→‎महिलाएँ: रोझ़ावा सही वर्तनी है, न कि रोजावा या रोजवा। जब हिन्दी में झ के साथ नुक़्ता इस्तेमाल होता है तो झ़ जिसे लैटिन में ž या अरबी में ژ रूप से लिखते हैं। इसका उच्चारण television के sio जैसा होता है, यानि टेलीविझ़न।
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→‎शासन व्यवस्था: रोझ़ावा सही वर्तनी है, न कि रोजावा या रोजवा। जब हिन्दी में झ के साथ नुक़्ता इस्तेमाल होता है तो झ़ जिसे लैटिन में ž या अरबी में ژ रूप से लिखते हैं। इसका उच्चारण television के sio जैसा होता है, यानि टेलीविझ़न।
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==शासन व्यवस्था==
ओकलान की राजनीतिक विचारधारा केंद्रीय सत्ता का
विरोध करती है और इसी आधार पर रोजावारोझ़ावा को तीन
स्वायत्तशासी क्षेत्रों – कैंटॉन में बांटा गया है। हर कैंटॉन में शहरों को जिलों में बांटा गया है। हर जिले को उसकी जनसंख्या के आधार पर कम्यूनों में विभाजित किया गया है। कैंटॉन में सरकार की सबसे बुनियादी और महत्वपूर्ण इकाई कम्यून हैं। हर एक कम्यून स्थानीय 300 लोगों से मिलकर बनता है। इसमें दो सह- अध्यक्ष चुने जाते हैं और स्थानीय मामलों की देखरेख के लिए समितियां गठित होती हैं। लोगों की समस्याएं इन्ही समितियों के माध्यम से सुलझाई जाती हैं हर कम्यून के दो सह-अध्यक्ष मिलकर जिला परिषद का निर्माण करते हैं और जिला परिषद फिर से दो सह- अध्यक्षों का चुनाव करती है। हर जिला परिषद से चुने गए सह-अध्यक्ष नगर परिषद का
निर्माण करते हैं। नगर परिषद प्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से पूरे शहर से और सदस्यों का चुनाव करती है आखिर में नगर परिषद से चुने हुए प्रतिनिधि कैंटॉन परिषद का
निर्माण करते हैं। इसकी तुलना हमारी संसद से की जा सकती है लेकिन इस प्रक्रिया के हर स्तर पर कम्यून के सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है और सामाजिक-
राजनीतिक- आर्थिक मुद्दे कम्यून से शुरू होकर कैंटॉन तक पहुंचते हैं इस मॉडल की खासबात है कि यहां सभी लोगों को अपना धर्म मानने की आजादी तो है लेकिन राजनीति में इसका कोई हस्तक्षेप नहीं है। रोजावारोझ़ावा की
शासन व्यवस्था पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष है। रोजावारोझ़ावा पूंजीवादी आर्थिक मॉडल को खारिज करता है। ओकलान पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के विरोधी हैं और रोजावारोझ़ावा के आर्थिक तंत्र पर यह विचार पूरी तरह लागू है। यहां सहकारिता के आधार पर उत्पादन क्षेत्र का विकास किया जा रहा है और लोगों को इसबारे में जागरूक किया जा रहा है। रोजावारोझ़ावा में इस नई सरकार की बुनियाद ‘अरब
वसंत’ की लहर ने रखी है। 2011 में अरब राष्ट्रो के तानाशाही शासन के खिलाफ [[ट्यूनीशिया]] से शुरू हुआ विद्रोह, [[मिस्र]] और [[लीबिया]] होते हुए [[सीरिया]] तक आ पहुंचा था। रोजावारोझ़ावा के बारे में कहा जा सकता है कि यह पहले से बारूद के ढेर पर बैठा था। सीरिया में विपक्षी गुटों के विरोध प्रदर्शन शुरू होने पर रोजावारोझ़ावा में भी कुर्द अपने अधिकारों के लिए सड़कों पर उतर आए। अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक असद सरकार ने तब इनका बुरी तरह दमन किया था। सीरिया में जब गृहयुद्ध तेज होने लगा तब बाकी विरोधी गुटों से अलग होकर कुर्दों की दो राजनीतिक पार्टियों, कुर्दिश डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी (पीवाईडी) और कुर्दिश नेशनल काऊंसिल (केएनसी) ने मिलकर रोजावारोझ़ावा में कुर्दिश सुप्रीम कमिटी का गठन कर लिया जो अब यहां सरकार चलाने वाली सर्वोच्च संस्था थी फिर इसी के तहत कुर्दों की सेना पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट (वाईपीजी) का गठन हुआ 2012 में इसने सीरियाई सेना को रोजावारोझ़ावा से खदेड़ दिया। हालांकि इसकी एक वजह यह भी थी कि सरकारी सेना अब राजधानी और दूसरे महत्वपूर्ण शहरों पर कब्जा बनाए रखने की लड़ाई पर ज्यादा जोर देना चाहती थी। इस तरह 2012 में यह क्षेत्र ‘स्वराज’ की एक नई प्रयोगस्थली बन गया।
 
प्रयोगस्थली बन गया।
==सन्दर्भ==
[[श्रेणी:सीरिया]]