"उत्तर प्रदेश": अवतरणों में अंतर

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राज्य में देश में एक विशाल और बहुविध परिवहन प्रणाली है, जिसके अंतर्गत देश का सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क भी है। उत्तर प्रदेश अपने नौ पड़ोसी राज्यों और भारत के लगभग सभी अन्य हिस्सों से [[राष्ट्रीय राजमार्ग (भारत)|राष्ट्रीय राजमार्गों]] के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कुल ४२ राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य में हैं, जिनकी लंबाई ४,९४२ किमी (भारत में राजमार्गों की कुल लंबाई का ९.६%) है। [[उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम]] की स्थापना १९७२ में राज्य में सस्ती, विश्वसनीय और आरामदायक परिवहन सेवा प्रदान करने के लिए की गई थी और यह पूरे देश में लाभ में चलने वाला एकमात्र राज्य परिवहन निगम है। राज्य के सभी नगर [[उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची|राज्य राजमार्गों]] से जुड़े हुए हैं, और सभी जनपद मुख्यालयों को फोर लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है जो राज्य के भीतर प्रमुख केंद्रों के बीच यातायात ले जाती हैं। इन्हीं में से एक है [[आगरा लखनऊ द्रुतगामी मार्ग|आगरा–लखनऊ एक्सप्रेसवे]], जो कि पुरानी भीड़ग्रस्त सड़कों पर वाहनों के यातायात को कम करने के लिए [[उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण]] (यूपीईआईडीए) द्वारा निर्मित ३०२ किमी (१८८ मील) लम्बा नियंत्रित-पहुंच राजमार्ग है। यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, जिसने लखनऊ और [[आगरा]] के बीच यात्रा के समय को ६ घंटे से घटाकर ३.३० घंटे कर दिया है। अन्य जिला सड़कें व ग्रामीण सड़कें ग्रामों को उनकी सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पहुँच प्रदान करती हैं और साथ ही कृषि उपज को आस-पास के बाजारों तक पहुँचाने के साधन भी प्रदान करती हैं। प्रमुख जिला सड़कें मुख्य सड़कों और ग्रामीण सड़कों को जोड़ने का एक द्वितीयक कार्य करती हैं। उत्तर प्रदेश में भारत में सबसे अधिक सड़क घनत्व (१,०२७ किमी प्रति १००० वर्ग किमी) और देश में सबसे बड़ा नगरीय-सड़क नेटवर्क (५०,७२१ किमी) है।
 
राज्य में दो अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र हैं – लखनऊ में स्थित [[अमौसी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र|चौधरी चरण सिंह अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]] एवं वाराणसी में स्थित [[लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा|लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]]। इसके अतिरिक्त [[आगरा विमानक्षेत्र|आगरा]], [[इलाहाबाद हवाई अड्डा|इलाहाबाद]], [[कानपुर विमानक्षेत्र|कानपुर]], [[हिण्डन हवाई अड्डा|गाजियाबाद]], [[गोरखपुर विमानक्षेत्र|गोरखपुर]] व [[बरेली हवाई अड्डा|बरेली]] में घरेलू विमानक्षेत्र हैं। लखनऊ विमानक्षेत्र नई दिल्ली में स्थित [[इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा|इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]] के बाद [[उत्तर भारत]] का दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। इन सब के अलावा दो नए अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र [[कुशीनगर]] एवं [[ग्रेटर नोएडा]] के निकट स्थित [[जेवर]] में निर्माणाधीन हैं, जबकि [[फिरोजाबाद जिला|फिरोजाबाद जिले]] के [[टुंडला]] के निकट ताज अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भी प्रस्तावित है। [[लखनऊ मेट्रो]] ९ मार्च २०१९ से परिचालन में है, जबकि [[आगरा मेट्रो]] व [[कानपुर मेट्रो]] निर्माणाधीन हैं। राजधानी में अप्रवासियों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है और इस कारण परिवहन के सार्वजनिक साधनों में परिवर्तन पर जोर है। राज्य के आंतरिक परिवहन तंत्र में [[गंगा]], [[यमुना]] व [[घाघरा]] नदियों की अंतर्देशीय जल परिवहन व्यवस्था भी शामिल है।
राज्य के प्रमुख शहर व नगर सड़कों व रेल सम्पर्क से जुड़े हैं, फिर भी आमतौर पर सड़कों की स्थिति ख़राब है और रेल की पटरियों की भिन्न लाइनों (बड़ी और छोटी) के बीच सामंजस्य न होने के कारण रेल प्रणाली भी प्रभावित हुई है। लखनऊ उत्तरी नेटवर्क का मुख्य जंक्शन है। उत्तर प्रदेश के मुख्य नगर वायुमार्ग द्वारा दिल्ली व भारत के अन्य शहरों से जुड़े हुए हैं। राज्य के भीतर के परिवहन तंत्र में गंगा, यमुना और घाघरा नदियों की अंतर्देशीय जल परिवहन व्यवस्था भी शामिल है।
 
राज्य के प्रमुख शहर व नगर सड़कों व रेल सम्पर्क से जुड़े हैं, फिर भी आमतौर पर सड़कों की स्थिति ख़राब है और रेल की पटरियों की भिन्न लाइनों (बड़ी और छोटी) के बीच सामंजस्य न होने के कारण रेल प्रणाली भी प्रभावित हुई है। लखनऊ उत्तरी नेटवर्क का मुख्य जंक्शन है। उत्तर प्रदेश के मुख्य नगर वायुमार्ग द्वारा दिल्ली व भारत के अन्य शहरों से जुड़े हुए हैं। राज्य के भीतर के परिवहन तंत्र में गंगा, यमुना और घाघरा नदियों की अंतर्देशीय जल परिवहन व्यवस्था भी शामिल है।
 
* सड़कें