"वर्मा": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
वर्मा उपनाम गर्व एवं क्षत्रियों को प्रकट करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है जिनका मुख्य कार्य प्रशासन, युद्ध भूमि, एवं राज घराने वाले राजपूतों की कार्य योजना है। मुख्य रूप से वर्मा शब्द का प्रयोग वीर, निडर, स्वाभिमानी क्षत्रीय (क्षत्र) योद्धाओं के लिए प्रयोग किया जाता है। मुख्य रूप से वर्मा शब्द का अर्थ ढाल या सुरक्षा होता है। इतिहास में महाराजा अजमीढ़ के वंशज जो कि राजपूत (चंद्रवंशी) कुल (रोयल एवं लॉयल) के तालुकात रखते हैं, वह सभी वर्मा शब्द का प्रयोग बड़े गर्व से करते है।। इतिहास गवाह है क... टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
Verma Royal (वार्ता | योगदान) वर्मा शब्द का प्रयोग क्षत्रीय के लिए ही बना है।। क्षत्रीय स्वर्णकार लोग इस उपनाम का प्रयोग बड़े गर्व से करते हैं।। किसी के नाम के आगे वर्मा शब्द का प्रयोग का मतलब यही है कि वो क्षत्रीय राज कुल में जन्मा है जिनका मुख्य रूप से कार्य अन्य वर्णों की रक्षा करना है।।। वर्मा शब्द का अर्थ ढाल या सुरक्षा होता है। असल में क्षत्रीय (राजपूत या राजा या महाराजा या राजकुमार एवं कुंवर लोगों के लिए वर्मा शब्द पत्थर की लकीर है।। वर्मा उपनाम स्वाभिमान,गर्व, राजसी घराना एवं सोने चांदी के महल में प्रजा की रक्षा क... टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 1:
वर्मा शब्द का प्रयोग क्षत्रीय के लिए ही बना है।। क्षत्रीय स्वर्णकार लोग इस उपनाम का प्रयोग बड़े गर्व से करते हैं।। किसी के नाम के आगे वर्मा शब्द का प्रयोग का मतलब यही है कि वो क्षत्रीय राज कुल में जन्मा है जिनका मुख्य रूप से कार्य अन्य वर्णों की रक्षा करना है।।। वर्मा शब्द का अर्थ ढाल या सुरक्षा होता है। असल में क्षत्रीय (राजपूत या राजा या महाराजा या राजकुमार एवं कुंवर लोगों के लिए वर्मा शब्द पत्थर की लकीर है।। वर्मा उपनाम स्वाभिमान,गर्व, राजसी घराना एवं सोने चांदी के महल में प्रजा की रक्षा को प्रदर्शित करता है। वर्मा उपनाम का सीधा संबंध ठाकुर या राजपूत (क्षत्रिय राजा)के लिए किया जाता है।। इतिहास गवाह है कि वर्मा राजपूत जिनके महल सोने चांदी के लदे रहते थे कभी भी पराजित नहीं हुए। त्रेता युग में वर्मा चंद्रवंशी महाराजा अजमीढ़ की पीढ़ी के ही सदस्य है।। वर्मा शब्द चौहान, कुंवर एवं सिंह का समानार्थी है जो मुख्य रूप से अपनी प्रजा की रक्षा के लिए निडरता से युद्ध करते हैं।।वर्मा मुख्य रूप से भगवान शिव (कालों के काल) के सबसे बड़े उपासक रहे हैं जो की सबसे बड़े योद्धा माने जाते हैं।।। आधुनिक युग में वर्मा शब्द का प्रयोग हर कोई करने लगा है जो कि गलत है।।। शर्मा ब्रह्मण , वर्मा क्षत्री, गुप्ता वैश्य एवं दास सूद्र( दलित वर्ग) के लिए उपयुक्त है।।
== पारम्परिक प्रयोग ==
वर्मा व इसके अन्य समानार्थक उपनाम का शाब्दिक अर्थ है ढाल या सुरक्षा। अत: इस उपनाम को [[युद्ध]] में भाग लेने वाले क्षत्रिय वर्ग ही प्राय: प्रयोग करते थे। कुमावत समाज भी इतिहास में राजपूत समाज का अंग रहा है, इसलिए कुमावत समाज अपने नाम के आगे वर्मा गर्व से लगाते हैं <ref> Walker, Benjamin. The Hindu World: An Encyclopedic Survey of Hinduism. New York: Frederick Praeger, 1968.</ref> हालांकि [[ओडिशा|उड़ीसा]] प्रान्त में रहने वाले कुछ [[ब्राह्मण]] वर्ण के लोग भी, यह जानते हुए भी कि यह उपनाम क्षत्रियों के लिये ही निर्धारित है, अपने नाम के आगे वर्मा, वर्मन या बर्मन लगाते हैं।<ref>{{cite book |url=http://books.google.com/books?id=Z8QBAAAAMAAJ&q=Varma++title&dq=Varma++title&lr=&pgis=1 |title=Life in mediæval Orissa, cir. A.D. 600-1200 |first=Ayodhya Prasad |last=Sah |publisher=Chaukhambha Orientalia |year=1976 |page=123 |access-date=5 दिसंबर 2012 |archive-url=https://web.archive.org/web/20140105065635/http://books.google.com/books?id=Z8QBAAAAMAAJ&q=Varma++title&dq=Varma++title&lr=&pgis=1 |archive-date=5 जनवरी 2014 |url-status=live }}</ref> कुर्मी, सुनार, पटेल, जाट, तथा कुछ अनुसूचित जाति के लोग भी वर्मा [[उपनाम]] का प्रयोग करते हैं।
|