक्षात्कार में अपने स्रोत से काफी गहराई भरे सवाल पूछता है और यह सवाल उसके निजी जिंदगी के बारे में अथवा किसी विषय के बारे में होता है कभी अखबार एक निश्चित स्थान पर साक्षात्कार को जगह देते हैं उदाहरण के तौर पर टाइम्स ऑफ इंडिया में ज्यादातर एडिटोरियल पेज पर नजर आते हैं उसी तरह दैनिक जागरण में भी एडिटोरियल पेज पर नजर आते हैं साक्षात्कार पूरी स्टोरी का एक हिस्सा भी होता है जो ब्लॉक में दिया जाता है यह काफी कम समय में आयोजित किया जाता है और इस तरह के साक्षात्कार का उद्देश्य संवादाता संवादाता द्वारा समाचार से ही संबंधित किन ही महत्वपूर्ण निर्धारित प्रश्नों का उत्तर पाना होता है इस तरह के साक्षात्कार से संवाददाता न्यू स्टोरी के बारे में ज्यादा जानकारियां प्राप्त करते हैं और उसे अपनी स्टोरी में कोटेशन के रूप में भी इस्तेमाल करते हैं टेलीफोन अथवा ई-मेल द्वारा साक्षात्कार कभी-कभी साक्षात्कार दाता इसी दूर जगह पर स्थित होता है अथवा उसके पास समय नहीं होता है ऐसे में संवाददाता प्रश्नों की सूची बनाकर साक्षात्कार दाता को ईमेल द्वारा भेजता है या टेलीफोन से पूछता है ऐसे में प्रश्नों का स्पष्ट होना बहुत जरूरी है इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में साक्षात्कार थोड़ी अलग होती है इसमें साक्षात्कार दाता के सामने कैमरा होता है समय की भी सीमा होती है सवाल के जवाब को छेड़छाड़ करने की गुंजाइश कम होती है ऐसे में संवाददाता को साक्षात्कार से पूर्व साक्षात्कार दाता से वार्तालाप कर उसके कैमरे के सामने आने वाले डर को कम करना होता है किसी भी प्रश्न का जवाब आता है टीवी और रेडियो के संवादाता इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तकनीक से परिचित होना पड़ता है इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से एक विशेष महत्व है इसका उपयोग होता है जैसे आप की अदालत कार्यक्रम रूबरू कार्यक्रम में विशिष्ट व्यक्तियों से सवाल जवाब होते हैं डॉक्टर वकील विशेषज्ञ स्वास्थ्य संबंधी और कानून संबंधी पर कार्यक्रम चलाए जाते हैं फीचर में भी विषय से संबंधित व्यक्तियों की प्रतिक्रियाएं सूत्रधार यानी एंकर की टिप्पणी के साथ पिरोए जाते हैं समाचारों का ब्यौरा बताते समय घटनास्थल के दृश्यों के साथ संबंधित व्यक्तियों की राय और प्रतिक्रिया प्रदर्शित की जाती है जहां संवाददाता और कैमरामैन नहीं हो वहां से संबंधित व्यक्तियों की ध्वनि रिकॉर्डिंग प्रस्तुत की जाती है जिससे समाचार की प्रस्तुति की जाती है स्थापित प्रभावोत्पादक संबंधित व्यक्तियों की बातचीत करती है तो उसके हावभाव और बोलने की शैली भी बहुत कुछ कह जाती है और मुद्रित माध्यम वंचित रह जाती है दृश्य श्रव्य माध्यम के कारण अधिक जीवंत और प्रभावशाली माध्यम सिद्ध हो रहा है साक्षात्कार के दौरान ध्यान देने वाली बातें बिना तैयारी के साक्षात्कार लेने नहीं जाना चाहिए साक्षात्कार दाता तथा उसके व्यवसाय की पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी अधिक से अधिक प्राप्त करने से पहले अपना परिचय देना चाहिए उसे अपना नाम समाचार पत्र का नाम बता देना चाहिए कार में सीधे और आसान प्रश्न पूछे जाने चाहिए और कठिन प्रश्नों को बाद में पूछना चाहिए टेलीविजन में कम समय होता है इसलिए रिपोर्ट जल्द ही भारी प्रश्नों का कर देता है रिपोर्टर को चाहिए कि वह अधिकारी से ही साक्षात्कार ले और इसका पता होना चाहिए संवाददाता को अपने उपकरण हमेशा साथ ले जाना चाहिए और मुख्य बातों को अपने नोटपैड समाप्त हो जाने पर कि किसी प्रश्न का जवाब कम तो नहीं पड़ गया है और यदि पड़ गया तो साक्षात्कार दाता से उसे दिलवाने का प्रयास करना चाहिए
 
== प्रकार ==