"चीनी भावचित्र": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Chinese writing system-tr.svg|thumb|160px|गाय के चित्र से कैसे उसका आधुनिक भावचित्र बदलावों के साथ उत्पन्न हुआ]]
[[चित्र:8 strokes of 永-zh.svg|thumb|160px|चीनी भावचित्रों में हर दिशा में खीची जाने वाली हर प्रकार की लकीर का एक भिन्न नाम है - हर भावचित्र में यह लकीरें अलग तरह से सम्मिलित होती हैं - यहाँ दिखाए गए भावचित्र 永 का मतलब 'हमेशा' या 'सनातन' है]]
'''हानज़ीहान्ज़ी''' अथवा '''चीनी भावचित्र''' (<small>[[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]: Chinese characters, चाइनीज़ कैरॅक्टर्ज़; [[चीनी भाषा|चीनी]]: 汉字</small>) [[चीनी भाषा]] और (कुछ हद तक) [[जापानी भाषा]] लिखने के लिए इस्तेमाल होने वाले [[चित्रलिपि|भावचित्र]] होते हैं। इन्हें चीनी के लिए जब प्रयोग किया जाए तो यह हानज़ी(<small>汉字/漢字, hanzi</small>) कहलाते हैं और जब जापानी के लिए प्रयोग किया जाए तो '''कानजीकान्जी''' (<small>漢字, kanji</small>) कहलाते हैं। पुराने ज़माने में इनका प्रयोग [[कोरियाई भाषा]] और वियतनामी भाषा के लिए भी होता था। चीनी भावचित्र दुनिया की सब से पुरानी चलती आ रही लिखने की विधि है।<ref name="ref53viyor">[http://books.google.com/books?id=kEpQAAAAMAAJ Sign, symbol, and script: an account of man's efforts to write] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20141002093625/http://books.google.com/books?id=kEpQAAAAMAAJ |date=2 अक्तूबर 2014 }}, Hans Jensen, Allen &amp; Unwin, 1969, ''... The Chinese script can claim the distinction of being the oldest script in the world still in use today ; its age after all is to be estimated for certain at more than 4000 years ...''</ref>
 
वैसे तो चीनी में दसियों हज़ार भावचित्र हैं, लेकिन इन में से अधिकतर केवल ऐतिहासिक लिखाइयों में देखने को मिलते हैं। अध्ययन से पता चला है कि साधारण चीनी में साक्षर होने के लिए तीन से चार हज़ार भावचित्रों का जानना काफ़ी है। हर चीनी भावचित्र के साथ एक उच्चारण और एक अर्थ जुड़ा होता है और ज़्यादातर चीनी शब्द दो भावचित्रों के साथ लिखे जाते हैं (हालांकि कुछ सरल शब्द एक से भी लिखे जाते हैं)। यह ध्यान रहे कि उच्चारण उपभाषा और भाषा के साथ बदलता है। यह [[देवनागरी]] लिपि कि तरह नहीं है कि किसी अक्षर का हर जगह वही उच्चारण हो। इसे समझने के लिए सोचिये कि अगर कोई पहाड़ का चित्र देखे तो वह सबको समझ आ जाएगा, लेकिन [[हिन्दी|हिंदी]] बोलने वाला उस शब्द को 'पर्वत' कहेगा, [[फ़ारसी भाषा|फ़ारसी]] बोलने वाला 'कोह' कहेगा और [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]] बोलने वाला 'माऊन्टेन' कहेगा।
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== रूप और सरलीकरण ==
चीनी भावचित्रों के अक्सर दो या तीन रूप होते हैं:
* एक रूप [[मुद्रणालय|छापने]] के लिए इस्तेमाल होता है, जिसमें आसानी के लिए हर भावचित्र एक चकोर अकार के बराबर बनाया जाता है। इन्हें 'चकोर डब्बे के चिह्न' (चीनी में 方塊字 'फ़ांगकुआईज़ी' और अंग्रेज़ी में <small>Square-Block Characters</small> 'स्क्वेयर ब्लॉक कैरॅक्टर्ज़') कहा जाता है।<ref name="ref95yixur">[http://books.google.com/books?id=iGodMpTMEPUC Gateway to Chinese culture] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20141002064816/http://books.google.com/books?id=iGodMpTMEPUC |date=2 अक्तूबर 2014 }}, Chunjiang Fu, Asiapac Books Pte Ltd, 2003, ISBN 978-981-229-328-2, ''... The Chinese script is one of the oldest in the world. Each character is written by itself in a square block, hence the name 'square block characters' ...''</ref>
* एक रूप हाथ से जल्दी लिखने की आसानी के लिए होता है। इसकी लकीरें बहती हुई और कभी-कभी थोड़ी अस्पष्ट होती हैं।
* अन्य रूप इन्हें चित्रों और मन्त्रों में लिखने के लिए होते हैं। इन्हें सौंदर्य और तस्वीरों में हिल-मिल जाने के लिए बनाया जाता है। यह चीनी और जापानी सभ्यता में एक कला मानी जाती है, जिसे अंग्रेज़ी में 'कैलीग्रफ़ी' (calligraphy), चीनी में 'शूफ़ा' (書法) और जापानी में 'शोदो' (書道) कहते हैं। [[भारतीय उपमहाद्वीप]] इस से मिलती-जुलती कला को प्राचीन इमारतों और ग्रंथों पर देखा जा सकता है। इसे भारत में 'ख़ुशख़ती' या '[[अक्षरांकन]]' कहा जाता है।<ref name="ref73darem">[http://books.google.com/books?id=_QIVAAAAYAAJ A new English-Hindustani dictionary] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20140930111201/http://books.google.com/books?id=_QIVAAAAYAAJ |date=30 सितंबर 2014 }}, S. W. Fallon, John Drew Bate, E.J. Lazarus, 1883, ''... Calligraphy, n. khush-navisi; khush-khati ...''</ref>
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=== स्वर-अर्थ संयुक्त भावचित्र ===
चीनी लिपि के सब से अधिक शब्द इस श्रेणी के होते हैं। इनमें एक या एक से अधिक चिह्न ऐसे होते हैं जो शब्द का अर्थ बताते हैं और एक भावचित्र ऐसा होता है जिसका अर्थ से कोई लेना-देना नहीं लेकिन यह किसी ऐसी चीज़ का चिह्न होता है जिसका उच्चारण इस शब्द से मिलता-जुलता हो। इस से शब्द का उच्चारण और मतलब दोनों पता चल जाते हैं। उदहारण के लिए 'नदी' (河, हे), 'झील' (湖, हु), 'झरना' (流, लिऊ), 'बहुत ज़बरदस्त पानी की धार, या फ़्लश किया गया पानी' (沖, चोंग) और 'फिसलन' (滑, हुआ)। ग़ौर कीजिये की हर चिह्न की बाई तरफ़ तीन छोटी लकीरें हैं, जो 'नदी' के चित्र को सरल करके बना है। इस से संकेत मिलता है कि शब्द 'पानी' से सम्बंधित है। शब्द का दाई तरफ़ का हिस्सा सिर्फ़ ध्वनि बताता है। 沖 (चोंग, फ़्लश किया गया पानी) के दाई तरफ़ 中 है, जिसका अर्थ चीनी में 'बीच' होता है और उच्चारण 'झोंग' होता है। देखा जा सकता है कि 沖 कह रहा है 'पानी से सम्बंधित शब्द, जिसका उच्चारण झोंग से मिलता है', यानि 'चोंग'। अंग्रेज़ी में ऐसे भावचित्रों के अर्थ बताने वाले हिस्से को 'रैडिकल' (<small>radical</small>) बोलते हैं और इस श्रेणी के शब्दों को 'फ़ोनो-सीमैन्टिक कम्पाउंड्ज़' (<small>phono-semantic compounds</small>) कहते हैं। इस श्रेणी के भावचित्र सबसे पहले [[शांग राजवंश]] के ज़माने में विकसित हुए थे और उस समय के खंडहरों में मिली हड्डियों पर खरोंचे हुए मिले हैं।<ref name="ref25yiqoq">[http://books.google.com/books?id=ChyVgZMAiUoC A Cultural History of the Chinese Language] {{Webarchive|url=https://web.archive.org/web/20140930111041/http://books.google.com/books?id=ChyVgZMAiUoC |date=30 सितंबर 2014 }}, Sharron Gu, McFarland, 2011, ISBN 978-0-7864-6649-8, ''... ...''</ref>
 
कभी-कभी दो भावचित्रों से एक शब्द बनता है जिसमें अर्थभाग (रैडिकल) दोनों भावचित्रों पर लागू होता है। मसलन चीन का एक संगीत वाद्य है, 'बीवा' और एक फल है 'लौकाट'। इन दोनों के आकार देखने में मिलते हैं। बीवा को 批把 लिखा जाता था, जिसमें दोनों चिह्नों की बाई तरफ़ एक ऊपर-नीचे जाते हाथ का अर्थ संकेत है, यानि ऊपर-नीचे हाथ चलाकर वाद्य बजाना। अब इसमें 'हाथ' का अर्थभाग (रैडिकल) बदलकर 'पेड़' का रैडिकल लगाने से 枇杷 का चिह्न बना (ग़ौर से देखिये की दोनों चिह्नों में बाई तरफ़ की एक छोटी लकीर अब पेड़ की टहनियों की तरह झुकती है)। इस नए दो चिह्नों वाले शब्द का मतलब 'लौकाट का फल' था। समय के साथ बीवा वाद्य के चिह्न स्वयं ही बदल गए और आधुनिक चीनी में 琵琶 हैं (आप देख सकते हैं कि स्वर के चिह्न जो पहले दाई तरफ़ थे अब पिचक कर नीचे हो गए हैं)।