"वज्रासन": अवतरणों में अंतर
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घुटनों की पीड़ा को दूर करता है।इसके करने से आप पाते है वीर्य वृद्धि ओर ब्रह्मचार्य की सुरक्षा।
एसिडिटी और अल्सर का खतरा कम होता है। वज्रासन का अभ्यास आपकी कमर को संरेखित करने में मदद करता है, जिससे साइटिका और पीठ के निचले हिस्से में दर्द की समस्या कम हो सकती है। अगर आप नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास करते हैं तो इससे आपको फायदा होगा। अगर आप कब्ज, पेट की बीमारी, पाचन की समस्या या एसिडिटी से पीड़ित हैं तो वज्रासन जरूर करें। यह आपके निचले शरीर को लचीला बनाता है, आपके यौन अंगों को मजबूत करता है, शरीर की मांसपेशियों (कूल्हों, जांघों, बछड़ों) को टोन करता है, जोड़ों के दर्द और मूत्र संबंधी समस्याओं को ठीक करता है। [https://hindisaphar.com/%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a5%8d%e0%a4%af/how-to-do-vajrasana/ '''''वज्रासन'''''] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20210719141425/https://hindisaphar.com/%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A5%8D%E0%A4%AF/how-to-do-vajrasana/ |date=19 जुलाई 2021 }} करने से पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। आज के समय में हम ज्यादातर समय बैठे रहते हैं जिससे पैरों की सेहत खराब हो सकती है। इसलिए इस आसन का अभ्यास करें।
==विधि==
प्राय: योगाचार्यों ने विभिन्न महत्वपूर्ण [https://hindisaphar.com/%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%97-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ab%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%a6%e0%a5%87/types-of-yoga/ '''योगासनों'''] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20210719145426/https://hindisaphar.com/%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%94%E0%A4%B0-%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A6%E0%A5%87/types-of-yoga/ |date=19 जुलाई 2021 }} का वर्णन भिन्न-भिन्न रोगों के निवारणार्थ किया है, वरन वज्रासन उनमे सबसे सरल और सभी उम्र के लोगों के करने योग्य है। यह एक मात्र आसन है जिसका अभ्यास भोजन के बाद भी सुरक्षित रूप से कर सकते हैं। यह मुद्रा पाचन को बढ़ावा देती है। अपने घुटनों पर खड़े हो जाओ। पीछे की ओर जाकर कूल्हों को एड़ियों पर टिकाकर बैठ जाएं। अपने सिर को सीधा रखें और अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें। अपनी आंखें बंद करें और सांस लेने और छोड़ने पर ध्यान दें। शुरूआती दिनों में इस स्थिति का 5 से 10 मिनट तक अभ्यास करें और धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 20-30 मिनट करें। वज्रासन पाचन तंत्र को मजबूत करता है और इससे जुड़े रोग भी धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। जो लोग लंबे समय तक अपने पैरों को मोड़कर नहीं बैठ सकते हैं वे वज्रासन की स्थिति में बैठ सकते हैं और कुछ देर आराम कर सकते हैं।
== खाने के बाद कैसे करें वज्रासन? ==
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