"अजमेर": अवतरणों में अंतर

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[[File:Ajmer4.jpg|thumb|right|300px|अजमेर का पहाड़ी द्श्य]]
'''अजमेर''' [[राजस्थान]] प्रान्त के मध्य में स्थित एक महानगर व एतिहासिक शहर है। यह इसी नाम के अजमेर संभाग व [[अजमेर जिला|अजमेर जिला]] का मुख्यालय भी है। अजमेर [[अरावली|अरावली पर्वत श्रेणी]] की तारागढ़ पहाड़ी की ढाल पर स्थित है। यह नगर सातवीं शताब्दी में [[अजयराज|अजयराज सिंह]] नामक एक चौहान राजा द्वारा बसाया गया था। इस नगर का मूल नाम 'अजयमेरु' था। सन् 1365 में [[मेवाड़]] के शासक, 1556 में अकबर और 1770 से 1880 तक मेवाड़ तथा [[मारवाड़]] के अनेक शासकों द्वारा शासित होकर अंत में 1881 में यह अंग्रेजों के आधिपत्य में चला गया।
ऐतिहासिक मान्यतानुसार सन् 668 ई. में चौहान राजा अजयपाल ने अजमेर बसाया। वह वासुदेव चौहान का पौत्र तथा चौहान सांमतदेव का पुत्र था। वे बहुत बड़े शिवभक्त थे। उन्होंने अजोगंध महादेव मंदिर का निर्माण करवाया। 12 वीं सदी की कृत्रिम झील आना सागर एक और पसंदीदा पर्यटन स्थल है जिसका महाराजा अना द्वारा निर्माण करवाया गया था।
 
1236 ईस्वी में निर्मित, तीर्थस्थल ख्वाजा मोइन-उद दीन चिश्ती, एक प्रसिद्ध फारसी सुफी संत को समर्पित है। अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खादिम भील पूर्वजों के वंशज हैं। 12 वीं सदी की कृत्रिम झील आना सागर एक और पसंदीदा पर्यटन स्थल है जिसका महाराजा अना द्वारा निर्माण करवाया गया था।
 
अजमेर दुनिया के सबसे पुराने पहाड़ी किलों में से एक है – तारगढ़ किला जो चौहान राजवंश की सीट थी। अजमेर जैन मंदिर (जो सोनजी की नसीयाँ के नाम से भी जाना जाता है) अजमेर में एक और पर्यटन स्थल है।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/अजमेर" से प्राप्त