"अल-माइदा": अवतरणों में अंतर
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क़ुरान का अध्याय ([[सूरा]]) ।
<br />--<blockquote>
</blockquote><br />'''सूरए अल माएदह (ख़वान)''' मदीना में नाज़िल हुआ और इसकी एक सौ बीस आयते हैं<br />
(मैं) उस ख़ुदा के नाम से (षुरू करता हॅू) जो बड़ा मेहरबान रहम वाला है <br />
ऐ ईमानदारों (अपने) इक़रारों को पूरा करो (देखो) तुम्हारे वास्ते चैपाए जानवर हलाल कर दिये गये उन के सिवा जो तुमको पढ़ कर सुनाए जाएॅगे हलाल कर दिए गए मगर जब तुम हालते एहराम में हो तो षिकार को हलाल न समझना बेषक ख़ुदा जो चाहता है हुक्म देता है (1)
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