"रामनरेश त्रिपाठी": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति 89:
: ''लीजिए हमको शरण में, हम सदाचारी बनें,
: ''ब्रह्मचारी, धर्मरक्षक, वीरव्रत धारी बनें। --
गत हमारी आयु हो प्रभु! लोक के उपकार में ▼
▲गत हमारी आयु हो प्रभु! लोक के उपकार में
रामनरेश त्रिपाठी''▼
▲हाथ डालें हम कभी क्यों भूलकर अपकार में'
▲ रामनरेश त्रिपाठी''
==== हमारे पूर्वज<ref name=":1" /> ====
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