"रसखान": अवतरणों में अंतर

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रसखान अर्थात् रस के खान, परंतु उनका असली नाम सैयद इब्राहिम था और उन्होंने अपना नाम केवल इस कारण रखा ताकि वे इसका प्रयोग अपनी रचनाओं पर कर सकें।<ref>{{Cite web|url=https://www.amarujala.com/kavya/raskhan-here-with-poem-of-truth-and-love|title=ब्रज भाषा विशेष: रसखान के ये हैं प्रसिद्ध दोहे|last=|first=|date=|website=अमर उजाला|archive-url=https://web.archive.org/web/20181122091333/https://www.amarujala.com/kavya/raskhan-here-with-poem-of-truth-and-love|archive-date=22 नवंबर 2018|dead-url=|access-date=|url-status=live}}</ref>सखान तो रसखान ही था जिसके नाम में भी रस की खान थी। रसखान जैसा भगवान का भक्त होना मुश्किल है। जय श्री कृष्णा!
 
== रसखान का बाल्यकाल तथा शिक्षा ==
 
रसखान के पिता एक जागीरदार थे। इसलिए इनका लालन पालन बड़े लाड़-प्यार से हुआ माना जाता है। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उनके काव्य में किसी विशेष प्रकार की कटुता का सरासर अभाव पाया जाता है। एक संपन्न परिवार में पैदा होने के कारण उनकी शिक्षा अच्छी और उच्च कोटि की हुयी थी। उनकी यह विद्वत्ता उनके काव्य की अभिव्यक्ति में जग ज़ाहिर है. रसखान को फ़ारसी, हिंदी एवं संस्कृत का अच्छा ज्ञान था। उन्होंने "श्रीमद्भागवत' का फ़ारसी में अनुवाद किया था। इसको देख कर इस बात का सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि वह फ़ारसी और हिंदी भाषाओं कके अच्छे जानकर रहे होंगे। रसखान ने अपना बाल्य जीवन अपार सुख- सुविधाओं में गुजारा होगा। <ref name="Raskhan ka jeewan parichay">[https://www.hindisarkariresult.com/raskhan-hindi/ रसखान का जीवन परिचय, बाल्यकाल और शिक्षा]</ref>
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/रसखान" से प्राप्त