गुमनाम सदस्य
→सूरदास की काव्यगत विशेषताएँ
Content deleted Content added
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
टैग: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
||
पंक्ति 62:
: ''सूरदास जब अपने प्रिय विषय का वर्णन शुरू करते हैं तो मानो अलंकार-शास्त्र हाथ जोड़कर उनके पीछे-पीछे दौड़ा करता है। उपमाओं की बाढ़ आ जाती है, रूपकों की वर्षा होने लगती है।''
इस प्रकार हम देखते हैं कि सूरदास हिंदी साहित्य के महाकवि हैं, क्योंकि उन्होंने न केवल भाव और भाषा की दृष्टि से साहित्य को सुसज्जित किया, वरन् कृष्ण-काव्य की विशिष्ट परंपरा को भी जन्म दिया।[[India]]
==सन्दर्भ==
|