"श्लोक": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Anmolvs टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
संजीव कुमार (वार्ता | योगदान) छो 2409:4063:6E09:A1B8:97AF:F72E:FD36:8833 (Talk) के संपादनों को हटाकर 2409:4063:6D01:D080:0:0:6688:5510 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
||
पंक्ति 3:
श्लोक '[[अनुष्टुप छंद|अनुष्टुप छ्न्द]]' का पुराना नाम भी है। किन्तु आजकल [[संस्कृत भाषा|संस्कृत]] का कोई छंद या पद्य 'श्लोक' कहलाता है।
===श्लोक का शाब्दिक अर्थ===
१. आवाज, ध्वनि, शब्द।
२. पुकारने का शब्द, आह्वान, पुकार।
३. प्रशंसा, स्तुति।
४. कीर्ति, यश।
५. किसी गुण या विशेषता का प्रशंसात्मक कथन या वर्णन। जैसे—शूर-श्लोक अर्थात् शूरता का वर्णन।
[[श्रेणी:संस्कृत साहित्य]]
|