"सर्वनाम": अवतरणों में अंतर
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हिंदी के मूल सर्वनाम 11 हैं, जैसे- मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, क्या, कोई, कुछ।
प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के छः प्रकार हैं-
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पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद हैं :
उत्तम पुरुष (Uttam Purush)
पंक्ति 86:
आ. मध्यम पुरूष- श्रोता के
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जो सर्वनाम तीनों पुरूषों (उत्तम, मध्यम और अन्य) में निजत्व का बोध कराता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-
मैं खुद लिख लूँगा।
पंक्ति 95:
जैसे-मैं आप वहीं से आया हूँ।
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जो सर्वनाम निकट या दूर की किसी वस्तु की ओर संकेत करे, उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-
यह लड़की है।
पंक्ति 111:
इन वाक्यों में कोई और कुछ शब्द अनिश्चयवाचक सर्वनाम हैं। कोई शब्द का प्रयोग किसी अनिश्चित व्यक्ति के लिए और कुछ शब्द का प्रयोग किसी अनिश्चित पदार्थ के लिए प्रयुक्त होता है।
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जो सर्वनाम किसी दूसरी संज्ञा या सर्वनाम से संबंध दिखाने के लिए प्रयुक्त हो, संबंधवाचक सर्वनाम का प्रयोग वाक्य में दो शब्दों को जोड़ने के लिए भी किया जाता है उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे जो,वो,सो आदि
उदाहरण:- "जो करेगा सो भरेगा, जैसे-वैसे, जिसकी-उसकी, जितना-उतना, आदि।"
पंक्ति 118:
जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी वस्तु या व्यक्ति का सम्बन्ध बताने के लिए किया जाए वे शब्द संबंधवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।
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जिस सर्वनाम से किसी प्रश्न का बोध होता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे-
तुम कौन हो ?
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