"मंगोल लिपि": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
मंगोलों से पहले [[नायमन लोग]] (जो उईग़ुरों की तरह एक तुर्की जाति थे) उईग़ुर लिपि का प्रयोग पहले से कर रहे थे। सन् १२०४ में नायमनों के साथ मंगोलों के युद्ध किया और उसमें तातार-तोंगा नाम के एक उईग़ुर लेखक को बंदी बना लिया जो नायमन सरकार में कर-वसूली विभाग चलाने की ज़िम्मेदारी रखता था। उसी ने मंगोलों को उईग़ुर लिपि से अवगत कराया। कुछ सैंकड़ों सालों तक लिपि में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, हालांकि यह लिपि मंगोल ध्वनियों को पूरी तरह दिखने में सक्षम नहीं थी। फिर धीरे-धीरे इस लिपि में मंगोल भाषा के लिए उचित नए अक्षरों को लाया गया। मंगोलों ने पुरानी लिपि को इस नई लिपि से अलग बताने के लिए उसे 'उईग़ुरजिन' का नाम दे दिया।<ref name="ref93mumif">[http://books.google.com/books?id=d3tNUcYj32QC The Uyghur transformation in medieval Inner Asia: From nomadic Turkic tradition to cultured Mongol administrators]{{Dead link|date=सितंबर 2021 |bot=InternetArchiveBot }}, Connor Joseph Bell, University of Louisville, ProQuest, 2008, ISBN 978-0-549-80795-7, ''... The most notable of these was Tatar Tonga, a Uyghur in charge of the Naiman tax collection system ...''</ref>
 
== संस्कृत के लिए प्रयोग और यूनिकोड ==