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[https://sahurajnishprakash.blogspot.com/2021/08/blog-post.html]              "मेरे पापा"
 
रचयिता : साहु रजनीश प्रकाश
 
मेरे पापा प्यारे पापा,
 
याद आपकी आती है।
 
आंखें मेरी भर आतीं हैं ,
 
पापा क्युं हमें सताते हो।।
 
क्यूं हमें सोता छोड़ चले जाते हो
 
मम्मा के सहारे छोड़ जाते हो
 
अकेले छोड़ जाते हो.....
 
मेरे पापा प्यारे पापा
 
आपकी याद हमें जब आती है।
 
मम्मा हमें बताती है।
 
पापा जल्दी आएंगे
 
टॉफी और खिलौने लाएगे।।
 
वापस आप जब आते हो
 
टॉफी और खिलौने लाते हो
 
याद आपकी आती है
 
आंखें मेरी भर आतीं हैं।
 
जब आप ड्यूटी जाते हो
 
मम्मा हमें बताती है।
 
रोओ ना ! पापा जल्दी आएंगे
 
टॉफी और खिलौने लाएगें।।
 
मै हूँ एक नन्हा बच्चा
 
पापा-पापा कह कर रुक जाता हूँ
 
अपने मन को समझाता हूँ
 
फिर से एक नयी उम्मीद़ लगाता हूँ
 
सप्ताहांत मे आप आओगे
 
खेल खिलौने लाओगे
 
किससे कहूं?कैसे कहूं पापा !
 
हमें आपकी जरुरत है।
 
बिन मेरे आप कैसे रह पाते हो
 
मेरे पापा प्यारे पापा
 
बोलो ना ! कैसे रह पाते हो?
 
कैसे रह पाते हो कैसे रह पाते हो....