"मानववाद": अवतरणों में अंतर

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{{एक स्रोत|date=दिसम्बर 2020}}
'''मानववाद''' या '''मनुष्यवाद''' [[दर्शनशास्त्र]] में उस विचारधारा को कहते हैं जो मनुष्यों के मूल्यों और उन से सम्बंधित मसलों पर ध्यान देती है। अक्सर मानववाद में धार्मिक दृष्टिकोणों और अलौकिक विचार-पद्धतियों को हीन समझा जाता है और तर्कशक्ति, न्यायिक सिद्धांतों और आचारनीति (ऍथ़िक्स) पर ज़ोर होता है।<ref>[http://books.google.com/books?id=z5k5A0_nFogC Humanism: beliefs and practices]{{Dead link|date=सितंबर 2021 |bot=InternetArchiveBot }}, Jeaneane D. Fowler, Sussex Academic Press, 1999, ISBN 978-1-898723-70-7.</ref> मानववाद की एक "धार्मिक मानववाद" नाम की शाखा भी है, जो धार्मिक विचारों को मानववाद में जगह देने का प्रयत्न करती है।
 
==परिचय==