"पियानो": अवतरणों में अंतर

छो 223.226.53.166 (talk) के संपादनों को हटाकर कन्हाई प्रसाद चौरसिया (5275729) के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया: बर्बरता हटाई।
टैग: वापस लिया SWViewer [1.4]
पंक्ति 7:
"वीमर वांडर बक" (Wemor Wander Buck) नामक पुस्तक में, जिसका रचनाकाल 1440 ई. है, पियानों का एक चित्र है, जिसमें आठ छोटी और 16 बड़ी कुंजियाँ (keys) हैं। चित्रकार ने एक आयताकार चित्र में 12 तार दिखाए हैं। पियानों जैसे एक यंत्र का चित्र पत्थर पर बना हुआ मिला है, जिसे रीगल कहते हैं।
 
आधुनिक पियानो का आविष्कार बार्तोलोमियो क्रिस्टाफरी ने किया था। इसका वर्णन "गियोर्नले द लेतराती द इटैलिया" नामक पुस्तक में है, जिसे मार्कीज सोपियोनी मैफी ने लिखा था तथा जिसे अपास्टलो ज़ेनो ने सन् 1711 में छपवाया था, यह पुस्तक सौभाग्य से उपलब्ध है। क्रिस्तेफर ने दो पियानो का आविष्कार किया। एक का सन् 1720 में तथा दूसरे का सन् 1726 में। इनमें आधुनिक पियानों के सभी मुख्य भाग हैं। सेपियोनी मैफी की पुस्तक का कोनिंग ने 1725 ई. में जर्मन भाषा में अनुवाद किया तथा उसके मित्र गीत फ्राइड ने, जो उस समय के प्रमुख पियानी बजानेवालों में से एक था, यह पुस्तक पढ़ी। तब उसने दो पियानों बनाए, जो उसके शिष्य अग्रिकोला के अनुसार बहुत अच्छे नहीं थे। इस विषय में एक और चर्चा भी है कि सिल्वमैन को इसके बजाने का उत्साह शौटर से मिला, जो 1721 ई. में सबसे अच्छा fshfgwsugjfhjewhgपियानोपियानो बजानेवाला था। क्रिस्टोफर के पियानो और उसके पहलेवाले पियानो में यह अंतर था कि पुराने पियानो के तारों को पंख (quill) से मारते थे, परंतु क्रिस्टोफर के पियानो के तारों पर छोटे-छोटे हथौड़ों से चोट करते थे। इंग्लैंड में पियानो 1760 ई. में आया और वहाँ सन् 1766 में पियानो बनानेवाले एक जर्मन ने एक पियानो बनाया।
 
== बनावट ==