"सोमेश्वर चौहान": अवतरणों में अंतर

[अनिरीक्षित अवतरण][अनिरीक्षित अवतरण]
पृथ्वीराज रासो में सोमेश्वर चौहान जी को गुर्जर नरेश कह कर प्रस्तुत किया गया है जिससे साफ होता है कि सोमेश्वर जी एक गुर्जर राजा थे
टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 36:
सोमेश्वर का राज्य प्राय: सुख और शांति का था। उसने अर्णोराज के नाम से एक नगर बसाया और अनेक मंदिर बनवाए जिनमें से एक भगवान्‌ त्रिपुरुष देव का और दूसरा वैद्यनाथ देव का था। ब्राह्मण और अब्राह्मणों सभी संप्रदायों को उसकी संरक्षा प्राप्त थी। सोमेश्वरीय द्रम्मों का प्रचलन भी इसके राज्य के ऐश्वर्य को द्योतित करता है।
 
सोमेश्वर ने प्रतापलंकेश्वर की पदवी धारण की। पृथ्वीराजरासो के अनुसार उसका विवाह दिल्ली के गुर्जर तंवर राजा अनंगपाल की पुत्री कमला देवी से हुआ<ref name="Mehara 1992 p. ">{{cite book | last=Mehara | first=J. | title=Rājasthāna ke itihāsa kā sarvekshaṇa | publisher=Rājasthānī Granthāgāra | year=१९९२ | url=http://books.google.co.in/books?id=xg4bAAAAIAAJ | language=hi| accessdate=२४ मार्च २०२० | page=}}</ref> और पृथ्वीराज इसका पुत्र था।<ref name="Jośī 1994 p. ">{{cite book | last=Jośī | first=K. | title=Śrīpāda Śāstrī Hasūrakara, vyakti evaṃ abhivyakti | publisher=Pratibhā Prakāśana | year=१९९४ | url=http://books.google.co.in/books?id=UuJjAAAAMAAJ | language=hi | accessdate=२४ मार्च २०२० | page=}}</ref> इसी काव्य में गुजरात के राजा भीम के हाथों उसकी मृत्यु का उल्लेख है। ये दोनों बातें असत्य हैं। पृथ्वीराज कर्पूरीदेवी के पुत्र थेें और सोमेश्वर की मृत्यु के समय भीम गुजरात का राजा नहीं बना था। किंतु गुजरात से उसकी कुछ अनबन अवश्य हुई थी। उसकी मृत्यु के समय [[पृथ्वीराज चौहान]] केवल दस साल केे थें ।
{{sfn|Dasharatha Sharma|1959|pp=69-70}}