"उत्तर प्रदेश": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:United Provinces 1903.gif|right|thumb|250px| आगरा और अवध संयुक्त प्रांत 1903]]
[[चित्र:Seal of Uttar Pradesh.jpg|right|thumb|250px|उत्तर प्रदेश सरकार का राजचिन्ह]]
 
'''उत्तर प्रदेश''' [[भारत]] का सबसे बड़ा (जनसंख्या के आधार पर) राज्य है। [[लखनऊ]] प्रदेश प्रशासनिक व विधायिक [[राजधानी]] है और [[प्रयागराज]] न्यायिक [[राजधानी]] है। [[आगरा]], [[अयोध्या]], [[कानपुर]], [[झाँसी]], [[बरेली]], [[मेरठ]], [[वाराणसी]], [[गोरखपुर]], [[मथुरा]], [[मुरादाबाद]] तथा [[आज़मगढ़]] प्रदेश के अन्य महत्त्वपूर्ण शहर हैं। राज्य के उत्तर में [[उत्तराखण्ड]] तथा [[हिमाचल प्रदेश]], पश्चिम में [[हरियाणा]], [[दिल्ली]] तथा [[राजस्थान]], दक्षिण में [[मध्य प्रदेश]] तथा [[छत्तीसगढ़]] और पूर्व में [[बिहार]] तथा [[झारखंड]] राज्य स्थित हैं। इनके अतिरिक्त राज्य की की पूर्वोत्तर दिशा में [[नेपाल]] देश है।
 
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पास स्थित [[सारनाथ]] का चौखन्डी स्तूप भगवान बुद्ध के प्रथम प्रवचन की याद दिलाता है। समय के साथ यह क्षेत्र छोटे-छोटे राज्यों में बँट गया या फिर बड़े साम्राज्यों, गुप्त, मोर्य और कुषाण का हिस्सा बन गया। ७वीं शताब्दी में [[कन्नौज]] [[गुप्त साम्राज्य]] का प्रमुख केन्द्र था।
 
=== बौद्ध काल ===
उत्तर प्रदेश हिन्दू धर्म का प्रमुख स्थल रहा। प्रयाग के कुम्भ का महत्त्व पुराणों में वर्णित है। त्रेतायुग में विष्णु अवतार श्री रामचंद्र ने अयोध्या में (जो अभी अयोध्या जिले में स्थित है) में जन्म लिया। राम भगवान का चौदह वर्ष के वनवास में प्रयाग, [[चित्रकूट]], श्रंगवेरपुर आदि का महत्त्व है। भगवान कृष्णा का जन्म मथुरा में और पुराणों के अनुसार विष्णु के दसम अवतार का कलयुग में अवतरण भी उत्तर प्रदेश में ही वर्णित है। काशी (वाराणसी) में विश्वनाथ मंदिर के शिवलिंग का सनातन धर्म विशेष महत्त्व रहा है। सनातन धर्म के प्रमुख ऋषि रामायण रचयिता महर्षि बाल्मीकि, रामचरित मानस रचयिता गोस्वामी तुलसीदास (जन्म- [[राजापुर चित्रकूट]]), महर्षि भरद्वाज|
 
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इस काल के दौरान [[बौद्ध]] संस्कृति, का उत्कर्ष हुआ। अशोक के शासनकाल के दौरान बौद्ध कला के स्थापत्य व वास्तुशिल्प प्रतीक अपने चरम पर पहुँचे। [[गुप्त काल]] (लगभग 320-550) के दौरान हिन्दू कला का भी अधिकतम विकास हुआ। लगभग 647 ई. में हर्ष की मृत्यु के बाद हिन्दूवाद के पुनरुत्थान के साथ ही [[बौद्ध धर्म]] का धीरे-धीरे पतन हो गया। इस पुनरुत्थान के प्रमुख रचयिता [[दक्षिण भारत]] में जन्मे शंकर थे, जो [[वाराणसी]] पहुँचे, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मैदानों की यात्रा की और [[हिमालय]] में [[बद्रीनाथ]] में प्रसिद्ध [[मन्दिर]] की स्थापना की। इसे हिन्दू मतावलम्बी चौथा एवं अन्तिम मठ (हिन्दू संस्कृति का केन्द्र) मानते हैं।
 
=== मुस्लिम काल ===
 
इस क्षेत्र में हालाँकि 1000-1030 ई. तक मुसलमानों का आक्रमण हो चुका था, किन्तु उत्तरी भारत में 12वीं शताब्दी के अन्तिम दशक के बाद ही मुस्लिम शासन स्थापित हुआ, जब [[मुहम्मद ग़ोरी]] ने गहड़वालों (जिनका उत्तर प्रदेश पर शासन था) और अन्य प्रतिस्पर्धी वंशों को हराया था। लगभग 650 वर्षों तक अधिकांश [[भारत]] की तरह उत्तर प्रदेश पर भी किसी न किसी मुस्लिम वंश का शासन रहा, जिनका केन्द्र दिल्ली या उसके आसपास था। 1526 ई. में [[बाबर]] ने दिल्ली के सुलतान [[इब्राहीम लोदी]] को हराया और सर्वाधिक सफल मुस्लिम वंश, मुग़ल वंश की नींव रखी। इस साम्राज्य ने 350 वर्षों से भी अधिक समय तक [[उपमहाद्वीप]] पर शासन किया। इस साम्राज्य का महानतम काल [[अकबर]] (शासनकाल 1556-1605 ई.) से लेकर औरंगजेब आलमगीर (1707) का काल था, जिन्होंने [[आगरा]] के पास नई शाही राजधानी [[फ़तेहपुर सीकरी]] का निर्माण किया। उनके पोते [[शाहजहाँ]] (शासनकाल 1628-1658 ई.) ने [[आगरा]] में [[ताजमहल]] (अपनी बेगम की याद में बनवाया गया मक़बरा, जो प्रसव के दौरान चल बसी थीं) बनवाया, जो [[विश्व]] के महानतम वास्तुशिल्पीय नमूनों में से एक है। शाहजहाँ ने आगरा व दिल्ली में भी वास्तुशिल्प की दृष्टि से कई महत्त्वपूर्ण इमारतें बनवाईं थीं। मुस्लिम काल के भारत को ही अँग्रेज़ सोने की चिड़िया कहा करते थे।
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उत्तर प्रदेश में केन्द्रित [[मुग़ल साम्राज्य]] ने एक नई मिश्रित संस्कृति के विकास को प्रोत्साहित किया। अकबर इसके प्रतिपादक थे, जिन्होंने बिना किसी भेदभाव के अपने दरबार में [[वास्तुशिल्प]], [[साहित्य]], [[चित्रकला]] और [[संगीत]] विशेषज्ञों को नियुक्त किया था। भारत के विभिन्न मत और [[इस्लाम]] के मेल ने कई नए मतों का विकास किया, जो भारत की विभिन्न जातियों के बीच साधारण सहमति प्रस्थापित करना चाहते थे। [[भक्ति आन्दोलन]] के संस्थापक [[रामानन्द]] (लगभग 1400-1470 ई.) का प्रतिपादन था कि, किसी व्यक्ती की मुक्ति ‘लिंग’ या ‘जाति’ पर आश्रित नहीं होती। सभी धर्मों के बीच अनिवार्य एकता की शिक्षा देने वाले [[कबीर]] ने उत्तर प्रदेश में मौजूद धार्मिक असहिष्णुता के विरुद्ध अपनी लड़ाई केन्द्रित की। 18वीं शताब्दी में मुग़लों के पतन के साथ ही इस मिश्रित संस्कृति का केन्द्र दिल्ली से लखनऊ चला गया, जो [[अवध]] के नवाब के अन्तर्गत था और जहाँ साम्प्रदायिक सद्भाव के वातावरण में कला, साहित्य, संगीत और काव्य का उत्कर्ष हुआ।
 
=== ब्रिटिश काल ===
लगभग 75 वर्ष की अवधि में उत्तर प्रदेश के क्षेत्र का [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] ([[ब्रिटिश]] व्यापारिक कम्पनी) ने धीरे-धीरे अधिग्रहण किया। विभिन्न उत्तर भारतीय वंशों 1775, 1798 और 1801 में नवाबों, 1803 में सिंधिया और 1816 में गोरखों से छीने गए प्रदेशों को पहले बंगाल प्रेज़िडेन्सी के अन्तर्गत रखा गया, लेकिन 1833 में इन्हें अलग करके पश्चिमोत्तर प्रान्त (आरम्भ में आगरा प्रेज़िडेन्सी कहलाता था) गठित किया गया। 1856 ई. में कम्पनी ने [[अवध]] पर अधिकार कर लिया और आगरा एवं अवध संयुक्त प्रान्त (वर्तमान उत्तर प्रदेश की सीमा के समरूप) के नाम से इसे 1877 ई. में पश्चिमोत्तर प्रान्त में मिला लिया गया। 1902 ई. में इसका नाम बदलकर संयुक्त प्रान्त कर दिया गया।
 
1857-1859 ई. के बीच [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी]] के विरुद्ध हुआ विद्रोह मुख्यत: पश्चिमोत्तर प्रान्त तक सीमित था। 10 मई 1857 ई. को [[मेरठ]] में सैनिकों के बीच भड़का विद्रोह कुछ ही महीनों में 25 से भी अधिक शहरों में फैल गया। 18 57 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में [[झाँसी]] की [[रानी लक्ष्मीबाई]] की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही। उन्होंने अंग्रेजों से डटकर मुकाबला किया और ब्रिटिश सेना के छक्के छुड़ा दिए। 1858 ई. में विद्रोह के दमन के बाद पश्चिमोत्तर और शेष ब्रिटिश भारत का प्रशासन ईस्ट इण्डिया कम्पनी से ब्रिटिश ताज को हस्तान्तरित कर दिया गया। 1880 ई. के उत्तरार्द्ध में भारतीय राष्ट्रवाद के उदय के साथ संयुक्त प्रान्त स्वतंत्रता आन्दोलन में अग्रणी रहा। प्रदेश ने भारत को [[मोतीलाल नेहरू]], [[मदन मोहन मालवीय]], [[जवाहरलाल नेहरू]] और [[पुरुषोत्तम दास टंडन]] जैसे महत्त्वपूर्ण राष्ट्रवादी राजनीतिक नेता दिए। 1922 में भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव हिलाने के लिए किया गया [[महात्मा गांधी]] का असहयोग आन्दोलन पूरे संयुक्त प्रान्त में फैल गया, लेकिन [[चौरी चौरा]] गाँव (प्रान्त के पूर्वी भाग में) में हुई हिंसा के कारण महात्मा गांधी ने अस्थायी तौर पर आन्दोलन को रोक दिया। संयुक्त प्रान्त [[मुस्लिम लीग]] की राजनीति का भी केन्द्र रहा। ब्रिटिश काल के दौरान रेलवे, [[नहर]] और प्रान्त के भीतर ही संचार के साधनों का व्यापक विकास हुआ। अंग्रेज़ों ने यहाँ आधुनिक शिक्षा को भी बढ़ावा दिया और यहाँ पर [[लखनऊ विश्वविद्यालय]] (1921 में स्थापित) जैसे [[विश्वविद्यालय]] व कई [[महाविद्यालय]] स्थापित किए।
 
=== प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम ===
सन 1857 में अंग्रेजी फौज के भारतीय सिपाहियों ने विद्रोह कर दिया। यह विद्रोह एक साल तक चला और अधिकतर उत्तर भारत में फ़ैल गया। इसे भारत का प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम कहा गया। इस विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ शहर में हुआ। इस का कारण अंग्रेज़ों द्वारा गाय और सुअर की चर्बी से युक्त कारतूस देना बताया गया। इस संग्राम का एक प्रमुख कारण [[डलहौजी]] की राज्य हड़पने की नीति भी थी। यह लड़ाई मुख्यतः [[दिल्ली]],[[लखनऊ]],[[कानपुर]],[[झाँसी]] और [[बरेली]] में लड़ी गयी। इस लड़ाई में [[झाँसी]] की [[रानी लक्ष्मीबाई]], अवध की [[बेगम हज़रत महल]], बख्त खान, [[नाना साहेब]], मौल्वी अहमदुल्ला शाह्, राजा बेनी माधव सिंह्, अजीमुल्लाह खान और अनेक देशभक्तों ने भाग लिया।
 
=== बीसवीं सदी ===
सन १९०२ में नार्थ वेस्ट प्रोविन्स का नाम बदल कर यूनाइटेड प्रोविन्स ऑफ आगरा एण्ड अवध कर दिया गया। साधारण बोलचाल की भाषा में इसे यूपी कहा गया। सन् १९२० में प्रदेश की राजधानी को [[प्रयागराज]] से [[लखनऊ]] कर दिया गया। प्रदेश का उच्च न्यायालय [[प्रयागराज]] ही बना रहा और लखनऊ में [[उच्च न्यायालय]] की एक न्यायपीठ स्थापित की गयी।
 
=== स्वतंत्रता पश्चात का काल ===
1947 में संयुक्त प्रान्त नव स्वतंत्र भारतीय गणराज्य की एक प्रशासनिक इकाई बना। दो साल बाद इसकी सीमा के अन्तर्गत स्थित, टिहरी गढ़वाल और रामपुर के स्वायत्त राज्यों को संयुक्त प्रान्त में शामिल कर लिया गया। 1950 में नए संविधान के लागू होने के साथ ही 24 जनवरी सन 1950 को इस संयुक्त प्रान्त का नाम उत्तर प्रदेश रखा गया और यह भारतीय संघ का राज्य बना। स्वतंत्रता के बाद से भारत में इस राज्य की प्रमुख भूमिका रही है। इसने देश को जवाहर लाल नेहरू और उनकी पुत्री इंदिरा गांधी सहित कई प्रधानमंत्री, सोशलिस्ट पार्टी के संस्थापक आचार्य नरेन्द्र देव, जैसे प्रमुख राष्ट्रीय विपक्षी (अल्पसंख्यक) दलों के नेता और भारतीय जनसंघ, बाद में भारतीय जनता पार्टी व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेता दिए हैं। राज्य की राजनीति, हालाँकि विभाजनकारी रही है और कम ही मुख्यमंत्रियों ने पाँच वर्ष की अवधि पूरी की है। [[गोविंद वल्लभ पंत]] इस प्रदेश के प्रथम मुख्य मन्त्री बने। अक्टूबर १९६३ में [[सुचेता कृपलानी]] उत्तर प्रदेश एवम भारत की प्रथम महिला मुख्य मन्त्री बनीं।<br />
<br />
सन २००० में पूर्वोत्तर उत्तर प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्र स्थित गढ़वाल और कुमाऊँ मण्डल को मिला कर एक नये राज्य [[उत्तरांचल]] का गठन किया गया जिसका नाम बाद में बदल कर 2007 में [[उत्तराखण्ड]] कर दिया गया है।
 
=== राज्य का विभाजन ===
उत्तर प्रदेश के गठन के तुरन्त बाद [[उत्तराखण्ड]] क्षेत्र ([[गढ़वाल]] और [[कुमाऊँ]] क्षेत्र द्वारा निर्मित) में समस्याएँ उठ खड़ी हुईं। इस क्षेत्र के लोगों को लगा कि, विशाल जनसंख्या और वृहद भौगोलिक विस्तार के कारण [[लखनऊ]] में बैठी सरकार के लिए उनके हितों की देखरेख करना सम्भव नहीं है। बेरोज़गारी, गरीबी और सामान्य व्यवस्था व पीने के पानी जैसी आधारभूत सुविधाओं की कमी और क्षेत्र के अपेक्षाकृत कम विकास ने लोगों को एक अलग राज्य की माँग करने पर विवश कर दिया। शुरू-शुरू में विरोध कमज़ोर था, लेकिन 1990 के दशक में इसने ज़ोर पकड़ा व आन्दोलन तब और भी उग्र हो गया, जब 2 अक्टूबर 1994 को [[मुज़फ़्फ़रनगर]] में इस आन्दोलन के एक प्रदर्शन में पुलिस द्वारा की गई गोलीबारी में 40 लोग मारे गए। अन्तत: नवम्बर, 2000 में उत्तर प्रदेश के पश्चिमोत्तर हिस्से से [[उत्तरांचल]] के नए राज्य का, जिसमें कुमाऊँ और गढ़वाल के पहाड़ी क्षेत्र शामिल थे, गठन किया गया।
 
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होता है। उत्तर प्रदेश ८ राज्यों - [[उत्तराखण्ड]], [[हिमाचल प्रदेश]], [[हरियाणा]], [[राजस्थान]], [[मध्य प्रदेश]], [[छत्तीसगढ़]], [[झारखण्ड]], [[बिहार]] से घिरा राज्य है
 
=== भूगोलीय तत्व ===
 
उत्तर प्रदेश के प्रमुख भूगोलीय तत्व इस प्रकार से हैं-
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राज्य में वन मुख्यत: दक्षिणी उच्चभूमि पर केन्द्रित हैं, जो ज़्यादातर झाड़ीदार हैं। विविध स्थलाकृति एवं जलवायु के कारण इस क्षेत्र का प्राणी जीवन समृद्ध है। इस क्षेत्र में शेर, तेंदुआ, हाथी, जंगली सूअर, घड़ियाल के साथ-साथ कबूतर, फ़ाख्ता, जंगली बत्तख़, तीतर, मोर, कठफोड़वा, नीलकंठ और बटेर पाए जाते हैं। कई प्रजातियाँ, जैसे-गंगा के मैदान से सिंह और तराई क्षेत्र से गैंडे अब विलुप्त हो चुके हैं। वन्य जीवन के संरक्षण के लिए सरकार ने 'चन्द्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य' और 'दुधवा अभयारण्य' सहित कई [[अभयारण्य]] स्थापित किए हैं।
 
== मण्डल, जिले व नगर ==
== जनसांख्यिकी ==
[[चित्र:Uttar Pradesh is largest subdivion by population in the world. Red area has smaller population than Uttar Pradesh, India.jpg|अंगूठाकार|उत्तर प्रदेश विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाली उप राष्ट्रीय इकाई है। लाल क्षेत्र की आबादी राज्य से कम है।]]
उत्तर प्रदेश [[भारत]] का [[जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र|सर्वाधिक जनसंख्या]] वाला राज्य है। १ मार्च २०११ को १९,९५,८१,४७७ लोगों के साथ,<ref name=autogenerated7>{{cite web|title=Provisional population totals|url=http://censusindia.gov.in/2011-prov-results/paper2/data_files/UP/7-pop-12-22.pdf|publisher=Census of India 2011|access-date=23 July 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130207004512/http://www.censusindia.gov.in/2011-prov-results/paper2/data_files/UP/7-pop-12-22.pdf|archive-date=7 February 2013}}</ref> यह विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाली उप राष्ट्रीय इकाई है। विश्व में केवल पाँच राष्ट्रों [[चीनी जनवादी गणराज्य|चीन]], स्वयं भारत, [[संयुक्त राज्य अमेरीका|सं॰रा॰अमेरिका]], [[इण्डोनेशिया]] और [[ब्राज़ील]] की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। भारत की कुल जनसंख्या में १६.२% लोग उत्तर प्रदेश में निवास करते हैं। १९९१ से २००१ तक राज्य की जनसंख्या में २६% से अधिक की वृद्धि हुई।<ref name=population>{{cite web |title=The density of population in U.P. |url=http://upenvis.nic.in/Database/Overview_847.aspx |publisher=Environment and Related Issues Department U.P |access-date=23 July 2012 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20121215062041/http://upenvis.nic.in/Database/Overview_847.aspx |archive-date=15 December 2012}}</ref> राज्य का जनसंख्या घनत्व ८२८ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जो इसे देश के सबसे सघन जनसंख्या वाले राज्यों में से एक बनाता है।<ref name="Statistics" /> उत्तर प्रदेश में [[अनुसूचित जाति]] की जनसंख्या सबसे अधिक है जबकि [[अनुसूचित जनजाति]] के लोगों की संख्या कुल जनसंख्या के १ प्रतिशत से भी कम है।<ref name="Tribe">{{cite web |title=Scheduled castes and scheduled tribes |url=https://censusindia.gov.in/Census_And_You/scheduled_castes_and_sceduled_tribes.aspx |publisher=Office of the Registrar General & Census Commissioner, India |access-date=12 June 2020}}</ref><ref name="Indigenous">{{cite web |last1=Kaul |first1=Sudesh |title=Indigenous Peoples Policy Framework |url=http://documents.worldbank.org/curated/en/467821468035383950/pdf/IPP7630P14786400Box385405B00PUBLIC0.pdf |publisher=World Bank |access-date=12 June 2020}}</ref>
 
२०११ में ९१२ महिलाओं प्रति १००० पुरुष का राज्य का [[लिंगानुपात]], ९४३ के राष्ट्रीय आंकड़े से कम था।<ref name="pc-census2011" /> राज्य की २००१-२०११ की दशकीय विकास दर ([[उत्तराखण्ड]] सहित) २०.१% थी, जो १७.६४% की राष्ट्रीय दर से अधिक थी।<ref name=Decennial>{{cite web|title=Decennil growth of population by census|url=http://www.cwc.nic.in/Water_Data_Pocket_Book_2006/t9.01final.pdf|work=Census of India (2011)|access-date=5 October 2011|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20090410021912/http://www.cwc.nic.in/Water_Data_Pocket_Book_2006/t9.01final.pdf|archive-date=10 April 2009}}</ref><ref name=decennialgrowth>{{cite web|title=Decennial growth rate and density for 2011 at a glance for Uttar Pradesh and the districts: provisional population totals paper 1 of 2011|url=http://www.censusindia.gov.in/2011-prov-results/prov_data_products_up.html|work=Census of India(2011)|access-date=5 October 2011|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20111007014159/http://censusindia.gov.in/2011-prov-results/prov_data_products_up.html|archive-date=7 October 2011}}</ref> उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग [[निर्धनता सीमा|गरीबी रेखा]] से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।<ref name=poverty /> २०१६ में जारी [[विश्व बैंक]] के एक आलेख के अनुसार, राज्य में गरीबी घटने की गति देश के बाकी हिस्सों की तुलना में धीमी रही है।<ref name="World Bank">{{cite web |title=Uttar Pradesh Poverty, Growth & Inequality |url=http://documents.worldbank.org/curated/en/187721467995647501/pdf/105884-BRI-P157572-ADD-SERIES-India-state-briefs-PUBLIC-UttarPradesh-Proverty.pdf |publisher=World Bank |access-date=23 May 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20171116021320/http://documents.worldbank.org/curated/en/187721467995647501/pdf/105884-BRI-P157572-ADD-SERIES-India-state-briefs-PUBLIC-UttarPradesh-Proverty.pdf |archive-date=16 November 2017 |url-status=live}}</ref> वर्ष २०११-१२ के लिए [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] द्वारा जारी अनुमानों के अनुसार उत्तर प्रदेश में ५.९ करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, जो भारत के किसी भी राज्य के लिए सबसे अधिक हैं।<ref name=poverty>{{cite web|title=The state with large no. of peoples living below poverty line|url=http://pib.nic.in/newsite/erelease.aspx?relid=49731|work=Government of India|publisher=Press Information Bureau|access-date=5 October 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130208074013/http://pib.nic.in/newsite/erelease.aspx?relid=49731|archive-date=8 February 2013}}</ref><ref name=commission>{{cite web |url=http://planningcommission.nic.in/news/pre_pov2307.pdf |title=Press Note on Poverty Estimates, 2011–12 |website=Planning Commission |publisher=Government of India |access-date=11 August 2014 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20140628120737/http://planningcommission.nic.in/news/pre_pov2307.pdf |archive-date=28 June 2014}}</ref> विशेष रूप से राज्य के मध्य और पूर्वी जिलों में गरीबी का स्तर बहुत अधिक है। राज्य खपत असमानता का भी अनुभव कर रहा है। [[सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार]] की ७ जनवरी २०२० को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य की प्रति व्यक्ति आय ₹८,००० (यूएस$११०) प्रति वर्ष से भी कम है।<ref name="Annum">{{cite news |last1=Singh |first1=Hemant |title=Per Capita Income of Indian States 2019–20 |url=https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/per-capita-income-of-indian-states-1468997157-1 |access-date=23 May 2020 |work=Dainik Jagran |agency=Jagran Prakashan Limited |publisher=Jagran Josh |date=7 April 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20190826043616/https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/per-capita-income-of-indian-states-1468997157-1 |archive-date=26 August 2019 |url-status=live}}</ref>
 
{{Pie chart|value1=79.73|label7=अन्य|caption=उत्तर प्रदेश में धर्म (२०११)<ref name="religion census">{{cite news |last1=Number |first1=Religion |title=U.P religions by numbers |url=https://www.thehindu.com/news/national/religious-communities-census-2011-what-the-numbers-say/article7582284.ece |access-date=29 March 2020 |work=The Hindu |agency=The Hindu Group |issue=26 August 2015 |publisher=N. Ravi |archive-url=https://web.archive.org/web/20181115030444/https://www.thehindu.com/news/national/religious-communities-census-2011-what-the-numbers-say/article7582284.ece |archive-date=15 November 2018 |url-status=live}}</ref>|color8=black|color7=chartreuse|color6=yellow|color5=brown|color4=dodgerblue|color3=darkkhaki|color2=green|color1=darkorange|label8=कोई धर्म नहीं|label6=[[बौद्ध धर्म]]|value2=19.26|label5=[[जैन धर्म]]|label4=[[ईसाई धर्म]]|label3=[[सिख धर्म]]|label2=[[इस्लाम]]|label1=[[हिन्दू धर्म]]|value8=0.29|value7=0.01|value6=0.10|value5=0.11|value4=0.18|value3=0.32|thumb=left}}
२०११ की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां [[हिन्दू|हिन्दुओं]] और [[मुसलमान|मुसलमानों]] दोनों की संख्या सबसे अधिक है।<ref>{{cite web|url=http://www.deccanherald.com/content/497347/muslim-population-grew-faster-census.html|title=Muslim population grew faster: Census|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20150827035701/http://www.deccanherald.com/content/497347/muslim-population-grew-faster-census.html|archive-date=27 August 2015}}</ref> २०११ में राज्य की कुल जनसंख्या में से हिन्दू ७९.७%, मुसलमान १९.३%, [[सिख]] ०.३%, [[ईसाई]] ०.२%, [[जैन]] ०.१%, [[बौद्ध]] ०.१% और अन्य ०.३% थे।<ref>{{cite web|url= http://www.censusindia.gov.in/2011census/C-01/DDW09C-01%20MDDS.XLS|title= C1 – Population by religious community, Uttar Pradesh.|archive-url=https://web.archive.org/web/20150927145844/http://www.censusindia.gov.in/2011census/C-01/DDW09C-01%20MDDS.XLS |archive-date=27 September 2015 |work=Census India 2011|accessdate= 10 September 2011}}</ref> २०११ की जनगणना में राज्य की [[साक्षरता दर]] ६७.७% थी, जो राष्ट्रीय औसत ७४% से कम थी।<ref name="Literacy rate">{{cite web|title=Uttar Pradesh Profile|url=http://censusindia.gov.in/2011census/censusinfodashboard/stock/profiles/en/IND009_Uttar%20Pradesh.pdf|publisher=Census of India 2011|access-date=16 October 2010|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130208074636/http://censusindia.gov.in/2011census/censusinfodashboard/stock/profiles/en/IND009_Uttar%20Pradesh.pdf|archive-date=8 February 2013}}</ref><ref name="literacy rates">{{cite web |title= A comparison of the literacy rates |url= http://censusmp.gov.in/censusmp/All-PDF/6Literacy21.12.pdf |publisher= censusmp.gov.in |access-date= 16 October 2010 |url-status= live |archive-url= https://web.archive.org/web/20120417110338/http://censusmp.gov.in/censusmp/All-PDF/6Literacy21.12.pdf |archive-date= 17 April 2012 |df= dmy-all}}</ref> पुरुषों में साक्षरता दर ७९% और महिलाओं में ५९% है। २००१ में उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर ५६% थी; ६७% पुरुष और ४३% महिलाएं साक्षर थी।<ref name=Literacy>{{cite web |title= Literacy rate in Uttar Pradesh |url= http://www.census2011.co.in/census/state/uttar+pradesh.html |publisher= Census of India 2011 |access-date= 16 October 2010 |url-status= live |archive-url= https://web.archive.org/web/20110430133506/http://www.census2011.co.in/census/state/uttar+pradesh.html |archive-date= 30 April 2011 |df= dmy-all}}</ref> [[केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन]] (एनएसओ) के सर्वेक्षण{{efn|name=remark1|National Sample Survey - from July 2017 to June 2018’ provides state-wise details of literacy rates among persons aged seven and above.}} पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार २०१७ -१७ में उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर ७३% है, जो राष्ट्रीय औसत ७७.७% से कम है। इसी रिपोर्ट के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों में साक्षरता दर ८०.५% और महिलाओं में ६०.४% है, जबकि नगरीय क्षेत्रों में पुरुषों में साक्षरता दर ८६.८% और महिलाओं में ७४.९% है।<ref name="NSO">{{cite news |title=UP literacy rate poor than national average: Report |url=https://www.hindustantimes.com/education/up-literacy-rate-poor-than-national-average-report/story-04cd30glcG2IchqkB0TLaJ.html |access-date=20 June 2021 |work=Hindustan Times |agency=HT Media Ltd |date=September 8, 2020}}</ref>
 
{{Pie chart|value1=80.16|value2=10.93|value3=5.42|value4=1.9|label1=[[हिन्दी]]|label2=[[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]]|label3=[[उर्दू]]|label4=[[अवधी]]|color1=orange|color2=maroon|color3=green|color4=pink|value5=1.59|label5=अन्य|color5=grey|caption=२०११ की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की भाषाएँ<ref>{{cite web|url=http://censusindia.gov.in/2011Census/Language_MTs.html|title=Table C-16: Language by States and Union Territories – Uttar Pradesh|website=censusindia.gov.in|access-date=24 February 2021}}</ref>}}
[[हिन्दी]] उत्तर प्रदेश की आधिकारिक भाषा है और राज्य की अधिकांश जनसंख्या (८०.१६%) द्वारा बोली जाती है।<ref name="2011lang">{{cite web |url = http://www.nclm.nic.in/shared/linkimages/NCLM52ndReport.pdf |title = Report of the Commissioner for linguistic minorities: 52nd report (July 2014 to June 2015) |pages = 49–53 |publisher = Commissioner for Linguistic Minorities, Ministry of Minority Affairs, Government of India |access-date = 16 February 2016 |df = dmy-all |url-status = dead |archive-url = https://web.archive.org/web/20161115133948/http://nclm.nic.in/shared/linkimages/NCLM52ndReport.pdf |archive-date = 15 November 2016}}</ref> लेकिन अधिकांश लोग क्षेत्रीय भाषाएँ बोलते हैं, जिन्हें जनगणना में हिंदी की बोलियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली [[खड़ी बोली]] या [[कौरवी]] तथा [[ब्रज]] क्षेत्र में बोली जाने वाली [[ब्रजभाषा]], मध्य उत्तर प्रदेश के [[अवध]] क्षेत्र में बोली जाने वाली [[अवधी]] तथा [[कन्नौज]] के आस-पास बोली जाने वाली [[कन्नौजी भाषा|कन्नौजी]], पूर्वी उत्तर प्रदेश के [[पूर्वांचल]] में बोली जाने वाली [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]] और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली [[बुंदेली भाषा|बुंदेली]] शामिल हैं। ५.४% जनसंख्या द्वारा बोली जाने वाली [[उर्दू]] को राज्य की अतिरिक्त आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है।<ref name="2011lang" /><ref name="census2011-langreport" /> राज्य में बोली जाने वाली अन्य उल्लेखनीय भाषाओं में [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]] (०.३%) और [[बंगाली]] (०.१%) शामिल हैं।<ref name="census2011-langreport">{{cite web |title=Language – India, States and Union Territories |url=http://www.censusindia.gov.in/2011Census/C-16_25062018_NEW.pdf |work=Census of India 2011 |publisher=Office of the Registrar General |pages=13–14 |access-date=21 November 2018 |archive-url=https://web.archive.org/web/20181114073412/http://www.censusindia.gov.in/2011Census/C-16_25062018_NEW.pdf |archive-date=14 November 2018 |url-status=live}}</ref>
 
== अर्थव्यवस्था ==
{{main|उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था}}
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के निम्न साधन हैं-
 
* [[संसाधन]]
आर्थिक तौर पर उत्तर प्रदेश देश के अत्यधिक अल्पविकसित राज्यों में से एक है। यह मुख्यत: कृषि प्रधान राज्य है और यहाँ की तीन-चौथाई (75 प्रतिशत) से अधिक जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है। राज्य में औद्योगिकीकरण के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों की कमी है। यहाँ पर केवल सिलिका, चूना पत्थर व कोयले जैसे खनिज पदार्थ ही उल्लेखनीय मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा यहाँ जिप्सम, मैग्नेटाइट, फ़ॉस्फ़ोराइट और बॉक्साइट के अल्प भण्डार भी पाए जाते हैं।
 
* [[कृषि]] एवं [[वानिकी]]
राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, जौ और गन्ना राज्य की मुख्य फ़सलें हैं। 1960 के दशक से गेहूँ व चावल की उच्च पैदावार वाले बीजों के प्रयोग, उर्वरकों की अधिक उपलब्धता और सिंचाई के अधिक इस्तेमाल से उत्तर प्रदेश खाद्यान्न का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है। यद्यपि किसान दो प्रमुख समस्याओं से ग्रस्त हैं: आर्थिक रूप से अलाभकारी छोटे खेत और बेहतर उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए अपर्याप्त संसाधन, राज्य की अधिकतम कृषि भूमि किसानों को मुश्किल से ही भरण-पोषण कर पाती है। पशुधन व डेयरी उद्योग आय के अतिरिक्त स्रोत हैं। उत्तर प्रदेश में भारत के किसी भी शहर के मुक़ाबले सर्वाधिक पशु पाए जाते हैं। हालाँकि प्रति गाय दूध का उत्पादन कम है।
 
* [[उद्योग]]
राज्य में काफ़ी समय से मौजूद वस्त्र उद्योग व चीनी प्रसंस्करण उद्योग में राज्य के कुल मिलकर्मियों का लगभग एक-तिहाई हिस्सा लगा है। राज्य की अधिकांश मिलें पुरानी व अक्षम हैं। अन्य संसाधन आधारित उद्योगों में वनस्पति तेल, जूट व सीमेंट उद्योग शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने यहाँ पर भारी उपकरण, मशीनें, इस्पात, वायुयान, टेलीफ़ोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और उर्वरकों के उत्पादन वाले बहुत से बड़े कारख़ाने स्थापित किए हैं। यहाँ मथुरा में एक तेल परिष्करणशाला और राज्य के दक्षिण-पूर्वी मिर्ज़ापुर ज़िले में कोयला क्षेत्र का विकास केन्द्र सरकार की दो प्रमुख परियोजनाएँ हैं। राज्य सरकार ने मध्यम और लघु स्तर के उद्योगों को प्रोत्साहन दिया है।
 
हस्तशिल्प, क़ालीन, पीतल की वस्तुएँ, जूते-चप्पल, चमड़े व खेल का सामान राज्य के निर्यात में प्रमुखता के साथ योगदान देते हैं। कानपुर उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा औधोगिक शहर है यहाँ चमड़े का काम होता है। कानपुर में चमड़े का जूता पूरी दुनिया में मशहूर है। भदोई व मिर्ज़ापुर के क़ालीन दुनिया भर में सराहे जाते हैं। पिलखुवा की हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरें, वाराणसी का रेशम व ज़री का काम, मुरादाबाद की पीतल की ख़ूबसूरत वस्तुएँ, लखनऊ की चिकनकारी, नगीना का आबनूस की लकड़ी का काम, फ़िरोज़ाबाद की काँच की वस्तुएँ और सहारनपुर का नक्क़ाशीदार लकड़ी का काम भी उल्लेखनीय है। सार्वजनिक क्षेत्र के वाणिज्यिक बैंकों की संख्या उत्तर प्रदेश में ही सबसे अधिक है। देश के विकास में इस प्रदेश का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश बिजली की भीषण कमी का शिकार है। 1951 से स्थापित अन्य विद्युत उत्पादन केन्द्रों से क्षमता बढ़ी है, लेकिन माँग और आपूर्ति के बीच अन्तर बढ़ता ही जा रहा है। भारत के अधिकतम तापविद्युत केन्द्रों में से एक ओबरा-रिहंद (दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश), राज्य के कई अन्य हिस्सों में स्थित विभिन्न पनबिजली संयंत्रों और बुलंदशहर के परमाणु बिजलीघर में बिजली का उत्पादन किया जाता है।
वर्ष 2004-05 में उत्तर प्रदेश में कुल 5,21,835 लघु उद्योग इकाइयाँ थीं, जिनमें लगभग 5,131 करोड़ रुपये की पूंजी का निवेश था और लगभग 20,01,000 लोग काम कर रहे थे। वर्ष 2004-05 में राज्य में लगभग 45.51 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। उत्तर प्रदेश राज्य में 68 कपड़ा मिलें और 32 आटोमोबाइल के कारखाने हैं, जिनमें 5,740 करोड़ रुपये की पूंजी का निवेश है। सन् 2011 तक 'नोएडा प्राधिकरण' के अंतर्गत 102 सेक्टर विकसित करने की योजना चल रही है। इस प्राधिकरण में औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, ग्रुप हाउसिंग क्षेत्र, आवासीय भवन, व्यावसायिक परिसंपत्तियां और संस्थागत शिक्षा क्षेत्र शामिल हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की भांति ही राज्य में अन्य स्थानों पर औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने के लिए कार्य किये जा रहे हैं।
 
वैसे तो यहाँ उद्योगों के लिए काफी संभावनायें हैं और कई बड़े उद्योग यहाँ लगे हुए हैं। वैसे उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पहली आयुर्वेदिक दवा उद्योग की स्थापना न्यू इंडिया फार्मास्युटिकल्स नाम से की गयी है। यह ओधोगिक इकाई करीब सौ से अधिक दवाओं का उत्पादन कर रही है। टेबलेट सिरप के साथ साथ कई अन्य दवाओं का निर्माण यहाँ होता है। हालाँकि अभी यह समूह अपनी पूरी ताकत से विस्तार की और अगसर है और इसे जागरूक लोगों की ज़रूरत है, जो इसके उत्पादन को भारतीय बाज़ार में पहुँचा सके।
 
== परिवहन ==
[[चित्र:Purvanchal Expressway 436789.png|अंगूठाकार|बाएँ|[[पूर्वांचल एक्सप्रेसवे]] [[लखनऊ]] को [[अयोध्या]] व [[आजमगढ़]] होते हुए [[गाजीपुर]] से जोड़ता है।]]
उत्तर प्रदेश का रेलवे नेटवर्क भारत में सबसे बड़ा है, परन्तु राज्य की समतल स्थलाकृति और सर्वाधिक जनसंख्या के बावजूद रेलवे घनत्व केवल छठा-उच्चतम है। २०११ तक, राज्य में ८,५४६ किमी (५,३१० मील) लम्बी रेल लाइनें थी।<ref name="route length">{{cite web|title=total railway route length uttar pradesh|url=http://lko.railnet.gov.in/|publisher=Northern Railways Lucknow Division|access-date=22 July 2012|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20120814075641/http://lko.railnet.gov.in/|archive-date=14 August 2012}}</ref> [[उत्तर मध्य रेलवे (भारत)|उत्तर मध्य रेलवे अंचल]] का मुख्यालय [[इलाहाबाद]] में,<ref name="North Central Railway">{{cite web|title=North Central Railway-The Allahabad Division|url=http://www.ncr.indianrailways.gov.in/view_section.jsp?lang=0&id=0,1,396,403|publisher=Indian Railways Portal CMS Team|access-date=22 February 2011|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20140318062507/http://ncr.indianrailways.gov.in/view_section.jsp?lang=0&id=0,1,396,403|archive-date=18 March 2014}}</ref> और [[पूर्वोत्तर रेलवे (भारत)|पूर्वोत्तर रेलवे अंचल]] का मुख्यालय [[गोरखपुर]] में है।<ref name="North-Eastern Railways">{{cite web|title=the Portal of Indian Railways|url=http://www.ner.indianrailways.gov.in/|publisher=[[Indian Railways]]|access-date=14 April 2011|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20110411221732/http://www.ner.indianrailways.gov.in/|archive-date=11 April 2011}}</ref><ref name="security system">{{cite news|title=Equipment arrives for integrated security system|url=http://timesofindia.indiatimes.com/topic/North-Eastern-Railway|newspaper=[[The Times of India]]|access-date=22 July 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130514093655/http://timesofindia.indiatimes.com/topic/North-Eastern-Railway|archive-date=14 May 2013}}</ref> इन अंचलीय मुख्यालयों के अतिरिक्त, [[लखनऊ]] और [[मुरादाबाद]] में [[उत्तर रेलवे (भारत)|उत्तर रेलवे अंचल]] के मंडलीय मुख्यालय स्थित हैं। भारत की दूसरी सबसे तेज शताब्दी ट्रेन लखनऊ स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस राज्य की राजधानी लखनऊ को भारतीय राजधानी [[नई दिल्ली]] से जोड़ती है जबकि कानपुर शताब्दी एक्सप्रेस, [[कानपुर]] को नई दिल्ली से जोड़ती है। नए जर्मन एलएचबी कोचों से युक्त यह भारत की पहली ट्रेन थी।<ref name=train>{{cite news|title=Lucknow New Delhi Shatabdi Express|url=http://timesofindia.indiatimes.com/topic/Lucknow-New-Delhi-Shatabdi-Express|access-date=28 July 2012|work=[[The Times of India]]|date=2 July 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20120926075420/http://timesofindia.indiatimes.com/topic/Lucknow-New-Delhi-Shatabdi-Express|archive-date=26 September 2012}}</ref> [[इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन|इलाहाबाद जंक्शन]], [[आगरा कैन्ट रेलवे स्टेशन|आगरा कैंट]], [[चारबाग रेलवे स्टेशन|लखनऊ एनआर]], [[गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन|गोरखपुर जंक्शन]], [[कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन|कानपुर सेंट्रल]], [[मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन|मथुरा जंक्शन]] और [[वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन|वाराणसी जंक्शन]] भारतीय रेलवे की ५० विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशनों की सूची में शामिल हैं।<ref name="Railway Budget">{{cite web|title=Introducing the Railway Budget 2011–12|url=http://www.indianrailways.gov.in/railwayboard/uploads/directorate/finance_budget/RailBudget_11-12/RailBudget_2011-12.pdf|publisher=[[Indian Railways]]|access-date=22 July 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20160512215003/http://www.indianrailways.gov.in/railwayboard/uploads/directorate/finance_budget/RailBudget_11-12/RailBudget_2011-12.pdf|archive-date=12 May 2016}}</ref>
 
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| caption2 = लखनऊ में स्थित [[अमौसी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र|चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]] का द्वितीय टर्मिनल।
}}
 
राज्य में देश में एक विशाल और बहुविध परिवहन प्रणाली है, जिसके अंतर्गत देश का सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क भी है।<ref name="ROAD NETWORK"><!--?REPEAT1?-->{{cite web |last=Investment Promotion & Infrastructure Development Cell |title=Road |url=http://dipp.nic.in/English/Investor/Investers_Gudlines/roads.pdf |publisher=Department of Industrial Policy and Promotion |access-date=7 January 2012 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20111014170737/http://dipp.nic.in/English/Investor/Investers_Gudlines/roads.pdf |archive-date=14 October 2011}}</ref> उत्तर प्रदेश अपने नौ पड़ोसी राज्यों और भारत के लगभग सभी अन्य हिस्सों से [[राष्ट्रीय राजमार्ग (भारत)|राष्ट्रीय राजमार्गों]] के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कुल ४२ राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य में हैं, जिनकी लंबाई ४,९४२ किमी (भारत में राजमार्गों की कुल लंबाई का ९.६%) है। [[उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम]] की स्थापना १९७२ में राज्य में सस्ती, विश्वसनीय और आरामदायक परिवहन सेवा प्रदान करने के लिए की गई थी,<ref>{{cite web|title=Road network|url=http://www.ibef.org/download/uttar_pradesh_190111.pdf|publisher=India Brand Equity Foundation|access-date=22 July 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20120907052302/http://www.ibef.org/download/uttar_pradesh_190111.pdf|archive-date=7 September 2012}}</ref> और यह पूरे देश में लाभ में चलने वाला एकमात्र राज्य परिवहन निगम है। राज्य के सभी नगर [[उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची|राज्य राजमार्गों]] से जुड़े हुए हैं, और सभी जनपद मुख्यालयों को फोर लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है जो राज्य के भीतर प्रमुख केंद्रों के बीच यातायात ले जाती हैं। इन्हीं में से एक है [[आगरा लखनऊ द्रुतगामी मार्ग|आगरा&ndash;लखनऊ एक्सप्रेसवे]], जो कि पुरानी भीड़ग्रस्त सड़कों पर वाहनों के यातायात को कम करने के लिए [[उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण]] (यूपीईआईडीए) द्वारा निर्मित ३०२ किमी (१८८ मील) लम्बा नियंत्रित-पहुंच राजमार्ग है।<ref>{{cite web|title=Welcome :: U.P. Expressways Industrial Development Authority|url=http://www.upeida.in/project_8.htm|website=upeida.in|access-date=26 July 2016|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20160712131932/http://www.upeida.in/project_8.htm|archive-date=12 July 2016}}</ref> यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, जिसने लखनऊ और [[आगरा]] के बीच यात्रा के समय को ६ घंटे से घटाकर ३.३० घंटे कर दिया है।<ref>{{cite web|title=India's Longest Agra-Lucknow Expressway – 20 Facts to Know|url=http://www.masterplansindia.com/expressways/india-longest-agra-lucknow-expressway-20-facts-to-know|access-date=26 July 2016|date=26 November 2014|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20160714220544/http://www.masterplansindia.com/expressways/india-longest-agra-lucknow-expressway-20-facts-to-know|archive-date=14 July 2016}}</ref> अन्य जिला सड़कें व ग्रामीण सड़कें ग्रामों को उनकी सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पहुँच प्रदान करती हैं और साथ ही कृषि उपज को आस-पास के बाजारों तक पहुँचाने के साधन भी प्रदान करती हैं। प्रमुख जिला सड़कें मुख्य सड़कों और ग्रामीण सड़कों को जोड़ने का एक द्वितीयक कार्य करती हैं।<ref name="road networks"><!--?REPEAT2?-->{{cite web|last=Roads in India are divided into the categories|first=For the purpose of management and administration|title=One of the largest road networks in the Country|url=http://dipp.nic.in/English/Investor/Investers_Gudlines/roads.pdf|publisher=Department of Industrial policy and promotion|access-date=22 July 2012|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20121224063100/http://dipp.nic.in/English/Investor/Investers_Gudlines/roads.pdf|archive-date=24 December 2012}}</ref> उत्तर प्रदेश में भारत में सबसे अधिक सड़क घनत्व (१,०२७ किमी प्रति १००० वर्ग किमी) और देश में सबसे बड़ा नगरीय-सड़क नेटवर्क (५०,७२१ किमी) है।<ref>{{cite web|title=Pervasive road network of Uttar Pradesh|url=http://planningcommission.nic.in/plans/stateplan/upsdr/vol-2/Chap_b8.pdf|publisher=Planning commission, Government of India|access-date=20 September 2012|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20121222090850/http://planningcommission.nic.in/plans/stateplan/upsdr/vol-2/Chap_b8.pdf|archive-date=22 December 2012}}</ref>
 
राज्य में दो अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र हैं &ndash; लखनऊ में स्थित [[अमौसी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र|चौधरी चरण सिंह अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]] एवं वाराणसी में स्थित [[लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा|लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]]।<ref name=Airports>{{cite web|title=contributing to economic growth and prosperity of the nation|url=http://www.aai.aero/allAirports/varanasi_generalinfo.jsp|publisher=Airports Authority of India|access-date=22 July 2012|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20120629091735/http://www.aai.aero/allAirports/varanasi_generalinfo.jsp|archive-date=29 June 2012}}</ref> इसके अतिरिक्त [[आगरा विमानक्षेत्र|आगरा]], [[इलाहाबाद हवाई अड्डा|इलाहाबाद]], [[कानपुर विमानक्षेत्र|कानपुर]], [[हिण्डन हवाई अड्डा|गाजियाबाद]], [[गोरखपुर विमानक्षेत्र|गोरखपुर]] व [[बरेली हवाई अड्डा|बरेली]] में घरेलू विमानक्षेत्र हैं।<ref>{{cite news |title=UP gets its 8th airport |url=https://www.livemint.com/news/india/up-gets-its-8th-airport-check-flight-routes-fare-and-other-details-11615267509248.html |access-date=24 April 2021 |work=mint |date=9 March 2021 |language=en}}</ref> लखनऊ विमानक्षेत्र नई दिल्ली में स्थित [[इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा|इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]] के बाद [[उत्तर भारत]] का दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। इन सब के अलावा दो नए अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र [[कुशीनगर]] एवं [[ग्रेटर नोएडा]] के निकट स्थित [[जेवर]] में निर्माणाधीन हैं,<ref>{{cite web|url=http://www.business-standard.com/article/companies/kushinagar-international-airport-to-get-ready-for-take-off-113010700012_1.html|title=Kushinagar international airport to get ready for take-off|publisher=Virendra Singh Rawat|date=7 January 2013|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20140521031503/http://www.business-standard.com/article/companies/kushinagar-international-airport-to-get-ready-for-take-off-113010700012_1.html|archive-date=21 May 2014}}</ref><ref>{{cite news |last1=Mishra |first1=Mihir |title=Jewar to be second airport in Delhi NCR |url=https://economictimes.indiatimes.com/industry/transportation/airlines-/-aviation/jewar-to-be-second-airport-in-delhi-ncr/articleshow/59296768.cms |work=The Economic Times |date=24 June 2017 |access-date=11 August 2018 |archive-url=https://web.archive.org/web/20180811133947/https://economictimes.indiatimes.com/industry/transportation/airlines-/-aviation/jewar-to-be-second-airport-in-delhi-ncr/articleshow/59296768.cms |archive-date=11 August 2018 |url-status=live}}</ref> जबकि [[फिरोजाबाद जिला|फिरोजाबाद जिले]] के [[टुंडला]] के निकट ताज अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भी प्रस्तावित है।<ref>{{cite web|url=http://www.hindustantimes.com/india-news/lucknow/up-to-seek-dgca-nod-for-taj-airport/article1-1080013.aspx |title=UP to seek DGCA nod for Taj airport |work=Hindustan Times |date=21 June 2013 |access-date=29 July 2015 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20150402155751/http://www.hindustantimes.com/india-news/lucknow/up-to-seek-dgca-nod-for-taj-airport/article1-1080013.aspx |archive-date=2 April 2015}}</ref><ref>{{cite web|url=http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx |title=Hindustan Times e-Paper |work=Hindustan Times |access-date=29 July 2015 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20140608140626/http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx |archive-date=8 June 2014}}</ref> [[लखनऊ मेट्रो]] ९ मार्च २०१९ से परिचालन में है, जबकि [[आगरा मेट्रो]] व [[कानपुर मेट्रो]] निर्माणाधीन हैं। राजधानी में अप्रवासियों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है और इस कारण परिवहन के सार्वजनिक साधनों में परिवर्तन पर जोर है।<ref>{{cite web|url=http://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Lucknow-Metro-Rail-Right-On-Track/articleshow/5960484.cms|title=Lucknow Metro Rail Right on Track|access-date=25 July 2016|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20170106202135/http://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Lucknow-Metro-Rail-Right-On-Track/articleshow/5960484.cms|archive-date=6 January 2017}}</ref> राज्य के आंतरिक परिवहन तंत्र में [[गंगा]], [[यमुना]] व [[घाघरा]] नदियों की अंतर्देशीय जल परिवहन व्यवस्था भी शामिल है।
 
== आवासीन रचना ==
राज्य की 80 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। ग्रामीण आवासों की विशेषताएँ हैं- राज्य के पश्चिमी हिस्से में पाए जाने वाले घने बसे हुए गाँव, पूर्वी क्षेत्र में पाए जाने वाले छोटे गाँव और मध्य क्षेत्र में दोनों का समूह होता है, जिसकी छत फूस या मिट्टी के खपड़ों से बनी होती है। इन मकानों में हालाँकि आधुनिक जीवन की बहुत कम सुविधाएँ हैं, लेकिन शहरों के पास बसे कुछ गाँवों में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया स्पष्ट तौर पर दिखाई देती है। सीमेंट से बने घर, पक्की सड़कें, बिजली, रेडियो, टेलीविजन जैसी उपभोक्ता वस्तुएँ पारम्परिक ग्रामीण जीवन को बदल रही हैं। शहरी जनसंख्या का आधे से अधिक हिस्सा एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में रहता है। लखनऊ, वाराणसी (बनारस), आगरा, कानपुर, मेरठ, गोरखपुर, और प्रयागराज उत्तर प्रदेश के सात सबसे बड़े नगर हैं। कानपुर उत्तर प्रदेश के मध्य क्षेत्र में स्थित प्रमुख औद्योगिक शहर है। कानपुर के पूर्वोत्तर में 82 किलोमीटर की दूरी पर राज्य की राजधानी लखनऊ स्थित है। हिन्दुओं का सर्वाधिक पवित्र शहर वाराणसी विश्व के प्राचीनतम सतत आवासीय शहरों में से एक है। एक अन्य पवित्र शहर प्रयागराज गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर स्थित है। राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित आगरा में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा अपनी बेगम की याद में बनवाया गया मक़बरा ताजमहल स्थित है। यह भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।
 
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कृपया इस विभाग के लिए विश्वसनीय सूत्रों से सन्दर्भ उपलब्ध कराएँ। अन्यथा इस प्रभाग को छुपा रहने दें।
== जातीय एवं भाषाई संघटन ==
राज्य की अधिकांश जनसंख्या आर्य-द्रविड़ जातीय समूह से सम्बद्ध है। यहाँ की जनसंख्या का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हिन्दू, लगभग 25 प्रतिशत मुसलमान व 5 प्रतिशत अन्य धार्मिक समुदायों, सिक्ख, बौद्ध, ईसाई व जैन मतावलम्बियों का है। हिन्दी (राज्य की राजकीय भाषा) 75 प्रतिशत व उर्दू 25 प्रतिशत लोगों की मातृभाषा है। लोगों द्वारा बोले जाने वाली हिन्दुस्तानी भाषा में दोनों ही भाषाओं के सामान्य शब्द हैं, जिसे राज्य भर में समझा जाता है।
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== हिन्दी भाषा की जन्मस्थली ==
उत्तर प्रदेश भारत की राजकीय भाषा [[हिन्दी]] की जन्मस्थली है। शताब्दियों के दौरान हिन्दी के कई स्थानीय स्वरूप विकसित हुए हैं। साहित्यिक हिन्दी ने 19वीं शताब्दी तक [[खड़ी बोली]] का वर्तमान स्वरूप (हिन्दुस्तानी) धारण नहीं किया था। [[वाराणसी]] के [[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] (1850-1885 ई.) उन अग्रणी लेखकों में से थे, जिन्होंने हिन्दी के इस स्वरूप का इस्तेमाल साहित्यिक माध्यम के तौर पर किया था।
 
== सांस्कृतिक जीवन ==
 
उत्तर प्रदेश हिन्दुओं की प्राचीन सभ्यता का उदगम स्थल है। वैदिक साहित्य मन्त्र, ब्राह्मण, श्रौतसूत्र, गृह्यसूत्र, मनुस्मृति आदि धर्मशास्त्रौं, आदि महाकाव्य-[[वाल्मीकि रामायण]], और [[महाभारत]] (जिसमें श्रीमद् भगवद्गीता शामिल है) अष्टादश पुराणों के उल्लेखनीय हिस्सों का मूल यहाँ के कई आश्रमों में जीवन्त है। बौद्ध-हिन्दू काल (लगभग 600 ई. पू.-1200 ई.) के ग्रन्थों व वास्तुशिल्प ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत में बड़ा योगदान दिया है। 1947 के बाद से भारत सरकार का चिह्न [[मौर्य]] सम्राट [[अशोक]] के द्वारा बनवाए गए चार सिंह युक्त स्तम्भ (वाराणसी के निकट [[सारनाथ]] में स्थित) पर आधारित है। वास्तुशिल्प, चित्रकारी, संगीत, नृत्यकला और दो भाषाएँ (हिन्दी व उर्दू) मुग़ल काल के दौरान यहाँ पर फली-फूली। इस काल के चित्रों में सामान्यतः धार्मिक व ऐतिहासिक ग्रन्थों का चित्रण है। यद्यपि साहित्य व संगीत का उल्लेख प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में किया गया है और माना जाता है कि [[गुप्त काल]] (लगभग 320-540) में संगीत समृद्ध हुआ। संगीत परम्परा का अधिकांश हिस्सा इस काल के दौरान उत्तर प्रदेश में विकसित हुआ। [[तानसेन]] व [[बैजू बावरा]] जैसे संगीतज्ञ मुग़ल शहंशाह [[अकबर]] के दरबार में थे, जो राज्य व समूचे देश में आज भी विख्यात हैं। भारतीय संगीत के दो सर्वाधिक प्रसिद्ध वाद्य [[सितार]] (वीणा परिवार का तंतु वाद्य) और तबले का विकास इसी काल के दौरान इस क्षेत्र में हुआ। 18वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश में [[वृन्दावन]] व [[मथुरा]] के मन्दिरों में भक्तिपूर्ण नृत्य के तौर पर विकसित शास्त्रीय नृत्य शैली कथक उत्तरी भारत की [[शास्त्रीय नृत्य]] शैलियों में सर्वाधिक प्रसिद्ध है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय गीत व नृत्य भी हैं। सबसे प्रसिद्ध लोकगीत मौसमों पर आधारित हैं।
 
== त्योहार ==
उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ समय समय पर सभी धर्मों के त्योहार मनाये जाते हैं-
*अयोध्या-रामनवमी मेला,राम विवाह,सावन झूला मेला, कार्तिक पूर्णिमा मेला
* प्रयागराज में प्रत्येक बारहवें वर्ष में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है।
* इसके अतिरिक्त प्रयागराज में प्रत्येक 6 साल बाद अर्द्ध कुंभ मेले का आयोजन भी किया जाता है।
* प्रयागराज में ही प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में [[माघ मेला]] भी आयोजित किया जाता है, जहां बडी संख्या में लोग संगम में नहाते हैं।
* [[दीपावली]] पर [[चित्रकूट]] में दीपदान करने की विशेष मान्यता है। [[धनतेरस]] के दिन से शुरू होने वाले दीपमालिका मेले में शामिल होने के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं और पवित्र मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाते हैं। [[चित्रकूट]] [[भारत]] के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है। यह स्थान जितना शांत है उतना ही आकर्षक भी। प्रकृति और ईश्वर की अनुपम रचना के सुंदर और एक से बढ़कर एक दृश्य यहां देखने मिलते हैं।
* अन्य मेलों में मथुरा, [[वृन्दावन]] में अनेक पर्वों के मेले और झूला मेले लगते हैं, जिनमें प्रभु की प्रतिमाओं को सोने एवं चाँदी के झूलों में रखकर झुलाया जाता है। ये झूला मेले लगभग एक पखवाडे तक चलते हैं।
* [[कार्तिक]] [[पूर्णिमा]] के अवसर पर गंगा नदी में डुबकी लगाना पवित्र माना जाता है और इसके लिए [[गढ़मुक्तेश्वर]], [[सोरों]] शूकरक्षेत्र का मार्गशीर्ष मेला, राजघाट, बिठूर, [[कानपुर]], प्रयागराज, वाराणसी में बडी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं।
* आगरा ज़िले के बटेश्वर कस्बे में पशुओं का प्रसिद्ध मेला लगता है।
* [[बाराबंकी]] ज़िले का देवा मेला मुस्लिम संत वारिस अली शाह के कारण काफ़ी प्रसिद्ध है।
* इसके अतिरिक्त यहाँ [[हिन्दू]] तथा मुस्लिमों के सभी प्रमुख त्योहारों को पूरे राज्य में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
 
== पर्यटन ==
{{multiple image|perrow=1|total_width=225|caption_align=center|image_style=border:none;|background color = #F0FFFF| align=left |image1=Kumbh Mela 2013 Sangam, Allahabd.jpg|caption1={{font|size=110%|font=|text=|[[इलाहाबाद]] में [[त्रिवेणी संगम]] पर २०१३ का [[कुम्भ मेला]]}}}}
अपनी समृद्ध और विविध स्थलाकृति, जीवंत संस्कृति, त्योहारों, स्मारकों एवं प्राचीन धार्मिक स्थलों व विहारों के कारण ७.१ करोड़ से अधिक घरेलू पर्यटकों के साथ उत्तर प्रदेश भारत के सभी राज्यों में घरेलू पर्यटकों के आगमन में प्रथम स्थान पर है।<ref name="Board2010">{{cite book|author=Upkar Prakashan – Editorial Board|title=Uttar Pradesh General Knowledge|url=https://books.google.com/books?id=_ce8FpJzR-4C&pg=PA46|access-date=26 July 2012|year= 2010|publisher=Upkar Prakashan|isbn=978-8174824080|pages=46–287|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130528155016/http://books.google.com/books?id=_ce8FpJzR-4C&pg=PA46|archive-date=28 May 2013}}</ref><ref name=Tourism>{{cite journal |title=Performance of Tourist Centres in Uttar Pradesh: An Evaluation Using Data Envelopment Analysis |url=http://asci.org.in/journal/Vol.40(2010-11)/40_1_Masood%20H%20Siddiqui.pdf |publisher=Administrative Staff College of India |journal=ASCI Journal of Management |volume=40 |issue=1 |first1=Masood H. |last1=Siddiqui |first2=Shalini N. |last2=Tripathi |year=2011 |access-date=22 March 2019 |archive-url=https://web.archive.org/web/20160804081245/http://asci.org.in/journal/Vol.40(2010-11)/40_1_Masood%20H%20Siddiqui.pdf |archive-date=4 August 2016 |url-status=live}}</ref> राज्य में तीन [[विश्व धरोहर स्थल]] भी हैं: [[ताजमहल]], [[आगरा का किला]] और [[फतेहपुर सीकरी]]। उत्तर प्रदेश भारत में एक पसंदीदा पर्यटन स्थल है, मुख्यतः ताजमहल के कारण, जहाँ २०१८-१९ में लगभग ७९ लाख लोगों ने दौरा किया। यह पिछले वर्ष की तुलना में ६% अधिक था, जब यह संख्या ६४ लाख थी। स्मारक ने २०१८-१९ में टिकटों की बिक्री से लगभग ₹७८ करोड़ की कमाई की।<ref>{{cite news |last1=Taj Mahal |first1=Tourists at |title=Tourists up at Taj Mahal|url=https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/tourists-up-at-taj-mahal-and-red-fort-but-qutub-minar-loses-its-no-2-spot/articleshow/70152555.cms |access-date=29 March 2020 |work=[[The Economic Times]] |agency=Bennett, Coleman & Co. Ltd. |publisher=[[The Times Group]] |ref=grow}}</ref> पर्यटन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता है, जो प्रतिवर्ष २१.६०% की दर से बढ़ रहा है।<ref name="Year-wise">{{cite web |title=Year-wise Tourist Statistics |url=http://www.uptourism.gov.in/pages/top/about-up-tourism/year-wise-tourist-statistics |publisher=Uttar Pradesh Tourism |access-date=12 June 2020}}</ref>
 
धार्मिक पर्यटन भी उत्तर प्रदेश पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि राज्य में कई हिन्दू मन्दिर हैं। हिन्दू धर्म के सात पवित्रतम नगरों ([[सप्त पुरियां|सप्त पुरियों]]) में से तीन ([[अयोध्या]], [[मथुरा]] व [[वाराणसी]]) उत्तर प्रदेश में ही स्थित हैं। वाराणसी हिंदू और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है। घरेलू पर्यटक यहाँ आमतौर पर धार्मिक उद्देश्यों के लिए आते हैं, जबकि विदेशी पर्यटक [[गंगा नदी]] के घाटों पर घूमने के लिए जाते हैं। [[वृंदावन]] को [[वैष्णव सम्प्रदाय]] का एक पवित्र स्थान माना जाता है। भगवान [[राम]] के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध अयोध्या महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। गंगा नदी के तट पर राज्य भर में असंख्य धार्मिक स्थल व घाट हैं, जहाँ समय-समय पर मेलों का आयोजन होता रहता है। [[त्रिवेणी संगम]] पर लगने वाले [[माघ मेला|माघ मेले]] में भाग लेने के लिए लाखों लोग [[इलाहाबाद]] में एकत्रित होते हैं।<ref name="MacLean2008">{{cite book|author=Kama MacLean|title=Pilgrimage and Power: The Kumbh Mela in Allahabad, 1765–1954|url=https://books.google.com/books?id=MALacgnsroMC|access-date=25 July 2012|year= 2008|publisher=Oxford University Press|isbn=978-0195338942|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130527022328/http://books.google.com/books?id=MALacgnsroMC|archive-date=27 May 2013}}</ref> यह उत्सव प्रत्येक १२वें वर्ष में बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाता है, जब इसे [[कुम्भ मेला]] कहा जाता है, और तब १ करोड़ से अधिक हिन्दू तीर्थयात्री इसमें सम्मिलित होने इलाहाबाद आते हैं।<ref name="Magh Mela">{{cite news|title=Hindus gather for the Kumbh Mela at the Ganges in India and Maha Shivaratri in Allahabad|url=https://www.telegraph.co.uk/news/picturegalleries/worldnews/7222387/pictures-Hindus-gather-for-the-Kumbh-Mela-in-India-and-Maha-Shivaratri-in-Nepal.html|work=The Daily Telegraph|location=London|access-date=25 January 2011|date=12 February 2010|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20110127012405/http://www.telegraph.co.uk/news/picturegalleries/worldnews/7222387/pictures-Hindus-gather-for-the-Kumbh-Mela-in-India-and-Maha-Shivaratri-in-Nepal.html|archive-date=27 January 2011}}</ref> [[गोरखपुर]] के [[गोरखनाथ मन्दिर]] में [[मकर संक्रान्ति]] के समय एक माह तक चलने वाला खिचड़ी मेला लगता है। [[विन्ध्याचल]] एक अन्य हिंदू तीर्थ स्थल है जहाँ विंध्यवासिनी देवी का मन्दिर स्थित है।
 
उत्तर प्रदेश के बौद्ध आकर्षणों में कई स्तूप और मठ शामिल हैं। [[सारनाथ]] एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण नगर है, जहां [[गौतम बुद्ध]] ने ज्ञान-प्राप्ति के बाद अपना पहला उपदेश दिया था और [[कुशीनगर]] वह स्थल है, जहाँ उनकी मृत्यु हो गई थी; दोनों ही बौद्धों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं।<ref name=SARNATH>{{cite web|title=Sarnath General Information|url=http://varanasi.nic.in/tourist/tourist7.html|publisher=Tourism department of Varanasi|access-date=8 July 2012|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20120508235741/http://varanasi.nic.in/tourist/tourist7.html|archive-date=8 May 2012}}</ref> इसके अतिरिक्त सारनाथ में स्थित [[अशोकस्तम्भ]] और [[अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष]] राष्ट्रीय महत्व की महत्वपूर्ण पुरातात्विक कलाकृतियाँ हैं। वाराणसी से ८० किमी की दूरी पर स्थित [[गाजीपुर]] [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के [[बंगाल प्रेसीडेंसी]] के गवर्नर [[लॉर्ड कॉर्नवालिस]] के १८वीं शताब्दी के मकबरे के लिए जाना जाता है, जिसका रखरखाव [[भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण]] द्वारा किया जाता है।<ref name="Joon">{{cite book|author=Sanjeev Joon|title=Complete Guide for SSC|url=https://books.google.com/books?id=E9YfW2709psC&pg=RA2-PA93|access-date=25 July 2012|publisher=Tata McGraw-Hill Education|isbn=978-0070706453|page=255|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130528151112/http://books.google.com/books?id=E9YfW2709psC&pg=RA2-PA93|archive-date=28 May 2013}}</ref> राज्य में एक [[राष्ट्रीय उद्यान]] तथा २५ वन्यजीव अभयारण्य हैं। ओखला पक्षी अभयारण्य को ३०० से अधिक पक्षी प्रजातियों के लिए एक आश्रय स्थल के रूप में जाना जाता है, जिनमें से १६० पक्षी प्रजातियां प्रवासी हैं, जो [[तिब्बत]], [[यूरोप]] व [[साइबेरिया]] से यात्रा करती हैं। [[एटा जिला|एटा जिले]] में स्थित पटना पक्षी अभयारण्य भी एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
 
== सिंचाई और बिजली ==
* 14 जनवरी 2000 को 'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' का पुनर्गठन करके 'उत्तर प्रदेश विद्युत निगम', 'उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन' तथा 'उत्तर प्रदेश पनबिजली निगम' को स्थापित किया गया है।
* 2004 - 05 में राज्य की सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 319.17 लाख हेक्टेयर तक करने के लिए 98,715 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
* 'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' की स्थापना के समय पन बिजलीघरों और ताप बिजलीघरों की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 2,635 मेगावाट थी, जो आज बढ़कर 4,621 मेगावाट तक हो गई है।
उत्तर प्रदेश में बिजली का उत्पादन सोनभद्र जिले से अधिकतम होती है जो कि प्रदेश के अत्यंन्त पूर्व में एक पिछड़ा इलाका है जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार का ध्यान सबसे अन्तिम में जाता है, ये उप्तपादन इकाईयां निम्न हैः-
1.थर्मल पावर ओबरा
2.थर्मल पावर अनपरा
3.एन. टी. पी. सी. बीजपुर
4.एन.टी.पी.सी शक्तिनगर
5.रेनुसागर
6.रिहन्द परियोजना
7.लैंको पावर प्लांट-प्राइवेट
8.एन.टी.पी.सी. टांडा
 
== कला एवं संस्कृति ==
=== साहित्य ===
हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। साहित्य और भारतीय रक्षा सेवायेँ, दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें उत्तर प्रदेश निवासी गर्व कर सकते हैं। गोस्वामी तुलसीदास, कबीरदास, सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, आचार्य राम चन्द्र शुक्ल, मुँशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानन्दन पन्त, मैथलीशरण गुप्त, सोहन लाल द्विवेदी, हरिवंशराय बच्चन, महादेवी वर्मा, राही मासूम रजा, अज्ञेय जैसे इतने महान कवि और लेखक हुए हैं उत्तर प्रदेश में कि पूरा पन्ना ही भर जाये।
उर्दू साहित्य में भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है उत्तर प्रदेश का। फिराक़, जोश मलीहाबादी, अकबर इलाहाबादी, नज़ीर, वसीम बरेलवी, चकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैं। हिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही व्यापक रहा है और लुगदी साहित्य भी यहाँ खूब पढ़ा जाता है।
 
=== संगीत ===
संगीत उत्तर प्रदेश के व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह तीन प्रकार में बांटा जा सकता है
 
१- पारंपरिक संगीत एवं लोक संगीत : यह संगीत और गीत पारंपरिक मौकों शादी विवाह, होली, त्योहारों आदि समय पर गाया जाता है
 
२- शास्त्रीय संगीत : उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट गायन और वादन की परंपरा रही है।
 
३- हिंदी फ़िल्मी संगीत एवं भोजपुरी पॉप संगीत : इस प्रकार का संगीत उत्तर प्रदेश में सबसे लोकप्रिय।
 
=== कथक ===
कथक उत्तर प्रदेश का एक परिष्कृत शास्त्रीय नृत्य है जो कि हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ किया जाता है। कथक
नाम 'कथा' शब्द से बना है, इस नृत्य में नर्तक किसी कहानी या संवाद को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत
करता है। कथक नृत्य का प्रारम्भ ६-७ वीं शताब्दी में उत्तर भारत में हुआ था। प्राचीन समय में यह एक
धार्मिक नृत्य हुआ करता था जिसमें नर्तक महाकाव्य गाते थे और अभिनय करते थे। १३ वी शताब्दी तक
आते-आते कथक सौन्दर्यपरक हो गया तथा नृत्य में सूक्ष्म अभिनय एवं मुद्राओं पर अधिक ध्यान दिया
जाने लगा। कथक में सूक्ष्म मुद्राओं के साथ ठुमरी गायन पर तबले और पखावज के साथ ताल मिलाते हुए
नृत्य किया जाता है। कथक नृत्य के प्रमुख कलाकार पन्डित [[बिरजू महाराज]] हैं।
फरी नृत्य, जांघिया नृत्य, पंवरिया नृत्य, कहरवा, जोगिरा, निर्गुन, कजरी, सोहर, चइता गायन उत्तर प्रदेश की लोकसंस्कृतियां हैं। [[लोकरंग सांस्कृतिक समिति]] इन संस्कृतियों संवर्द्धन, संरक्षण के लिए कार्यरत है।
 
=== हस्त शिल्प ===
फिरोजाबाद की चूड़ियाँ, सहारनपुर का काष्ठ शिल्प, पिलखुवा की हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरें, वाराणसी की साड़ियाँ तथा रेशम व ज़री का काम, लखनऊ का कपड़ों पर चिकन की कढ़ाई का काम, रामपुर का पैचवर्क, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन औरंगाबाद का टेराकोटा, मेरठ की कैंची आदि। जौनपुर की बेनी साव की इमरती और मूली।
 
== जिले ==
 
उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं -
<table border="0" cellpadding="0" cellspacing="1" style="border-collapse: collapse" bordercolor="#111111" width="80%">
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* उत्‍तर प्रदेश का सोनभद्र जिला, देश का एक मात्र ऐसा जिला है, जिसकी सीमाएँ चार प्रदेशों को छूती हैं।
 
=== आवासीन रचना ===
राज्य की 80 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। ग्रामीण आवासों की विशेषताएँ हैं- राज्य के पश्चिमी हिस्से में पाए जाने वाले घने बसे हुए गाँव, पूर्वी क्षेत्र में पाए जाने वाले छोटे गाँव और मध्य क्षेत्र में दोनों का समूह होता है, जिसकी छत फूस या मिट्टी के खपड़ों से बनी होती है। इन मकानों में हालाँकि आधुनिक जीवन की बहुत कम सुविधाएँ हैं, लेकिन शहरों के पास बसे कुछ गाँवों में आधुनिकीकरण की प्रक्रिया स्पष्ट तौर पर दिखाई देती है। सीमेंट से बने घर, पक्की सड़कें, बिजली, रेडियो, टेलीविजन जैसी उपभोक्ता वस्तुएँ पारम्परिक ग्रामीण जीवन को बदल रही हैं। शहरी जनसंख्या का आधे से अधिक हिस्सा एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में रहता है। लखनऊ, वाराणसी (बनारस), आगरा, कानपुर, मेरठ, गोरखपुर, और प्रयागराज उत्तर प्रदेश के सात सबसे बड़े नगर हैं। कानपुर उत्तर प्रदेश के मध्य क्षेत्र में स्थित प्रमुख औद्योगिक शहर है। कानपुर के पूर्वोत्तर में 82 किलोमीटर की दूरी पर राज्य की राजधानी लखनऊ स्थित है। हिन्दुओं का सर्वाधिक पवित्र शहर वाराणसी विश्व के प्राचीनतम सतत आवासीय शहरों में से एक है। एक अन्य पवित्र शहर प्रयागराज गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम पर स्थित है। राज्य के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में स्थित आगरा में मुग़ल बादशाह शाहजहाँ द्वारा अपनी बेगम की याद में बनवाया गया मक़बरा ताजमहल स्थित है। यह भारत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है।
 
== जनसांख्यिकी ==
[[चित्र:Uttar Pradesh is largest subdivion by population in the world. Red area has smaller population than Uttar Pradesh, India.jpg|अंगूठाकार|उत्तर प्रदेश विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाली उप राष्ट्रीय इकाई है। लाल क्षेत्र की आबादी राज्य से कम है।]]
उत्तर प्रदेश [[भारत]] का [[जनसंख्या के आधार पर भारत के राज्य और संघ क्षेत्र|सर्वाधिक जनसंख्या]] वाला राज्य है। १ मार्च २०११ को १९,९५,८१,४७७ लोगों के साथ,<ref name=autogenerated7>{{cite web|title=Provisional population totals|url=http://censusindia.gov.in/2011-prov-results/paper2/data_files/UP/7-pop-12-22.pdf|publisher=Census of India 2011|access-date=23 July 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130207004512/http://www.censusindia.gov.in/2011-prov-results/paper2/data_files/UP/7-pop-12-22.pdf|archive-date=7 February 2013}}</ref> यह विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाली उप राष्ट्रीय इकाई है। विश्व में केवल पाँच राष्ट्रों [[चीनी जनवादी गणराज्य|चीन]], स्वयं भारत, [[संयुक्त राज्य अमेरीका|सं॰रा॰अमेरिका]], [[इण्डोनेशिया]] और [[ब्राज़ील]] की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है। भारत की कुल जनसंख्या में १६.२% लोग उत्तर प्रदेश में निवास करते हैं। १९९१ से २००१ तक राज्य की जनसंख्या में २६% से अधिक की वृद्धि हुई।<ref name=population>{{cite web |title=The density of population in U.P. |url=http://upenvis.nic.in/Database/Overview_847.aspx |publisher=Environment and Related Issues Department U.P |access-date=23 July 2012 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20121215062041/http://upenvis.nic.in/Database/Overview_847.aspx |archive-date=15 December 2012}}</ref> राज्य का जनसंख्या घनत्व ८२८ व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, जो इसे देश के सबसे सघन जनसंख्या वाले राज्यों में से एक बनाता है।<ref name="Statistics" /> उत्तर प्रदेश में [[अनुसूचित जाति]] की जनसंख्या सबसे अधिक है जबकि [[अनुसूचित जनजाति]] के लोगों की संख्या कुल जनसंख्या के १ प्रतिशत से भी कम है।<ref name="Tribe">{{cite web |title=Scheduled castes and scheduled tribes |url=https://censusindia.gov.in/Census_And_You/scheduled_castes_and_sceduled_tribes.aspx |publisher=Office of the Registrar General & Census Commissioner, India |access-date=12 June 2020}}</ref><ref name="Indigenous">{{cite web |last1=Kaul |first1=Sudesh |title=Indigenous Peoples Policy Framework |url=http://documents.worldbank.org/curated/en/467821468035383950/pdf/IPP7630P14786400Box385405B00PUBLIC0.pdf |publisher=World Bank |access-date=12 June 2020}}</ref>
 
२०११ में ९१२ महिलाओं प्रति १००० पुरुष का राज्य का [[लिंगानुपात]], ९४३ के राष्ट्रीय आंकड़े से कम था।<ref name="pc-census2011" /> राज्य की २००१-२०११ की दशकीय विकास दर ([[उत्तराखण्ड]] सहित) २०.१% थी, जो १७.६४% की राष्ट्रीय दर से अधिक थी।<ref name=Decennial>{{cite web|title=Decennil growth of population by census|url=http://www.cwc.nic.in/Water_Data_Pocket_Book_2006/t9.01final.pdf|work=Census of India (2011)|access-date=5 October 2011|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20090410021912/http://www.cwc.nic.in/Water_Data_Pocket_Book_2006/t9.01final.pdf|archive-date=10 April 2009}}</ref><ref name=decennialgrowth>{{cite web|title=Decennial growth rate and density for 2011 at a glance for Uttar Pradesh and the districts: provisional population totals paper 1 of 2011|url=http://www.censusindia.gov.in/2011-prov-results/prov_data_products_up.html|work=Census of India(2011)|access-date=5 October 2011|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20111007014159/http://censusindia.gov.in/2011-prov-results/prov_data_products_up.html|archive-date=7 October 2011}}</ref> उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में लोग [[निर्धनता सीमा|गरीबी रेखा]] से नीचे जीवन यापन कर रहे हैं।<ref name=poverty /> २०१६ में जारी [[विश्व बैंक]] के एक आलेख के अनुसार, राज्य में गरीबी घटने की गति देश के बाकी हिस्सों की तुलना में धीमी रही है।<ref name="World Bank">{{cite web |title=Uttar Pradesh Poverty, Growth & Inequality |url=http://documents.worldbank.org/curated/en/187721467995647501/pdf/105884-BRI-P157572-ADD-SERIES-India-state-briefs-PUBLIC-UttarPradesh-Proverty.pdf |publisher=World Bank |access-date=23 May 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20171116021320/http://documents.worldbank.org/curated/en/187721467995647501/pdf/105884-BRI-P157572-ADD-SERIES-India-state-briefs-PUBLIC-UttarPradesh-Proverty.pdf |archive-date=16 November 2017 |url-status=live}}</ref> वर्ष २०११-१२ के लिए [[भारतीय रिज़र्व बैंक]] द्वारा जारी अनुमानों के अनुसार उत्तर प्रदेश में ५.९ करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं, जो भारत के किसी भी राज्य के लिए सबसे अधिक हैं।<ref name=poverty>{{cite web|title=The state with large no. of peoples living below poverty line|url=http://pib.nic.in/newsite/erelease.aspx?relid=49731|work=Government of India|publisher=Press Information Bureau|access-date=5 October 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130208074013/http://pib.nic.in/newsite/erelease.aspx?relid=49731|archive-date=8 February 2013}}</ref><ref name=commission>{{cite web |url=http://planningcommission.nic.in/news/pre_pov2307.pdf |title=Press Note on Poverty Estimates, 2011–12 |website=Planning Commission |publisher=Government of India |access-date=11 August 2014 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20140628120737/http://planningcommission.nic.in/news/pre_pov2307.pdf |archive-date=28 June 2014}}</ref> विशेष रूप से राज्य के मध्य और पूर्वी जिलों में गरीबी का स्तर बहुत अधिक है। राज्य खपत असमानता का भी अनुभव कर रहा है। [[सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार]] की ७ जनवरी २०२० को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य की प्रति व्यक्ति आय ₹८,००० (यूएस$११०) प्रति वर्ष से भी कम है।<ref name="Annum">{{cite news |last1=Singh |first1=Hemant |title=Per Capita Income of Indian States 2019–20 |url=https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/per-capita-income-of-indian-states-1468997157-1 |access-date=23 May 2020 |work=Dainik Jagran |agency=Jagran Prakashan Limited |publisher=Jagran Josh |date=7 April 2020 |archive-url=https://web.archive.org/web/20190826043616/https://www.jagranjosh.com/general-knowledge/per-capita-income-of-indian-states-1468997157-1 |archive-date=26 August 2019 |url-status=live}}</ref>
 
{{Pie chart|value1=79.73|label7=अन्य|caption=उत्तर प्रदेश में धर्म (२०११)<ref name="religion census">{{cite news |last1=Number |first1=Religion |title=U.P religions by numbers |url=https://www.thehindu.com/news/national/religious-communities-census-2011-what-the-numbers-say/article7582284.ece |access-date=29 March 2020 |work=The Hindu |agency=The Hindu Group |issue=26 August 2015 |publisher=N. Ravi |archive-url=https://web.archive.org/web/20181115030444/https://www.thehindu.com/news/national/religious-communities-census-2011-what-the-numbers-say/article7582284.ece |archive-date=15 November 2018 |url-status=live}}</ref>|color8=black|color7=chartreuse|color6=yellow|color5=brown|color4=dodgerblue|color3=darkkhaki|color2=green|color1=darkorange|label8=कोई धर्म नहीं|label6=[[बौद्ध धर्म]]|value2=19.26|label5=[[जैन धर्म]]|label4=[[ईसाई धर्म]]|label3=[[सिख धर्म]]|label2=[[इस्लाम]]|label1=[[हिन्दू धर्म]]|value8=0.29|value7=0.01|value6=0.10|value5=0.11|value4=0.18|value3=0.32|thumb=left}}
२०११ की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश भारत में सर्वाधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जहां [[हिन्दू|हिन्दुओं]] और [[मुसलमान|मुसलमानों]] दोनों की संख्या सबसे अधिक है।<ref>{{cite web|url=http://www.deccanherald.com/content/497347/muslim-population-grew-faster-census.html|title=Muslim population grew faster: Census|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20150827035701/http://www.deccanherald.com/content/497347/muslim-population-grew-faster-census.html|archive-date=27 August 2015}}</ref> २०११ में राज्य की कुल जनसंख्या में से हिन्दू ७९.७%, मुसलमान १९.३%, [[सिख]] ०.३%, [[ईसाई]] ०.२%, [[जैन]] ०.१%, [[बौद्ध]] ०.१% और अन्य ०.३% थे।<ref>{{cite web|url= http://www.censusindia.gov.in/2011census/C-01/DDW09C-01%20MDDS.XLS|title= C1 – Population by religious community, Uttar Pradesh.|archive-url=https://web.archive.org/web/20150927145844/http://www.censusindia.gov.in/2011census/C-01/DDW09C-01%20MDDS.XLS |archive-date=27 September 2015 |work=Census India 2011|accessdate= 10 September 2011}}</ref> २०११ की जनगणना में राज्य की [[साक्षरता दर]] ६७.७% थी, जो राष्ट्रीय औसत ७४% से कम थी।<ref name="Literacy rate">{{cite web|title=Uttar Pradesh Profile|url=http://censusindia.gov.in/2011census/censusinfodashboard/stock/profiles/en/IND009_Uttar%20Pradesh.pdf|publisher=Census of India 2011|access-date=16 October 2010|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130208074636/http://censusindia.gov.in/2011census/censusinfodashboard/stock/profiles/en/IND009_Uttar%20Pradesh.pdf|archive-date=8 February 2013}}</ref><ref name="literacy rates">{{cite web |title= A comparison of the literacy rates |url= http://censusmp.gov.in/censusmp/All-PDF/6Literacy21.12.pdf |publisher= censusmp.gov.in |access-date= 16 October 2010 |url-status= live |archive-url= https://web.archive.org/web/20120417110338/http://censusmp.gov.in/censusmp/All-PDF/6Literacy21.12.pdf |archive-date= 17 April 2012 |df= dmy-all}}</ref> पुरुषों में साक्षरता दर ७९% और महिलाओं में ५९% है। २००१ में उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर ५६% थी; ६७% पुरुष और ४३% महिलाएं साक्षर थी।<ref name=Literacy>{{cite web |title= Literacy rate in Uttar Pradesh |url= http://www.census2011.co.in/census/state/uttar+pradesh.html |publisher= Census of India 2011 |access-date= 16 October 2010 |url-status= live |archive-url= https://web.archive.org/web/20110430133506/http://www.census2011.co.in/census/state/uttar+pradesh.html |archive-date= 30 April 2011 |df= dmy-all}}</ref> [[केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन]] (एनएसओ) के सर्वेक्षण{{efn|name=remark1|National Sample Survey - from July 2017 to June 2018’ provides state-wise details of literacy rates among persons aged seven and above.}} पर आधारित एक रिपोर्ट के अनुसार २०१७ -१७ में उत्तर प्रदेश की साक्षरता दर ७३% है, जो राष्ट्रीय औसत ७७.७% से कम है। इसी रिपोर्ट के अनुसार राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुषों में साक्षरता दर ८०.५% और महिलाओं में ६०.४% है, जबकि नगरीय क्षेत्रों में पुरुषों में साक्षरता दर ८६.८% और महिलाओं में ७४.९% है।<ref name="NSO">{{cite news |title=UP literacy rate poor than national average: Report |url=https://www.hindustantimes.com/education/up-literacy-rate-poor-than-national-average-report/story-04cd30glcG2IchqkB0TLaJ.html |access-date=20 June 2021 |work=Hindustan Times |agency=HT Media Ltd |date=September 8, 2020}}</ref>
 
{{Pie chart|value1=80.16|value2=10.93|value3=5.42|value4=1.9|label1=[[हिन्दी]]|label2=[[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]]|label3=[[उर्दू]]|label4=[[अवधी]]|color1=orange|color2=maroon|color3=green|color4=pink|value5=1.59|label5=अन्य|color5=grey|caption=२०११ की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश की भाषाएँ<ref>{{cite web|url=http://censusindia.gov.in/2011Census/Language_MTs.html|title=Table C-16: Language by States and Union Territories – Uttar Pradesh|website=censusindia.gov.in|access-date=24 February 2021}}</ref>}}
[[हिन्दी]] उत्तर प्रदेश की आधिकारिक भाषा है और राज्य की अधिकांश जनसंख्या (८०.१६%) द्वारा बोली जाती है।<ref name="2011lang">{{cite web |url = http://www.nclm.nic.in/shared/linkimages/NCLM52ndReport.pdf |title = Report of the Commissioner for linguistic minorities: 52nd report (July 2014 to June 2015) |pages = 49–53 |publisher = Commissioner for Linguistic Minorities, Ministry of Minority Affairs, Government of India |access-date = 16 February 2016 |df = dmy-all |url-status = dead |archive-url = https://web.archive.org/web/20161115133948/http://nclm.nic.in/shared/linkimages/NCLM52ndReport.pdf |archive-date = 15 November 2016}}</ref> लेकिन अधिकांश लोग क्षेत्रीय भाषाएँ बोलते हैं, जिन्हें जनगणना में हिंदी की बोलियों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली [[खड़ी बोली]] या [[कौरवी]] तथा [[ब्रज]] क्षेत्र में बोली जाने वाली [[ब्रजभाषा]], मध्य उत्तर प्रदेश के [[अवध]] क्षेत्र में बोली जाने वाली [[अवधी]] तथा [[कन्नौज]] के आस-पास बोली जाने वाली [[कन्नौजी भाषा|कन्नौजी]], पूर्वी उत्तर प्रदेश के [[पूर्वांचल]] में बोली जाने वाली [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]] और दक्षिणी उत्तर प्रदेश में बोली जाने वाली [[बुंदेली भाषा|बुंदेली]] शामिल हैं। ५.४% जनसंख्या द्वारा बोली जाने वाली [[उर्दू]] को राज्य की अतिरिक्त आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है।<ref name="2011lang" /><ref name="census2011-langreport" /> राज्य में बोली जाने वाली अन्य उल्लेखनीय भाषाओं में [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]] (०.३%) और [[बंगाली]] (०.१%) शामिल हैं।<ref name="census2011-langreport">{{cite web |title=Language – India, States and Union Territories |url=http://www.censusindia.gov.in/2011Census/C-16_25062018_NEW.pdf |work=Census of India 2011 |publisher=Office of the Registrar General |pages=13–14 |access-date=21 November 2018 |archive-url=https://web.archive.org/web/20181114073412/http://www.censusindia.gov.in/2011Census/C-16_25062018_NEW.pdf |archive-date=14 November 2018 |url-status=live}}</ref>
 
== अर्थव्यवस्था ==
{{main|उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था}}
उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था के निम्न साधन हैं-
 
* [[संसाधन]]
आर्थिक तौर पर उत्तर प्रदेश देश के अत्यधिक अल्पविकसित राज्यों में से एक है। यह मुख्यत: कृषि प्रधान राज्य है और यहाँ की तीन-चौथाई (75 प्रतिशत) से अधिक जनसंख्या कृषि कार्यों में लगी हुई है। राज्य में औद्योगिकीकरण के लिए महत्त्वपूर्ण खनिज एवं ऊर्जा संसाधनों की कमी है। यहाँ पर केवल सिलिका, चूना पत्थर व कोयले जैसे खनिज पदार्थ ही उल्लेखनीय मात्रा में पाए जाते हैं। इसके अलावा यहाँ जिप्सम, मैग्नेटाइट, फ़ॉस्फ़ोराइट और बॉक्साइट के अल्प भण्डार भी पाए जाते हैं।
 
* [[कृषि]] एवं [[वानिकी]]
राज्य की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है। चावल, गेहूँ, ज्वार, बाजरा, जौ और गन्ना राज्य की मुख्य फ़सलें हैं। 1960 के दशक से गेहूँ व चावल की उच्च पैदावार वाले बीजों के प्रयोग, उर्वरकों की अधिक उपलब्धता और सिंचाई के अधिक इस्तेमाल से उत्तर प्रदेश खाद्यान्न का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बन गया है। यद्यपि किसान दो प्रमुख समस्याओं से ग्रस्त हैं: आर्थिक रूप से अलाभकारी छोटे खेत और बेहतर उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए अपर्याप्त संसाधन, राज्य की अधिकतम कृषि भूमि किसानों को मुश्किल से ही भरण-पोषण कर पाती है। पशुधन व डेयरी उद्योग आय के अतिरिक्त स्रोत हैं। उत्तर प्रदेश में भारत के किसी भी शहर के मुक़ाबले सर्वाधिक पशु पाए जाते हैं। हालाँकि प्रति गाय दूध का उत्पादन कम है।
 
* [[उद्योग]]
राज्य में काफ़ी समय से मौजूद वस्त्र उद्योग व चीनी प्रसंस्करण उद्योग में राज्य के कुल मिलकर्मियों का लगभग एक-तिहाई हिस्सा लगा है। राज्य की अधिकांश मिलें पुरानी व अक्षम हैं। अन्य संसाधन आधारित उद्योगों में वनस्पति तेल, जूट व सीमेंट उद्योग शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने यहाँ पर भारी उपकरण, मशीनें, इस्पात, वायुयान, टेलीफ़ोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और उर्वरकों के उत्पादन वाले बहुत से बड़े कारख़ाने स्थापित किए हैं। यहाँ मथुरा में एक तेल परिष्करणशाला और राज्य के दक्षिण-पूर्वी मिर्ज़ापुर ज़िले में कोयला क्षेत्र का विकास केन्द्र सरकार की दो प्रमुख परियोजनाएँ हैं। राज्य सरकार ने मध्यम और लघु स्तर के उद्योगों को प्रोत्साहन दिया है।
 
हस्तशिल्प, क़ालीन, पीतल की वस्तुएँ, जूते-चप्पल, चमड़े व खेल का सामान राज्य के निर्यात में प्रमुखता के साथ योगदान देते हैं। कानपुर उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा औधोगिक शहर है यहाँ चमड़े का काम होता है। कानपुर में चमड़े का जूता पूरी दुनिया में मशहूर है। भदोई व मिर्ज़ापुर के क़ालीन दुनिया भर में सराहे जाते हैं। पिलखुवा की हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरें, वाराणसी का रेशम व ज़री का काम, मुरादाबाद की पीतल की ख़ूबसूरत वस्तुएँ, लखनऊ की चिकनकारी, नगीना का आबनूस की लकड़ी का काम, फ़िरोज़ाबाद की काँच की वस्तुएँ और सहारनपुर का नक्क़ाशीदार लकड़ी का काम भी उल्लेखनीय है। सार्वजनिक क्षेत्र के वाणिज्यिक बैंकों की संख्या उत्तर प्रदेश में ही सबसे अधिक है। देश के विकास में इस प्रदेश का बहुत ही महत्त्वपूर्ण योगदान है। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश बिजली की भीषण कमी का शिकार है। 1951 से स्थापित अन्य विद्युत उत्पादन केन्द्रों से क्षमता बढ़ी है, लेकिन माँग और आपूर्ति के बीच अन्तर बढ़ता ही जा रहा है। भारत के अधिकतम तापविद्युत केन्द्रों में से एक ओबरा-रिहंद (दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश), राज्य के कई अन्य हिस्सों में स्थित विभिन्न पनबिजली संयंत्रों और बुलंदशहर के परमाणु बिजलीघर में बिजली का उत्पादन किया जाता है।
वर्ष 2004-05 में उत्तर प्रदेश में कुल 5,21,835 लघु उद्योग इकाइयाँ थीं, जिनमें लगभग 5,131 करोड़ रुपये की पूंजी का निवेश था और लगभग 20,01,000 लोग काम कर रहे थे। वर्ष 2004-05 में राज्य में लगभग 45.51 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ। उत्तर प्रदेश राज्य में 68 कपड़ा मिलें और 32 आटोमोबाइल के कारखाने हैं, जिनमें 5,740 करोड़ रुपये की पूंजी का निवेश है। सन् 2011 तक 'नोएडा प्राधिकरण' के अंतर्गत 102 सेक्टर विकसित करने की योजना चल रही है। इस प्राधिकरण में औद्योगिक क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र, ग्रुप हाउसिंग क्षेत्र, आवासीय भवन, व्यावसायिक परिसंपत्तियां और संस्थागत शिक्षा क्षेत्र शामिल हैं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की भांति ही राज्य में अन्य स्थानों पर औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने के लिए कार्य किये जा रहे हैं।
 
वैसे तो यहाँ उद्योगों के लिए काफी संभावनायें हैं और कई बड़े उद्योग यहाँ लगे हुए हैं। वैसे उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में पहली आयुर्वेदिक दवा उद्योग की स्थापना न्यू इंडिया फार्मास्युटिकल्स नाम से की गयी है। यह ओधोगिक इकाई करीब सौ से अधिक दवाओं का उत्पादन कर रही है। टेबलेट सिरप के साथ साथ कई अन्य दवाओं का निर्माण यहाँ होता है। हालाँकि अभी यह समूह अपनी पूरी ताकत से विस्तार की और अगसर है और इसे जागरूक लोगों की ज़रूरत है, जो इसके उत्पादन को भारतीय बाज़ार में पहुँचा सके।
 
=== सिंचाई और बिजली ===
* 14 जनवरी 2000 को 'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' का पुनर्गठन करके 'उत्तर प्रदेश विद्युत निगम', 'उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन' तथा 'उत्तर प्रदेश पनबिजली निगम' को स्थापित किया गया है।
* 2004 - 05 में राज्य की सिंचाई क्षमता बढ़ाकर 319.17 लाख हेक्टेयर तक करने के लिए 98,715 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
* 'उत्तर प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड' की स्थापना के समय पन बिजलीघरों और ताप बिजलीघरों की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 2,635 मेगावाट थी, जो आज बढ़कर 4,621 मेगावाट तक हो गई है।
उत्तर प्रदेश में बिजली का उत्पादन सोनभद्र जिले से अधिकतम होती है जो कि प्रदेश के अत्यंन्त पूर्व में एक पिछड़ा इलाका है जिस पर उत्तर प्रदेश सरकार का ध्यान सबसे अन्तिम में जाता है, ये उप्तपादन इकाईयां निम्न हैः-
1.थर्मल पावर ओबरा
2.थर्मल पावर अनपरा
3.एन. टी. पी. सी. बीजपुर
4.एन.टी.पी.सी शक्तिनगर
5.रेनुसागर
6.रिहन्द परियोजना
7.लैंको पावर प्लांट-प्राइवेट
8.एन.टी.पी.सी. टांडा
 
== परिवहन ==
[[चित्र:Purvanchal Expressway 436789.png|अंगूठाकार|बाएँ|[[पूर्वांचल एक्सप्रेसवे]] [[लखनऊ]] को [[अयोध्या]] व [[आजमगढ़]] होते हुए [[गाजीपुर]] से जोड़ता है।]]
उत्तर प्रदेश का रेलवे नेटवर्क भारत में सबसे बड़ा है, परन्तु राज्य की समतल स्थलाकृति और सर्वाधिक जनसंख्या के बावजूद रेलवे घनत्व केवल छठा-उच्चतम है। २०११ तक, राज्य में ८,५४६ किमी (५,३१० मील) लम्बी रेल लाइनें थी।<ref name="route length">{{cite web|title=total railway route length uttar pradesh|url=http://lko.railnet.gov.in/|publisher=Northern Railways Lucknow Division|access-date=22 July 2012|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20120814075641/http://lko.railnet.gov.in/|archive-date=14 August 2012}}</ref> [[उत्तर मध्य रेलवे (भारत)|उत्तर मध्य रेलवे अंचल]] का मुख्यालय [[इलाहाबाद]] में,<ref name="North Central Railway">{{cite web|title=North Central Railway-The Allahabad Division|url=http://www.ncr.indianrailways.gov.in/view_section.jsp?lang=0&id=0,1,396,403|publisher=Indian Railways Portal CMS Team|access-date=22 February 2011|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20140318062507/http://ncr.indianrailways.gov.in/view_section.jsp?lang=0&id=0,1,396,403|archive-date=18 March 2014}}</ref> और [[पूर्वोत्तर रेलवे (भारत)|पूर्वोत्तर रेलवे अंचल]] का मुख्यालय [[गोरखपुर]] में है।<ref name="North-Eastern Railways">{{cite web|title=the Portal of Indian Railways|url=http://www.ner.indianrailways.gov.in/|publisher=[[Indian Railways]]|access-date=14 April 2011|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20110411221732/http://www.ner.indianrailways.gov.in/|archive-date=11 April 2011}}</ref><ref name="security system">{{cite news|title=Equipment arrives for integrated security system|url=http://timesofindia.indiatimes.com/topic/North-Eastern-Railway|newspaper=[[The Times of India]]|access-date=22 July 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130514093655/http://timesofindia.indiatimes.com/topic/North-Eastern-Railway|archive-date=14 May 2013}}</ref> इन अंचलीय मुख्यालयों के अतिरिक्त, [[लखनऊ]] और [[मुरादाबाद]] में [[उत्तर रेलवे (भारत)|उत्तर रेलवे अंचल]] के मंडलीय मुख्यालय स्थित हैं। भारत की दूसरी सबसे तेज शताब्दी ट्रेन लखनऊ स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस राज्य की राजधानी लखनऊ को भारतीय राजधानी [[नई दिल्ली]] से जोड़ती है जबकि कानपुर शताब्दी एक्सप्रेस, [[कानपुर]] को नई दिल्ली से जोड़ती है। नए जर्मन एलएचबी कोचों से युक्त यह भारत की पहली ट्रेन थी।<ref name=train>{{cite news|title=Lucknow New Delhi Shatabdi Express|url=http://timesofindia.indiatimes.com/topic/Lucknow-New-Delhi-Shatabdi-Express|access-date=28 July 2012|work=[[The Times of India]]|date=2 July 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20120926075420/http://timesofindia.indiatimes.com/topic/Lucknow-New-Delhi-Shatabdi-Express|archive-date=26 September 2012}}</ref> [[इलाहाबाद जंक्शन रेलवे स्टेशन|इलाहाबाद जंक्शन]], [[आगरा कैन्ट रेलवे स्टेशन|आगरा कैंट]], [[चारबाग रेलवे स्टेशन|लखनऊ एनआर]], [[गोरखपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन|गोरखपुर जंक्शन]], [[कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन|कानपुर सेंट्रल]], [[मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन|मथुरा जंक्शन]] और [[वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन|वाराणसी जंक्शन]] भारतीय रेलवे की ५० विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशनों की सूची में शामिल हैं।<ref name="Railway Budget">{{cite web|title=Introducing the Railway Budget 2011–12|url=http://www.indianrailways.gov.in/railwayboard/uploads/directorate/finance_budget/RailBudget_11-12/RailBudget_2011-12.pdf|publisher=[[Indian Railways]]|access-date=22 July 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20160512215003/http://www.indianrailways.gov.in/railwayboard/uploads/directorate/finance_budget/RailBudget_11-12/RailBudget_2011-12.pdf|archive-date=12 May 2016}}</ref>
 
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| caption1 =[[नई दिल्ली रेलवे स्टेशन|नयी दिल्ली]] से [[वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन|वाराणसी जंक्शन]] तक चलने वाली [[ट्रेन १८|वन्दे भारत एक्सप्रेस]]।
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| caption2 = लखनऊ में स्थित [[अमौसी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र|चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]] का द्वितीय टर्मिनल।
}}
 
राज्य में देश में एक विशाल और बहुविध परिवहन प्रणाली है, जिसके अंतर्गत देश का सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क भी है।<ref name="ROAD NETWORK"><!--?REPEAT1?-->{{cite web |last=Investment Promotion & Infrastructure Development Cell |title=Road |url=http://dipp.nic.in/English/Investor/Investers_Gudlines/roads.pdf |publisher=Department of Industrial Policy and Promotion |access-date=7 January 2012 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20111014170737/http://dipp.nic.in/English/Investor/Investers_Gudlines/roads.pdf |archive-date=14 October 2011}}</ref> उत्तर प्रदेश अपने नौ पड़ोसी राज्यों और भारत के लगभग सभी अन्य हिस्सों से [[राष्ट्रीय राजमार्ग (भारत)|राष्ट्रीय राजमार्गों]] के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। कुल ४२ राष्ट्रीय राजमार्ग राज्य में हैं, जिनकी लंबाई ४,९४२ किमी (भारत में राजमार्गों की कुल लंबाई का ९.६%) है। [[उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम]] की स्थापना १९७२ में राज्य में सस्ती, विश्वसनीय और आरामदायक परिवहन सेवा प्रदान करने के लिए की गई थी,<ref>{{cite web|title=Road network|url=http://www.ibef.org/download/uttar_pradesh_190111.pdf|publisher=India Brand Equity Foundation|access-date=22 July 2012|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20120907052302/http://www.ibef.org/download/uttar_pradesh_190111.pdf|archive-date=7 September 2012}}</ref> और यह पूरे देश में लाभ में चलने वाला एकमात्र राज्य परिवहन निगम है। राज्य के सभी नगर [[उत्तर प्रदेश के राज्य राजमार्गों की सूची|राज्य राजमार्गों]] से जुड़े हुए हैं, और सभी जनपद मुख्यालयों को फोर लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है जो राज्य के भीतर प्रमुख केंद्रों के बीच यातायात ले जाती हैं। इन्हीं में से एक है [[आगरा लखनऊ द्रुतगामी मार्ग|आगरा&ndash;लखनऊ एक्सप्रेसवे]], जो कि पुरानी भीड़ग्रस्त सड़कों पर वाहनों के यातायात को कम करने के लिए [[उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण]] (यूपीईआईडीए) द्वारा निर्मित ३०२ किमी (१८८ मील) लम्बा नियंत्रित-पहुंच राजमार्ग है।<ref>{{cite web|title=Welcome :: U.P. Expressways Industrial Development Authority|url=http://www.upeida.in/project_8.htm|website=upeida.in|access-date=26 July 2016|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20160712131932/http://www.upeida.in/project_8.htm|archive-date=12 July 2016}}</ref> यह एक्सप्रेसवे देश का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है, जिसने लखनऊ और [[आगरा]] के बीच यात्रा के समय को ६ घंटे से घटाकर ३.३० घंटे कर दिया है।<ref>{{cite web|title=India's Longest Agra-Lucknow Expressway – 20 Facts to Know|url=http://www.masterplansindia.com/expressways/india-longest-agra-lucknow-expressway-20-facts-to-know|access-date=26 July 2016|date=26 November 2014|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20160714220544/http://www.masterplansindia.com/expressways/india-longest-agra-lucknow-expressway-20-facts-to-know|archive-date=14 July 2016}}</ref> अन्य जिला सड़कें व ग्रामीण सड़कें ग्रामों को उनकी सामाजिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पहुँच प्रदान करती हैं और साथ ही कृषि उपज को आस-पास के बाजारों तक पहुँचाने के साधन भी प्रदान करती हैं। प्रमुख जिला सड़कें मुख्य सड़कों और ग्रामीण सड़कों को जोड़ने का एक द्वितीयक कार्य करती हैं।<ref name="road networks"><!--?REPEAT2?-->{{cite web|last=Roads in India are divided into the categories|first=For the purpose of management and administration|title=One of the largest road networks in the Country|url=http://dipp.nic.in/English/Investor/Investers_Gudlines/roads.pdf|publisher=Department of Industrial policy and promotion|access-date=22 July 2012|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20121224063100/http://dipp.nic.in/English/Investor/Investers_Gudlines/roads.pdf|archive-date=24 December 2012}}</ref> उत्तर प्रदेश में भारत में सबसे अधिक सड़क घनत्व (१,०२७ किमी प्रति १००० वर्ग किमी) और देश में सबसे बड़ा नगरीय-सड़क नेटवर्क (५०,७२१ किमी) है।<ref>{{cite web|title=Pervasive road network of Uttar Pradesh|url=http://planningcommission.nic.in/plans/stateplan/upsdr/vol-2/Chap_b8.pdf|publisher=Planning commission, Government of India|access-date=20 September 2012|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20121222090850/http://planningcommission.nic.in/plans/stateplan/upsdr/vol-2/Chap_b8.pdf|archive-date=22 December 2012}}</ref>
 
राज्य में दो अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र हैं &ndash; लखनऊ में स्थित [[अमौसी अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र|चौधरी चरण सिंह अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]] एवं वाराणसी में स्थित [[लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा|लाल बहादुर शास्त्री अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]]।<ref name=Airports>{{cite web|title=contributing to economic growth and prosperity of the nation|url=http://www.aai.aero/allAirports/varanasi_generalinfo.jsp|publisher=Airports Authority of India|access-date=22 July 2012|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20120629091735/http://www.aai.aero/allAirports/varanasi_generalinfo.jsp|archive-date=29 June 2012}}</ref> इसके अतिरिक्त [[आगरा विमानक्षेत्र|आगरा]], [[इलाहाबाद हवाई अड्डा|इलाहाबाद]], [[कानपुर विमानक्षेत्र|कानपुर]], [[हिण्डन हवाई अड्डा|गाजियाबाद]], [[गोरखपुर विमानक्षेत्र|गोरखपुर]] व [[बरेली हवाई अड्डा|बरेली]] में घरेलू विमानक्षेत्र हैं।<ref>{{cite news |title=UP gets its 8th airport |url=https://www.livemint.com/news/india/up-gets-its-8th-airport-check-flight-routes-fare-and-other-details-11615267509248.html |access-date=24 April 2021 |work=mint |date=9 March 2021 |language=en}}</ref> लखनऊ विमानक्षेत्र नई दिल्ली में स्थित [[इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा|इन्दिरा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र]] के बाद [[उत्तर भारत]] का दूसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। इन सब के अलावा दो नए अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र [[कुशीनगर]] एवं [[ग्रेटर नोएडा]] के निकट स्थित [[जेवर]] में निर्माणाधीन हैं,<ref>{{cite web|url=http://www.business-standard.com/article/companies/kushinagar-international-airport-to-get-ready-for-take-off-113010700012_1.html|title=Kushinagar international airport to get ready for take-off|publisher=Virendra Singh Rawat|date=7 January 2013|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20140521031503/http://www.business-standard.com/article/companies/kushinagar-international-airport-to-get-ready-for-take-off-113010700012_1.html|archive-date=21 May 2014}}</ref><ref>{{cite news |last1=Mishra |first1=Mihir |title=Jewar to be second airport in Delhi NCR |url=https://economictimes.indiatimes.com/industry/transportation/airlines-/-aviation/jewar-to-be-second-airport-in-delhi-ncr/articleshow/59296768.cms |work=The Economic Times |date=24 June 2017 |access-date=11 August 2018 |archive-url=https://web.archive.org/web/20180811133947/https://economictimes.indiatimes.com/industry/transportation/airlines-/-aviation/jewar-to-be-second-airport-in-delhi-ncr/articleshow/59296768.cms |archive-date=11 August 2018 |url-status=live}}</ref> जबकि [[फिरोजाबाद जिला|फिरोजाबाद जिले]] के [[टुंडला]] के निकट ताज अन्तर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र भी प्रस्तावित है।<ref>{{cite web|url=http://www.hindustantimes.com/india-news/lucknow/up-to-seek-dgca-nod-for-taj-airport/article1-1080013.aspx |title=UP to seek DGCA nod for Taj airport |work=Hindustan Times |date=21 June 2013 |access-date=29 July 2015 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20150402155751/http://www.hindustantimes.com/india-news/lucknow/up-to-seek-dgca-nod-for-taj-airport/article1-1080013.aspx |archive-date=2 April 2015}}</ref><ref>{{cite web|url=http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx |title=Hindustan Times e-Paper |work=Hindustan Times |access-date=29 July 2015 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20140608140626/http://paper.hindustantimes.com/epaper/viewer.aspx |archive-date=8 June 2014}}</ref> [[लखनऊ मेट्रो]] ९ मार्च २०१९ से परिचालन में है, जबकि [[आगरा मेट्रो]] व [[कानपुर मेट्रो]] निर्माणाधीन हैं। राजधानी में अप्रवासियों की संख्या में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है और इस कारण परिवहन के सार्वजनिक साधनों में परिवर्तन पर जोर है।<ref>{{cite web|url=http://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Lucknow-Metro-Rail-Right-On-Track/articleshow/5960484.cms|title=Lucknow Metro Rail Right on Track|access-date=25 July 2016|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20170106202135/http://timesofindia.indiatimes.com/city/lucknow/Lucknow-Metro-Rail-Right-On-Track/articleshow/5960484.cms|archive-date=6 January 2017}}</ref> राज्य के आंतरिक परिवहन तंत्र में [[गंगा]], [[यमुना]] व [[घाघरा]] नदियों की अंतर्देशीय जल परिवहन व्यवस्था भी शामिल है।
 
== पर्यटन ==
{{multiple image|perrow=1|total_width=225|caption_align=center|image_style=border:none;|background color = #F0FFFF| align=left |image1=Kumbh Mela 2013 Sangam, Allahabd.jpg|caption1={{font|size=110%|font=|text=|[[इलाहाबाद]] में [[त्रिवेणी संगम]] पर २०१३ का [[कुम्भ मेला]]}}}}
अपनी समृद्ध और विविध स्थलाकृति, जीवंत संस्कृति, त्योहारों, स्मारकों एवं प्राचीन धार्मिक स्थलों व विहारों के कारण ७.१ करोड़ से अधिक घरेलू पर्यटकों के साथ उत्तर प्रदेश भारत के सभी राज्यों में घरेलू पर्यटकों के आगमन में प्रथम स्थान पर है।<ref name="Board2010">{{cite book|author=Upkar Prakashan – Editorial Board|title=Uttar Pradesh General Knowledge|url=https://books.google.com/books?id=_ce8FpJzR-4C&pg=PA46|access-date=26 July 2012|year= 2010|publisher=Upkar Prakashan|isbn=978-8174824080|pages=46–287|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130528155016/http://books.google.com/books?id=_ce8FpJzR-4C&pg=PA46|archive-date=28 May 2013}}</ref><ref name=Tourism>{{cite journal |title=Performance of Tourist Centres in Uttar Pradesh: An Evaluation Using Data Envelopment Analysis |url=http://asci.org.in/journal/Vol.40(2010-11)/40_1_Masood%20H%20Siddiqui.pdf |publisher=Administrative Staff College of India |journal=ASCI Journal of Management |volume=40 |issue=1 |first1=Masood H. |last1=Siddiqui |first2=Shalini N. |last2=Tripathi |year=2011 |access-date=22 March 2019 |archive-url=https://web.archive.org/web/20160804081245/http://asci.org.in/journal/Vol.40(2010-11)/40_1_Masood%20H%20Siddiqui.pdf |archive-date=4 August 2016 |url-status=live}}</ref> राज्य में तीन [[विश्व धरोहर स्थल]] भी हैं: [[ताजमहल]], [[आगरा का किला]] और [[फतेहपुर सीकरी]]। उत्तर प्रदेश भारत में एक पसंदीदा पर्यटन स्थल है, मुख्यतः ताजमहल के कारण, जहाँ २०१८-१९ में लगभग ७९ लाख लोगों ने दौरा किया। यह पिछले वर्ष की तुलना में ६% अधिक था, जब यह संख्या ६४ लाख थी। स्मारक ने २०१८-१९ में टिकटों की बिक्री से लगभग ₹७८ करोड़ की कमाई की।<ref>{{cite news |last1=Taj Mahal |first1=Tourists at |title=Tourists up at Taj Mahal|url=https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/tourists-up-at-taj-mahal-and-red-fort-but-qutub-minar-loses-its-no-2-spot/articleshow/70152555.cms |access-date=29 March 2020 |work=[[The Economic Times]] |agency=Bennett, Coleman & Co. Ltd. |publisher=[[The Times Group]] |ref=grow}}</ref> पर्यटन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख योगदानकर्ता है, जो प्रतिवर्ष २१.६०% की दर से बढ़ रहा है।<ref name="Year-wise">{{cite web |title=Year-wise Tourist Statistics |url=http://www.uptourism.gov.in/pages/top/about-up-tourism/year-wise-tourist-statistics |publisher=Uttar Pradesh Tourism |access-date=12 June 2020}}</ref>
 
धार्मिक पर्यटन भी उत्तर प्रदेश पर्यटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि राज्य में कई हिन्दू मन्दिर हैं। हिन्दू धर्म के सात पवित्रतम नगरों ([[सप्त पुरियां|सप्त पुरियों]]) में से तीन ([[अयोध्या]], [[मथुरा]] व [[वाराणसी]]) उत्तर प्रदेश में ही स्थित हैं। वाराणसी हिंदू और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख धार्मिक केंद्र है। घरेलू पर्यटक यहाँ आमतौर पर धार्मिक उद्देश्यों के लिए आते हैं, जबकि विदेशी पर्यटक [[गंगा नदी]] के घाटों पर घूमने के लिए जाते हैं। [[वृंदावन]] को [[वैष्णव सम्प्रदाय]] का एक पवित्र स्थान माना जाता है। भगवान [[राम]] के जन्मस्थान के रूप में प्रसिद्ध अयोध्या महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। गंगा नदी के तट पर राज्य भर में असंख्य धार्मिक स्थल व घाट हैं, जहाँ समय-समय पर मेलों का आयोजन होता रहता है। [[त्रिवेणी संगम]] पर लगने वाले [[माघ मेला|माघ मेले]] में भाग लेने के लिए लाखों लोग [[इलाहाबाद]] में एकत्रित होते हैं।<ref name="MacLean2008">{{cite book|author=Kama MacLean|title=Pilgrimage and Power: The Kumbh Mela in Allahabad, 1765–1954|url=https://books.google.com/books?id=MALacgnsroMC|access-date=25 July 2012|year= 2008|publisher=Oxford University Press|isbn=978-0195338942|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130527022328/http://books.google.com/books?id=MALacgnsroMC|archive-date=27 May 2013}}</ref> यह उत्सव प्रत्येक १२वें वर्ष में बड़े पैमाने पर आयोजित किया जाता है, जब इसे [[कुम्भ मेला]] कहा जाता है, और तब १ करोड़ से अधिक हिन्दू तीर्थयात्री इसमें सम्मिलित होने इलाहाबाद आते हैं।<ref name="Magh Mela">{{cite news|title=Hindus gather for the Kumbh Mela at the Ganges in India and Maha Shivaratri in Allahabad|url=https://www.telegraph.co.uk/news/picturegalleries/worldnews/7222387/pictures-Hindus-gather-for-the-Kumbh-Mela-in-India-and-Maha-Shivaratri-in-Nepal.html|work=The Daily Telegraph|location=London|access-date=25 January 2011|date=12 February 2010|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20110127012405/http://www.telegraph.co.uk/news/picturegalleries/worldnews/7222387/pictures-Hindus-gather-for-the-Kumbh-Mela-in-India-and-Maha-Shivaratri-in-Nepal.html|archive-date=27 January 2011}}</ref> [[गोरखपुर]] के [[गोरखनाथ मन्दिर]] में [[मकर संक्रान्ति]] के समय एक माह तक चलने वाला खिचड़ी मेला लगता है। [[विन्ध्याचल]] एक अन्य हिंदू तीर्थ स्थल है जहाँ विंध्यवासिनी देवी का मन्दिर स्थित है।
 
उत्तर प्रदेश के बौद्ध आकर्षणों में कई स्तूप और मठ शामिल हैं। [[सारनाथ]] एक ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण नगर है, जहां [[गौतम बुद्ध]] ने ज्ञान-प्राप्ति के बाद अपना पहला उपदेश दिया था और [[कुशीनगर]] वह स्थल है, जहाँ उनकी मृत्यु हो गई थी; दोनों ही बौद्धों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं।<ref name=SARNATH>{{cite web|title=Sarnath General Information|url=http://varanasi.nic.in/tourist/tourist7.html|publisher=Tourism department of Varanasi|access-date=8 July 2012|url-status=dead|archive-url=https://web.archive.org/web/20120508235741/http://varanasi.nic.in/tourist/tourist7.html|archive-date=8 May 2012}}</ref> इसके अतिरिक्त सारनाथ में स्थित [[अशोकस्तम्भ]] और [[अशोक का सिंहचतुर्मुख स्तम्भशीर्ष]] राष्ट्रीय महत्व की महत्वपूर्ण पुरातात्विक कलाकृतियाँ हैं। वाराणसी से ८० किमी की दूरी पर स्थित [[गाजीपुर]] [[ईस्ट इंडिया कंपनी]] के [[बंगाल प्रेसीडेंसी]] के गवर्नर [[लॉर्ड कॉर्नवालिस]] के १८वीं शताब्दी के मकबरे के लिए जाना जाता है, जिसका रखरखाव [[भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण]] द्वारा किया जाता है।<ref name="Joon">{{cite book|author=Sanjeev Joon|title=Complete Guide for SSC|url=https://books.google.com/books?id=E9YfW2709psC&pg=RA2-PA93|access-date=25 July 2012|publisher=Tata McGraw-Hill Education|isbn=978-0070706453|page=255|url-status=live|archive-url=https://web.archive.org/web/20130528151112/http://books.google.com/books?id=E9YfW2709psC&pg=RA2-PA93|archive-date=28 May 2013}}</ref> राज्य में एक [[राष्ट्रीय उद्यान]] तथा २५ वन्यजीव अभयारण्य हैं। ओखला पक्षी अभयारण्य को ३०० से अधिक पक्षी प्रजातियों के लिए एक आश्रय स्थल के रूप में जाना जाता है, जिनमें से १६० पक्षी प्रजातियां प्रवासी हैं, जो [[तिब्बत]], [[यूरोप]] व [[साइबेरिया]] से यात्रा करती हैं। [[एटा जिला|एटा जिले]] में स्थित पटना पक्षी अभयारण्य भी एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
 
== कला एवं संस्कृति ==
=== साहित्य ===
हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का स्थान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। साहित्य और भारतीय रक्षा सेवायेँ, दो ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें उत्तर प्रदेश निवासी गर्व कर सकते हैं। गोस्वामी तुलसीदास, कबीरदास, सूरदास से लेकर भारतेंदु हरिश्चंद्र, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी, आचार्य राम चन्द्र शुक्ल, मुँशी प्रेमचंद, जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानन्दन पन्त, मैथलीशरण गुप्त, सोहन लाल द्विवेदी, हरिवंशराय बच्चन, महादेवी वर्मा, राही मासूम रजा, अज्ञेय जैसे इतने महान कवि और लेखक हुए हैं उत्तर प्रदेश में कि पूरा पन्ना ही भर जाये।
उर्दू साहित्य में भी बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है उत्तर प्रदेश का। फिराक़, जोश मलीहाबादी, अकबर इलाहाबादी, नज़ीर, वसीम बरेलवी, चकबस्त जैसे अनगिनत शायर उत्तर प्रदेश ही नहीं वरन देश की शान रहे हैं। हिंदी साहित्य का क्षेत्र बहुत ही व्यापक रहा है और लुगदी साहित्य भी यहाँ खूब पढ़ा जाता है।
 
=== संगीत ===
संगीत उत्तर प्रदेश के व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह तीन प्रकार में बांटा जा सकता है
 
१- पारंपरिक संगीत एवं लोक संगीत : यह संगीत और गीत पारंपरिक मौकों शादी विवाह, होली, त्योहारों आदि समय पर गाया जाता है
 
२- शास्त्रीय संगीत : उत्तर प्रदेश में उत्कृष्ट गायन और वादन की परंपरा रही है।
 
३- हिंदी फ़िल्मी संगीत एवं भोजपुरी पॉप संगीत : इस प्रकार का संगीत उत्तर प्रदेश में सबसे लोकप्रिय।
 
=== कथक ===
कथक उत्तर प्रदेश का एक परिष्कृत शास्त्रीय नृत्य है जो कि हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के साथ किया जाता है। कथक
नाम 'कथा' शब्द से बना है, इस नृत्य में नर्तक किसी कहानी या संवाद को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत
करता है। कथक नृत्य का प्रारम्भ ६-७ वीं शताब्दी में उत्तर भारत में हुआ था। प्राचीन समय में यह एक
धार्मिक नृत्य हुआ करता था जिसमें नर्तक महाकाव्य गाते थे और अभिनय करते थे। १३ वी शताब्दी तक
आते-आते कथक सौन्दर्यपरक हो गया तथा नृत्य में सूक्ष्म अभिनय एवं मुद्राओं पर अधिक ध्यान दिया
जाने लगा। कथक में सूक्ष्म मुद्राओं के साथ ठुमरी गायन पर तबले और पखावज के साथ ताल मिलाते हुए
नृत्य किया जाता है। कथक नृत्य के प्रमुख कलाकार पन्डित [[बिरजू महाराज]] हैं।
फरी नृत्य, जांघिया नृत्य, पंवरिया नृत्य, कहरवा, जोगिरा, निर्गुन, कजरी, सोहर, चइता गायन उत्तर प्रदेश की लोकसंस्कृतियां हैं। [[लोकरंग सांस्कृतिक समिति]] इन संस्कृतियों संवर्द्धन, संरक्षण के लिए कार्यरत है।
 
=== हस्त शिल्प ===
फिरोजाबाद की चूड़ियाँ, सहारनपुर का काष्ठ शिल्प, पिलखुवा की हैण्ड ब्लाक प्रिंट की चादरें, वाराणसी की साड़ियाँ तथा रेशम व ज़री का काम, लखनऊ का कपड़ों पर चिकन की कढ़ाई का काम, रामपुर का पैचवर्क, मुरादाबाद के पीतल के बर्तन औरंगाबाद का टेराकोटा, मेरठ की कैंची आदि। जौनपुर की बेनी साव की इमरती और मूली।
 
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कृपया इस विभाग के लिए विश्वसनीय सूत्रों से सन्दर्भ उपलब्ध कराएँ। अन्यथा इस प्रभाग को छुपा रहने दें।
== जातीय एवं भाषाई संघटन ==
राज्य की अधिकांश जनसंख्या आर्य-द्रविड़ जातीय समूह से सम्बद्ध है। यहाँ की जनसंख्या का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा हिन्दू, लगभग 25 प्रतिशत मुसलमान व 5 प्रतिशत अन्य धार्मिक समुदायों, सिक्ख, बौद्ध, ईसाई व जैन मतावलम्बियों का है। हिन्दी (राज्य की राजकीय भाषा) 75 प्रतिशत व उर्दू 25 प्रतिशत लोगों की मातृभाषा है। लोगों द्वारा बोले जाने वाली हिन्दुस्तानी भाषा में दोनों ही भाषाओं के सामान्य शब्द हैं, जिसे राज्य भर में समझा जाता है।
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== हिन्दी भाषा की जन्मस्थली ==
उत्तर प्रदेश भारत की राजकीय भाषा [[हिन्दी]] की जन्मस्थली है। शताब्दियों के दौरान हिन्दी के कई स्थानीय स्वरूप विकसित हुए हैं। साहित्यिक हिन्दी ने 19वीं शताब्दी तक [[खड़ी बोली]] का वर्तमान स्वरूप (हिन्दुस्तानी) धारण नहीं किया था। [[वाराणसी]] के [[भारतेन्दु हरिश्चन्द्र]] (1850-1885 ई.) उन अग्रणी लेखकों में से थे, जिन्होंने हिन्दी के इस स्वरूप का इस्तेमाल साहित्यिक माध्यम के तौर पर किया था।
 
== सांस्कृतिक जीवन ==
 
उत्तर प्रदेश हिन्दुओं की प्राचीन सभ्यता का उदगम स्थल है। वैदिक साहित्य मन्त्र, ब्राह्मण, श्रौतसूत्र, गृह्यसूत्र, मनुस्मृति आदि धर्मशास्त्रौं, आदि महाकाव्य-[[वाल्मीकि रामायण]], और [[महाभारत]] (जिसमें श्रीमद् भगवद्गीता शामिल है) अष्टादश पुराणों के उल्लेखनीय हिस्सों का मूल यहाँ के कई आश्रमों में जीवन्त है। बौद्ध-हिन्दू काल (लगभग 600 ई. पू.-1200 ई.) के ग्रन्थों व वास्तुशिल्प ने भारतीय सांस्कृतिक विरासत में बड़ा योगदान दिया है। 1947 के बाद से भारत सरकार का चिह्न [[मौर्य]] सम्राट [[अशोक]] के द्वारा बनवाए गए चार सिंह युक्त स्तम्भ (वाराणसी के निकट [[सारनाथ]] में स्थित) पर आधारित है। वास्तुशिल्प, चित्रकारी, संगीत, नृत्यकला और दो भाषाएँ (हिन्दी व उर्दू) मुग़ल काल के दौरान यहाँ पर फली-फूली। इस काल के चित्रों में सामान्यतः धार्मिक व ऐतिहासिक ग्रन्थों का चित्रण है। यद्यपि साहित्य व संगीत का उल्लेख प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों में किया गया है और माना जाता है कि [[गुप्त काल]] (लगभग 320-540) में संगीत समृद्ध हुआ। संगीत परम्परा का अधिकांश हिस्सा इस काल के दौरान उत्तर प्रदेश में विकसित हुआ। [[तानसेन]] व [[बैजू बावरा]] जैसे संगीतज्ञ मुग़ल शहंशाह [[अकबर]] के दरबार में थे, जो राज्य व समूचे देश में आज भी विख्यात हैं। भारतीय संगीत के दो सर्वाधिक प्रसिद्ध वाद्य [[सितार]] (वीणा परिवार का तंतु वाद्य) और तबले का विकास इसी काल के दौरान इस क्षेत्र में हुआ। 18वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश में [[वृन्दावन]] व [[मथुरा]] के मन्दिरों में भक्तिपूर्ण नृत्य के तौर पर विकसित शास्त्रीय नृत्य शैली कथक उत्तरी भारत की [[शास्त्रीय नृत्य]] शैलियों में सर्वाधिक प्रसिद्ध है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के स्थानीय गीत व नृत्य भी हैं। सबसे प्रसिद्ध लोकगीत मौसमों पर आधारित हैं।
 
== त्योहार ==
उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जहाँ समय समय पर सभी धर्मों के त्योहार मनाये जाते हैं-
*अयोध्या-रामनवमी मेला,राम विवाह,सावन झूला मेला, कार्तिक पूर्णिमा मेला
* प्रयागराज में प्रत्येक बारहवें वर्ष में कुंभ मेला आयोजित किया जाता है।
* इसके अतिरिक्त प्रयागराज में प्रत्येक 6 साल बाद अर्द्ध कुंभ मेले का आयोजन भी किया जाता है।
* प्रयागराज में ही प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में [[माघ मेला]] भी आयोजित किया जाता है, जहां बडी संख्या में लोग संगम में नहाते हैं।
* [[दीपावली]] पर [[चित्रकूट]] में दीपदान करने की विशेष मान्यता है। [[धनतेरस]] के दिन से शुरू होने वाले दीपमालिका मेले में शामिल होने के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु आते हैं और पवित्र मंदाकिनी नदी में डुबकी लगाते हैं। [[चित्रकूट]] [[भारत]] के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है। यह स्थान जितना शांत है उतना ही आकर्षक भी। प्रकृति और ईश्वर की अनुपम रचना के सुंदर और एक से बढ़कर एक दृश्य यहां देखने मिलते हैं।
* अन्य मेलों में मथुरा, [[वृन्दावन]] में अनेक पर्वों के मेले और झूला मेले लगते हैं, जिनमें प्रभु की प्रतिमाओं को सोने एवं चाँदी के झूलों में रखकर झुलाया जाता है। ये झूला मेले लगभग एक पखवाडे तक चलते हैं।
* [[कार्तिक]] [[पूर्णिमा]] के अवसर पर गंगा नदी में डुबकी लगाना पवित्र माना जाता है और इसके लिए [[गढ़मुक्तेश्वर]], [[सोरों]] शूकरक्षेत्र का मार्गशीर्ष मेला, राजघाट, बिठूर, [[कानपुर]], प्रयागराज, वाराणसी में बडी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं।
* आगरा ज़िले के बटेश्वर कस्बे में पशुओं का प्रसिद्ध मेला लगता है।
* [[बाराबंकी]] ज़िले का देवा मेला मुस्लिम संत वारिस अली शाह के कारण काफ़ी प्रसिद्ध है।
* इसके अतिरिक्त यहाँ [[हिन्दू]] तथा मुस्लिमों के सभी प्रमुख त्योहारों को पूरे राज्य में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
 
== टिप्पणियाँ ==