"मदनलाल पाहवा": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Nathuram.jpg|thumb|right|200px| गान्धी हत्या के अभियुक्तोंशहीदों का एक समूह चित्र'' खड़े हुए '': [[शंकर किस्तैया]], गोपाल गोडसे जी, मदनलाल पाहवा जी, दिगम्बर बड़गे. जी ''बैठे हुए'': [[नारायण आप्टे जी]], [[विनायक दामोदर सावरकर जी]], [[नाथूराम गोडसे जी]], विष्णु करकरे जी ]]
'''मदनलाल पाहवा जी ''' ([[अंग्रेजी]]: Madan Lal Pahwa, [[पंजाबी]]: ਮਦਨ ਲਾਲ ਪਾਹਵਾ, [[तमिल]]: மதன்லால் பக்வா) [[हिन्दू महासभा]] के एक कार्यकर्ता थे जिन्होंने [[नई दिल्ली]] स्थित बिरला हाउस में गान्धी-हत्या की तिथि से दस दिन पूर्व २० जनवरी १९४८ को उनकी प्रार्थना सभा में हथगोला फेंका था। उपस्थित जन समुदाय ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया था। उस घटना के ठीक १० दिन बाद जब [[नाथूराम गोडसे]] ने ३० जनवरी १९४८ को गोली मारकर गान्धी को मौत की नींद सुला दिया तो भारत सरकार ने फटाफट मुकद्दमा चलाकर गोडसे जी को [[फाँसी]] के साथ मदनलाल को भी [[गान्धी|गान्धी-हत्या]] के षड्यन्त्र में शामिल होने व हत्या के प्रयास के आरोप में आजीवन कारावास का दण्ड देकर मामला रफा-दफा कर दिया।
 
== प्रारम्भिक जीवन ==