"सेंगर": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छोNo edit summary टैग: Reverted यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
No edit summary टैग: Reverted |
||
पंक्ति 1:
सेंगर एक भारतीय उपजाति अथवा गोत्र समुदाय है जो राजपूत वंश के अंतर्गत आता है।
सेंगर नामोत्पत्ति के बारे में एक मत के अनुसार माना जाता है कि ये राम की बहन शांता और श्रृंग ऋषि के वंशज हैं, जिन्हें श्रृंगवंशीय कहा जाता है।[6] श्रृंग्वेरपुर में किए गए उत्खनन कार्यों ने श्रृंगी ऋषि के मंदिर का पता चला है। श्रृंगवेरपुर का पूर्व का नाम "श्रेंगेरा" था जिससे कि सेंगर नाम की उत्पत्ति हुई है। यह व्यापक रूप से माना जाता है कि गॉंव का नाम उन ऋषि से ही मिला है। मुुगल काल के समाप्ति के दौरान वहा वाश करने वाले विभिन्न वंश के क्षत्रियों मुख्यता (सेंंगर व रोर वंश) के क्षत्रियोंओं द्वारा अराजक ताकतों का सामना करने के लिए सिंगरौर समूह बनाया गया था उन्हीं सिंगरौर समूह के क्षत्रिय के नाम पर तत्कालीन नाम सिंगरौर रखा गया है | इसी कारण से प्रयागराज मंडल के फतेहपुर, कौशांबी, इलाहाबाद तथा मध्य प्रदेश के रीवा ,सतना आदि जगह पे रहने वाले सेंगर व अन्य क्षत्रिय को सिंगरौर भी कहा जाता है| रामायण उल्लेख है कि भगवान राम, उनके भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता, निर्वासन पर जंगल जाने से पहले गांव में एक रात तक रहे। ऐसा कहा जाता है कि नावकों ने उन्हें गंगा नदी पार करने से इनकार कर दिया था तब निशादराज ने खुद उस स्थल का दौरा किया जहां भगवान राम इस मुद्दे को सुलझाने में लगे थे। उन्होंने उन्हें रास्ता देने की पेशकश की अगर भगवान राम उन्हें अपना पैर धोने दें, राम ने अनुमति दी और इसका भी उल्लेख है कि निशादराज ने गंगा जल से राम के पैरों को धोया और उनके प्रति अपना श्रद्धा दिखाने के लिए जल पिया। जबकि अन्य मतानुसार ये चन्द्रवंशीय राजा विकर्ण के वंशज हैं जिन्हें शातकर्णि कहा जाता था और इसी से सेंगर शब्द की उत्पत्ति हुई।[कृपया उद्धरण जोड़ें]
|