"तारिक इब्न ज़ियाद": अवतरणों में अंतर

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'''तारिक इब्न ज़ियाद''' (अरबी: طارق بن زياد) एक मुस्लिम कमांडर थे जिन्होंने 711-718 ईस्वी में विसिगोथिक हिस्पानिआ की इस्लामी [[उमय्यद ख़िलाफ़त|उमय्यद]] विजय अभियान का नेतृत्व किया था। उमय्यद खलीफ़ा [[अल-वालिद]] के आदेश के तहत इन्होंने एक बड़ी सेना का नेतृत्व किया और उन्होंने एक बड़ी सेना का नेतृत्व किया और उत्तरी अफ्रीकी तट से जिब्राल्टर के जलडमरूमध्य को पार किया, जो आज [[जिब्राल्टर चट्टान]] के रूप में जाना जाता है पर अपने सैनिकों को संघटित किया था। "[[जिब्राल्टर]]" नाम अरबी नाम जबल तारिक (جبل طارق) का [[स्पेनिश]] व्युत्पन्न है, जिसका अर्थ है "तारिक का पर्वत",<ref>{{cite web|url=http://www.gibraltar.gov.gi/gov_depts/port/port_index.htm |title=History of Gibraltar |accessdate=2007-12-20 |publisher=Government of Gibraltar |url-status=dead |archiveurl=https://web.archive.org/web/20080103220336/http://www.gibraltar.gov.gi/gov_depts/port/port_index.htm |archivedate=January 3, 2008 }}</ref> जिसका नाम उनके नाम पर रखा गया है। इनको इतिहास के बहतरीन कमांंडरोंं मेेंं गिना जाता है।
 
== इतिहास ==
इतिहास इब्न अब्द अल-हकम (803–871) के अनुसार, मूसा इब्न नुसायर ने 710-711 में अपनी विजय के बाद तारिक को टॅंजाह का गवर्नर नियुक्त किया [5] लेकिन सेउटा के पास एक विसिगोथिक चौकी पर विजय प्राप्त नहीं हो पाई, जो एक मज़बूत गढ़ था जिस की कमान एक सरदार, सेउटा के काउंट, जूलियन के हाथों में थी।
[[File:The Moorish Castle.jpg|thumb|200px|मूरिश किला]]
==सन्दर्भ==