"हिन्दी के संचार माध्यम": अवतरणों में अंतर

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[[संचार]] के सभी माध्यमों में [[हिन्दी]] ने मजबूत पकड़ बना ली है। चाहे वह हिन्दी के समाचार पत्र हो, [[रेडियो]] हो, [[दूरदर्शन]] हो, [[हिन्दी सिनेमा]] हो, [[विज्ञापन]] हो या ओटीटी हो <ref>[https://yourstory.com/2020/09/startup-bharat-paid-subscribers-increase-hindi-content-ott-india More paid subscribers, increase in Hindi content: Inside India’s OTT market]</ref>, - सर्वत्र हिन्दी छायी हुई है। वर्तमान समय में हिन्दी को वैश्विक संदर्भ प्रदान करने में उसके बोलने वालों की संख्या, हिदी फिल्में, पत्र पत्रिकाएँ, विभिन्न हिन्दी चैनल, विज्ञापन एजेंसियाँ, हिन्दी का विश्वस्तरीय साहित्य तथा साहित्यकार आदि का विशेष योगदान है। इसके अतिरिक्त हिन्दी को विश्वभाषा बनाने में इंटरनेट की भूमिका भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
 
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि सन १९९१ में हुए उदारीकरण के बाद हिन्दी प्रेस और अन्य हिन्दी माध्यम पूरे देश में छाने लगे।<ref>[https://www.newslaundry.com/2021/07/29/looking-back-how-liberalisation-shaped-the-hindi-press Looking back: How liberalisation shaped the Hindi press</ref>
 
आज हिंदी अभिव्यक्ति का सब से सशक्त माध्यम बन गई है। हिंदी चैनलों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बाजार की स्पर्धा के कारण ही सही, अंग्रेजी चैनलों का हिंदी में रूपांतरण हो रहा है। इस समय हिंदी में भी एक लाख से ज्यादा ब्लॉग सक्रिय हैं। अब सैकड़ों पत्र-पत्रिकाएं इंटरनेट पर उपलब्ध हैं।
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2. [[हिंदी रेडियो]]
 
3. [[हिन्दी पत्रकारिता दिवस|हिंदी पत्र-पत्रिकाएँ]]
 
4. [[हिंदी टेलीविज़न]]