"ईसाई धर्म": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Latin Cross.svg|200px|thumbnail|right|'''ईद्भास/क्रॉस''' - यह ईसाई धर्म का निशान है]]
'''ईसाई धर्म''' ('''मसीही''' या '''
ईसाई धर्म के अनुसार मूर्तिपूजा, हत्या, व्यभिचार व किसी को भी व्यर्थ आघात पहुंचाना पाप है। 4थी सदी तक यह धर्म किसी क्रांति की तरह फैला, किन्तु इसके बाद ईसाई धर्म में अत्यधिक [[कर्मकांड|कर्मकांडों]] की प्रधानता तथा [[कैथोलिक कलीसिया|धर्मसत्ता]] ने दुनिया को [[अंधकार युग]] में धकेल दिया था। फलस्वरूप [[पुनर्जागरण]] के बाद से इसमें रीति-रिवाज़ों के बजाय आत्मिक परिवर्तन पर अधिक ज़ोर दिया जाता है।
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