"सूरदास": अवतरणों में अंतर

17 बाइट्स हटाए गए ,  2 वर्ष पहले
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 43:
*1. सूरदास के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के अनुग्रह से मनुष्य को सद्गति मिल सकती है। अटल भक्ति कर्मभेद, जातिभेद, ज्ञान, योग से श्रेष्ठ है।
*2. सूर ने वात्सल्य, श्रृंगार और शांत रसों को मुख्य रूप से अपनाया है। सूर ने अपनी कल्पना और प्रतिभा के सहारे कृष्ण के बाल्य-रूप का अति सुंदर, सरस, सजीव और मनोवैज्ञानिक वर्णन किया है। बालकों की चपलता, स्पर्धा, अभिलाषा, आकांक्षा का वर्णन करने में विश्व व्यापी बाल-स्वरूप का चित्रण किया है। बाल-कृष्ण की एक-एक चेष्टा के चित्रण में कवि ने कमाल की होशियारी एवं सूक्ष्म निरीक्षण का परिचय दिया है़-
:: '''मैया कबहिंकबहि बढैगीaditya चौटी?'raj kumar''
:: '''किती बार मोहिं दूध पियत भई, यह अजहूँ है छोटी।'''
 
गुमनाम सदस्य