"जयपुर-अतरौली घराना": अवतरणों में अंतर

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'''जयपुर-अतरौली घराना''' (जिसे '''जयपुर घराना''', '''अतरौली-जयपुर घराना''' और '''अल्लादियाखानी गायकी''' के नाम से भी जाना जाता है) एक [[हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत|हिंदुस्तानी संगीत]] शिक्षुता बिरादरी ([[घराना-संगीत|घराना]]) है, जिसकी स्थापना 19वीं सदी के अंत में [[अल्लादिया खान]] ने की थी। यह [[ध्रुपद]] परंपरा से विकसित हुआ है, लेकिन इसे आमतौर पर [[ख़याल]] के लिए जाना जाता है।
अलीगढ़ के निकट स्थित अतरौली नामक गांव में काली खां तथा चांद खां नामक भाइयों द्वारा स्थापित यह घराना धुपद गायकी के लिए प्रसिद्ध है।इस घराने के संगीत कारों में छज्जू खां ,हुसैन खां,खैराती खां आदी हैं।
यह घराने केसरबाई केरकर, मोगुबाई कुर्दीकर, मल्लिकार्जुन मंसूर, किशोरी अमोनकर और अश्विनी भिड़े-देशपांडे जैसे प्रशंसित संगीतकारों के लिए जाना जाता है।