"ऐल्कोहॉल": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Alcohol general.svg|180px|thumb|right|अल्कोहल के अणु में उपस्थित हाइड्रॉक्सिल (OH) [[प्रकार्यात्मक समूह|क्रियात्मक समूह]]]]
# मोनो हाइड्रिक अल्कोहल
# डाइ हाइड्रिक अल्कोहल
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#मोनो हाइड्रिक अल्कोहल :- जब कार्बनिक यौगिक से एक हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन एक -OH समूह द्वारा कर दिया जाता है तो इससे प्राप्त अल्कोहल मोनो हाइड्रिक अल्कोहल कहलाती है। इसे जल का मोनो एल्किल व्युत्पन्न माना जाता है। इसका सामान्य सूत्र CnH2n+1OH है।
इसे तीन भागो मे बाँटा गया है :-
इसे तीन भागो मे बाँटा गया है :- 1. प्राथमिक अल्कोहल :- जब प्राथमिक कार्बन से हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन -OH समूह द्वारा कर दिया जाता है तो प्राथमिक अलकोहल बनता है। जैसे :- मेथेनॉल। ▼
द्वितीयक अल्कोहल :- जब द्वितीयक कार्बन से हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन -OH समूह द्वारा कर दिया जाता है तो द्वितीयक अल्कोहल बनता है। जैसे :- 2-प्रोपेनॉल ▼
तृतीयक अल्कोहल :- जब तृतीयक कार्बन से हाइड्रोजन परमाणु का प्रतिस्थापन -OH समूह द्वारा कर दिया जाता है तो तृतीयक अल्कोहल बनता है। जैसे :- मेथिल प्रोपेन 2-ऑल। ▼
अल्कोहल का नामकरण :- ▼
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▲'''द्वितीयक
▲'''तृतीयक
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== निर्माण ==
एल्कीन के जलयोजन से:- जब एल्कीन पर जल की अभिक्रिया तनु H<sub>2</sub>SO<sub>4</sub> की उपस्थिति में की जाती है तो अल्कोहल बनता है।
:CH<sub>2</sub>=CH<sub>2</sub> + H<sub>2</sub>O → CH<sub>3</sub>-CH<sub>2</sub>OH
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मेथिल ऐल्कोहल तीव्र विषैला पदार्थ है। अत: इसका मुख्यतम उपेयाग एथिल ऐल्कोहल को अपेय बनाने के लिए होता है। [[लाख (लाह)|लाह]] और [[रेज़िन]] के लिए, जिनका उपयेग वार्निश तथा पॉलिश के उद्योग में होता है यह एक उपयुक्त विलेयक है। इसका आक्सीकरण करने से फार्मैलिल्डऐमाइन, कृत्रिम रंग, औषधि तथा सुगंधित पदार्थों के निर्माण में भी इसका अधिक उपयोग होता है।
== प्रमुख
{| class="wikitable" style="width:600px; white-space:nowrap; text-align:center;"
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|}
== एथिल ऐल्कोहल
{{मुख्य|एथिल एल्कोहल}}
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