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{{आधार}} जब कोई वस्तु किसी वृत्ताकार मार्ग पर चलती है, तो उस पर कोई एक वृत्त के केंद्र पर बल कार्य करता है, इस बल को अभिकेंद्रीय बल कहते हैं।
इस बल के अभाव में वस्तु वृत्ताकार मार्ग पर नहीं चल सकती है।
यदि कोई m द्रव्यमान का पिंड v से r त्रिज्या के वृत्तीय मार्ग पर चल रहा है तो उस पर कार्यकारी वृत्त के केंद्र की ओर आवश्यक अभिकेंद्रीय बल f=mv2/r होता है।।
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