"प्रफुल्ल चाकी": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Prafullchaki1.jpg|thumb|200px|right|प्रफुल्ल चाकी]]
क्रांतिकारी '''प्रफुल्ल चाकी''' (बांग्ला: প্রফুল্ল চাকী) ([[१० दिसम्बर]] [[१८८८]] - [[१ मई]] [[१९०८]]) का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। प्रफुल्ल का जन्म [[उत्तरी बंगाल]] के
बंगाल विभाजन के समय अनेक लोग इसके विरोध में उठ खड़े हुए। अनेक विद्यार्थियों ने भी इस आन्दोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया। प्रफुल्ल ने भी इस आन्दोलन में भाग लिया। वे उस समय रंगपुर जिला स्कूल में कक्षा ९ के छात्र थे। प्रफुल्ल को आन्दोलन में भाग लेने के कारण उनके विद्यालय से निकाल दिया गया। इसके बाद प्रफुल्ल का सम्पर्क क्रांतिकारियों की [[युगांतर पार्टी]] से हुआ।
==मुजफ्फरपुर काण्ड==
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==बलिदान==
दोनों क्रांतिकारियों ने समझ लिया कि वे किंग्सफोर्ड को मारने में सफल हो गए हैं। वे दोनों घटनास्थल से भाग निकले। प्रफुल्ल चाकी ने समस्तीपुर पहुँच कर कपड़े बदले और टिकिट खरीद कर रेलगाड़ी में बैठ गए। दुर्भाग्य से उसी में पुलिस का सब इंस्पेक्टर नंदलाल बनर्जी बैठा था। उसने प्रफुल्ल चाकी को गिरफ्तार करने के उद्देश्य से अगली स्टेशन को सूचना दे दी। स्टेशन पर रेलगाड़ी के रुकते ही प्रफुल्ल को पुलिस ने पकड़ना चाहा लेकिन वे बचने के लिए दौड़े। परन्तु जब प्रफुल्ल ने देखा कि वे चारों ओर से घिर गए हैं तो उन्होंने अपनी रिवाल्वर से अपने ऊपर गोली चलाकर अपनी जान दे दी। यह घटना १ मई, १९०८ की है। खुदीराम को बाद में गिरफ्तार किया गया था व उन्हें फांसी दे दी गई थी।
==संदर्भ ==▼
<references/>▼
== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://banglapedia.search.com.bd/HT/C_0087.htm Article on Prafulla Chaki]
* [http://muktadhara.net/antibritish.html Muktadhara article]
▲==संदर्भ ==
▲<references/>
[[श्रेणी:स्वतंत्रता सेनानी]]
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