"हरिवंश नारायण सिंह": अवतरणों में अंतर

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|office3=प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर के अतिरिक्त मीडिया सलाहकार 1990-1991}}
'''हरिवंश नारायण सिंह''' (हरिवंश के नाम से चर्चित, जन्म: 30 जून 1956), एक भारतीय पत्रकार और राजनेता है,हैं. जोवर्तमान [[भारत]]में वह राज्यसभा के वरिष्ठउप सदनसभापति [[राज्यहैं.<ref>{{Cite सभाweb|राज्यसभा]]url=https://rajyasabha.nic.in/rsnew/member_site/ErrorPage.aspx|title=Error मेंPage|website=rajyasabha.nic.in|access-date=2021-09-14}}</ref> हरिवंश, उपसभापतिदूसरी हैं।बार इस पद परके उन्होंनेलिए कांग्रेसचुने सदस्यगए हैं. इस पद पर उन्होंने [[पी जे कुरियन]] का स्थान लिया है।है.<ref>{{cite web|title= राज्य सभा की आधिकारिक वैबसाइट|url= http://rajyasabha.nic.in|accessdate= 28 अगस्त 2016|archive-url= https://web.archive.org/web/20160829001143/http://www.rajyasabha.nic.in/|archive-date= 29 अगस्त 2016|url-status= dead}}</ref>
 
उन्होंने [[द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया|टाइम्स ऑफ इंडिया]] समूह की हिंदी पत्रिका ‘धर्मयुग’ से अपने पत्रकारिता केकी करियरशुरुआत की. शुरुआतफिर कोलकाता के 'आनंद बाजार पत्रिका' समूह की औरहिंदी अपनेपत्रिका पूरे‘रविवार’ करियरसे जुड़े. वह 1989 में कईरांची अलग-अलगसे प्रकाशित अखबार ‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक बने. चार दशकों की सक्रिय पत्रकारिता में उन्होंने कई मीडिया प्रकाशनोंसंस्थानों में काम किया है।है. उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्रीप्रधानमंत्री [[चन्द्रशेखर|चंद्रशेखर]] के अतिरिक्त मीडिया सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है।है. वे 1989वर्ष 2014 में हिंदी समाचार पत्र, [[प्रभातजनता दल खबर(यूनाइटेड)]] सेके जुड़े।उम्मीदवार यहके समाचाररूप में पत्र बिहार केसे हरिवंश, [[चाराराज्य घोटालासभा|राज्यसभा]] सहितके कईलिए उच्चनिर्वाचित प्रोफ़ाइलहुए.<ref घोटालोंname="the-hindu">{{cite कीnews|title=All जांचfive candidates elected unopposed to RS from Bihar|trans-title=सभी पांच उम्मीदवार बिहार से आरएस के लिए जानानिर्विवाद जाताचुने है।गए|url=http://www.thehindu.com/todays-paper/tp-national/all-five-candidates-elected-unopposed-to-rs-from-bihar/article5641715.ece|accessdate=25 अगस्त 2018|date=1 फरवरी 2014|language=en|archive-url=https://web.archive.org/web/20160124235946/http://www.thehindu.com/todays-paper/tp-national/all-five-candidates-elected-unopposed-to-rs-from-bihar/article5641715.ece|archive-date=24 जनवरी 2016|url-status=live}}</ref> पहली बार 8 अगस्त, 2018 को, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के उप सभापति के रूप में निर्वाचित हुए.<ref>{{cite web |title=Harivansh Narayan Singh: Fromis RsRajya 500Sabha jobDeputy toChairman: RSNDA's Dycandidate Chairperson,beats 10Congress' thingsBK youHariprasad, should125 knowayes aboutagainst him105 noes|trans-title=हरिवंश नारायण सिंह: 500राज्यसभा रुपयेके सेउप लेकरसभापति राज्यसभाहुए: एनडीए के उपसभापतिउम्मीदवार तक,के 10रूप चीजेंमें जिन्हेंकांग्रेस आपके उनकेबीके बारेहरिप्रसाद मेंको जानना105 चाहिएमतों के मुकवाले 125 मतों से हराया|url=https://economictimeswww.indiatimesfirstpost.com/news/politics-and-nationindia/harivansh-narayan-singh-fromis-rsrajya-500sabha-jobdeputy-tochairman-rsjdus-dycandidate-chairpersonbeats-10congress-thingsbk-youhariprasad-should125-knowayes-aboutagainst-him/articleshow/65333983105-noes-4926611.cms html|website=इकोनॉमिक्स टाइम्स फर्स्ट्पोस्ट|language=en |access-date=24 अगस्त 2018 |archive-url=https://web.archive.org/web/2018081007270120180810084016/https://economictimeswww.indiatimesfirstpost.com/news/politics-and-nationindia/harivansh-narayan-singh-fromis-rsrajya-500sabha-jobdeputy-tochairman-rsjdus-dycandidate-chairpersonbeats-10congress-thingsbk-youhariprasad-should125-knowayes-aboutagainst-him/articleshow/65333983105-noes-4926611.cms html|archive-date=10 अगस्त 2018 |url-status=livedead}}</ref> दूसरी बार 14 सितंबर, 2020 को वह पुनः राज्य सभा के उप सभापति निर्वाचित हुए.<ref>{{Cite web|url=https://ndtv.in/india-news/harivansh-elected-deputy-chairman-of-the-rajya-sabha-2295232|title=हरिवंश लगातार दूसरी बार चुने गए राज्‍यसभा के उप सभापति|website=NDTVIndia|access-date=2021-09-14}}</ref>
 
== '''जन्म व आरंभिक जीवन''' ==
वर्ष 2014 में, [[जनता दल (यूनाइटेड)]] ने छह साल की अवधि के लिए बिहार से हरिवंश को [[राज्य सभा|राज्यसभा]] के लिए नामित किया।<ref name=the-hindu>{{cite news|title=All five candidates elected unopposed to RS from Bihar|trans-title=सभी पांच उम्मीदवार बिहार से आरएस के लिए निर्विवाद चुने गए|url=http://www.thehindu.com/todays-paper/tp-national/all-five-candidates-elected-unopposed-to-rs-from-bihar/article5641715.ece|accessdate=25 अगस्त 2018|date=1 फरवरी 2014|language=en|archive-url=https://web.archive.org/web/20160124235946/http://www.thehindu.com/todays-paper/tp-national/all-five-candidates-elected-unopposed-to-rs-from-bihar/article5641715.ece|archive-date=24 जनवरी 2016|url-status=live}}</ref>8 अगस्त, 2018 को, [[राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन]] के उम्मीदवार के रूप में छह साल के कार्यकाल के लिए उन्हें राज्यसभा के उप सभापति के रूप में निर्वाचित किया गया, उनके पक्ष में कुल 125 मत पड़े तो वहीं बी.के. हरिप्रसाद के पक्ष में कुल 105 मत पड़े। उन्होंने विपक्ष की ओर से कांग्रेस के बी.के. हरिप्रसाद को हराया।<ref>{{cite web|title=Harivansh Narayan Singh is Rajya Sabha Deputy Chairman: NDA's candidate beats Congress' BK Hariprasad, 125 ayes against 105 noes|trans-title=हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के उप सभापति हुए: एनडीए के उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद को 105 मतों के मुकवाले 125 मतों से हराया|url=https://www.firstpost.com/india/harivansh-narayan-singh-is-rajya-sabha-deputy-chairman-jdus-candidate-beats-congress-bk-hariprasad-125-ayes-against-105-noes-4926611.html|website=फर्स्ट्पोस्ट|language=en|access-date=24 अगस्त 2018|archive-url=https://web.archive.org/web/20180810084016/https://www.firstpost.com/india/harivansh-narayan-singh-is-rajya-sabha-deputy-chairman-jdus-candidate-beats-congress-bk-hariprasad-125-ayes-against-105-noes-4926611.html|archive-date=10 अगस्त 2018|url-status=dead}}</ref>
30 जून 1956 को बलिया<ref>{{Cite web|url=https://ballia.nic.in/hi/|title=जिला बलिया {{!}} उत्तर प्रदेश सरकार {{!}} बागी बलिया {{!}} India|language=hi-IN|access-date=2021-09-14}}</ref> जिले (उत्तरप्रदेश) के सिताबदियारा<ref>{{Cite web|url=https://www.etvbharat.com/hindi/jharkhand/state/ranchi/loknayak-jayaprakash-narayan-birth-anniversary-unkonwn-facts-about-jp/jh20201011144011273|title=जयंती विशेष: देश की आवाज थे सिताबदियारा के लोकनायक जयप्रकाश नारायण|website=ETV Bharat News|access-date=2021-09-14}}</ref> (दलजीत टोला) में जन्म. यह गांव जयप्रकाश नारायण<ref>{{Citation|title=जयप्रकाश नारायण|date=2021-08-20|url=https://hi.wikipedia.org/w/index.php?title=%E0%A4%9C%E0%A4%AF%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B6_%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A3&oldid=5289680|work=विकिपीडिया|language=hi|access-date=2021-09-14}}</ref> का गांव है. 27 टोलों का गांव सिताबदियारा देश के दो राज्यों बिहार और उत्तरप्रदेश तथा तीन जिलों आरा, बलिया और छपरा में आता है. बचपन में ही कुछ लोगों ने हरिवंश को गहरे प्रभावित किया. सबसे ज्यादा असर पिता (बांके बिहारी सिंह) का रहा. उनको देख जीवन में अनुशासन की सीख मिली. बांके बिहारी सिंह गांव के प्रधान भी थे. हरिवंश की मां (देवयानी देवी) धर्मपारायण, आध्यात्मिक व कर्मठ महिला थी. उनकी जीवनचर्या में विनम्रता, अनुशासन सहज-स्वाभाविक रूप से शामिल था. बड़े भाई के अभिभावकत्व ने इस अनुशासन को और बढ़ाया. घर के लोगों ने बचपन से जो मेंटरिंग की वह सहज-स्वाभाविक रूप से हरिवंश के जीवन का हिस्सा बन गया.
 
== '''शिक्षा-अध्ययन''' ==
घर के बाद पढ़ाई की शुरुआत गांव के स्कूल में हुई. जयप्रकाश नारायण के नाम पर बने हाईस्कूल से मैट्रिक किया. इंटर में पढ़ाई के लिए बनारस के उदयप्रताप कॉलेज में दाखिला हुआ. बीएचयू (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय)<ref>{{Cite web|url=https://new.bhu.ac.in/Site/Page/2_2_32_65_Main-Site-About-BHU|title=Banaras Hindu University, [BHU], Varanasi-221005, U.P., India. - Banaras Hindu University, Varanasi, India.|website=new.bhu.ac.in|access-date=2021-09-14}}</ref> से स्नातक व अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई. फिर बीएचयू के ही पत्रकारिता विभाग से डिप्लोमा स्तरीय प्रशिक्षण भी प्राप्त किया.
 
==== '''बीएचयू और इमरजेंसी के दिन''' ====
बीएचयू के बिड़ला हॉस्टल में रहते हुए, हरिवंश ने महामंत्री का चुनाव लड़ा. कला संकाय से छात्र संघ के लिए वह चुने गए. इमरजेंसी के समय में उन्होंने भूमिगत परचा-पोस्टर चिपकाने, बांटने का काम भी किया. जेपी आंदोलन के दौरान छात्र राजनीति का असर, पढ़ने-लिखने की ऐसी आदत लगी कि उसी से प्रेरित व प्रभावित होकर पत्रकारिता में आना हुआ.
 
== '''कैरियर''' ==
 
=== '''सक्रिय पत्रकारिता''' ===
सांस्थानिक रूप में हरिवंश की पत्रकारिता के तीन पड़ाव बने. ‘धर्मयुग’, ‘रविवार’ और ‘प्रभात खबर’. पत्रकारिता के कैरियर में तीनों का अपना खास महत्व रहा. पत्रकारिता के जरिये सामाजिक राजनीतिक बदलाव में सार्थक व सक्रिय हस्तक्षेप के लिए 'इंडिया टुडे', 'तहलका' जैसी पत्रिका ने विशेष स्टोरी की. दिल्ली से प्रकाशित प्रतिष्ठित अंग्रेजी पत्रिका ‘सिविल सोसाइटी’ ने 'प्रभात खबर' को भंवरजाल से निकाल हिंदी पत्रकारिता और क्षेत्रीय पत्रकारिता का एक मानक या मॉडल बनाने के लिए व्यक्तित्व-कृतित्व पर दो बार विशेष कवर स्टोरी की. ऐसे संपादक के रूप में पहचान बनी जो संपादक बनकर भी लिखते रहे.
 
'''‘धर्मयुग’'''
 
सक्रिय पत्रकारिता की शुरुआत ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह से हुई. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह में ट्रेनी जर्नलिस्ट के रूप में चयन हुआ. फिर उसी समूह की हिंदी पत्रिका ‘धर्मयुग’ में उप-संपादक के रूप में 1977-1981 तक कार्य किया. ‘धर्मयुग’ में धर्मवीर भारती से लेकर गणेश मंत्री जैसे पत्रकार का सान्निध्य और मार्गदर्शन मिला. इसका असर हमेशा रहा. पत्रकारिता की वैचारिकी और सरोकार का पाठ सिखने का अवसर कैरियर के आरंभिक दिनों में ही मिला.
 
'''‘रविवार’'''
 
आनंद बाजार पत्रिका समूह की हिंदी पत्रिका ‘रविवार’ में सहायक संपादक के तौर पर 1985 -1989 तक कार्यरत रहे. ‘रविवार’ पत्रिका से जुड़ने के बाद बिहार, झारखंड (तब अविभाजित बिहार का ही हिस्सा) समेत देश के कई इलाकों में, ग्रासरूट रिपोर्टिंग का अवसर मिला.
 
'''<nowiki/>'प्रभात खबर''''
 
हरिवंश की पत्रकारिता के कैरियर में अहम और सबसे लंबा पड़ाव बना [[प्रभात खबर]]. यह समाचार पत्र बिहार के [[चारा घोटाला]] सहित कई उच्च प्रोफ़ाइल घोटालों की जांच के लिए जाना जाता है.<ref>{{cite web|url=https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/harivansh-narayan-singh-from-rs-500-job-to-rs-dy-chairperson-10-things-you-should-know-about-him/articleshow/65333983.cms|title=Harivansh Narayan Singh: From Rs 500 job to RS Dy Chairperson, 10 things you should know about him|website=इकोनॉमिक्स टाइम्स|language=en|trans-title=हरिवंश नारायण सिंह: 500 रुपये से लेकर राज्यसभा के उपसभापति तक, 10 चीजें जिन्हें आप उनके बारे में जानना चाहिए|archive-url=https://web.archive.org/web/20180810072701/https://economictimes.indiatimes.com/news/politics-and-nation/harivansh-narayan-singh-from-rs-500-job-to-rs-dy-chairperson-10-things-you-should-know-about-him/articleshow/65333983.cms|archive-date=10 अगस्त 2018|access-date=24 अगस्त 2018|url-status=live}}</ref> वह अक्तूबर 1989 में रांची से प्रकाशित अखबार ‘प्रभात खबर’ के प्रधान संपादक बने. अगले ही साल देश के प्रधानमंत्री चंद्रशेखर बने. उन्होंने पीएमओ से जुड़ने का प्रस्ताव दिया. अतिरिक्त सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के रूप में पीएमओ से जुड़े. 1990 से जून 1991 तक. चंद्रशेखर के प्रधानमंत्री के पद छोड़ते ही वहां से इस्तीफा देकर 1991 में पुन: प्रभात खबर में वापसी की. तब से जून 2016 तक अखबार में प्रधान संपादक के रूप में कार्यरत. जब वह ‘प्रभात खबर’ से जुड़े, तब यह बंदप्राय अखबार था. पर, मृतप्राय- बंदप्राय अखबार हिंदी की क्षेत्रीय पत्रकारिता का मॉडल अखबार बना.
 
 
'''भारतीय प्रेस संस्थान की पत्रिका ‘विदुरा’ का संपादन.'''
 
 
'''अनेक पत्र-पत्रिकाओं में अलग-अलग विषयों पर लेखन'''
 
‘धर्मयुग’, ‘रविवार’, ‘प्रभात खबर’ से इतर अनेक पत्र-पत्रिकाओं में अलग-अलग विषयों पर लेखन. इनमें ‘नवभारत टाइम्स’, ‘दैनिक भास्कर’, ‘फस्टपोस्ट’, ‘संडे (अंग्रेजी) जैसे प्रकाशन प्रमुखता से शामिल हैं.
 
=== '''बैंक सेवा''' ===
 
 
1981 से 1984 तक बैंक आफ इंडिया, हैदराबाद व पटना में अधिकारी के रूप में कार्यरत.
 
== '''राजनीतिक जीवन''' ==
 
* अप्रैल 2014 में जनता दल यू की ओर से बिहार से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित.
* 09 अगस्त 2018 को राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए पहली बार निर्वाचित.
* 14 सितंबर 2020 को राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए दूसरी  बार निर्वाचित.
 
 
'''संसदीय समितियों से संबद्धता'''
 
* बतौर सांसद और राज्यसभा उपसभापति के रूप में अनेक संसदीय समितियों से संबद्धता रही है.
 
# सितंबर 2014 से जून 2018 तक हाउस कमिटी के सदस्य रहे.
# सितंबर 2014 से अगस्त 2018 तक स्टैंडिंग कमिटी आन डिफेंस के मेंबर रहे. कंस्लटैटिव कमिटी फार द मिनिस्ट्री आफ इनफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग के सदस्य रहे.
# जुलाई 2016 से अगस्त 2016 तक राज्यसभा के सेलेक्ट कमिटी आन प्रिवेंशन आफ करप्शन (एमेंडमेंट बिल) 2013 के सदस्य रहे.
# अगस्त 2016 से सितंबर 2018 तक ज्वाइंट कमिटी आन द बिल टू एमेंड द सिटिजनशिप एक्ट, 1955 के सदस्य रहे.
# जून 2017 में नेशनल प्लेटफार्म फार डिजास्टर रिस्क रिडक्शन कमिटी के सदस्य बनाये गये.
# अगस्त 2017 से दिसंबर 2017 तक राज्यसभा के मोटर व्हिकल (एमेंडमेंट) बिल—2017 के सेलेक्ट कमिटी के सदस्य बने.
# मई 2018 से अगस्त 2018 तक विश्वभारती,शांति निकेतन के सम्सद (कोर्ट) के सदस्य रहे.
# अगस्त 2018 से नवंबर 2019 तक राज्यसभा के कमिटी आन प्रोविजन आफ कंप्यूटर टू मेंबर्स आफ राज्यसभा कमिटी के चेयरमैन रहे.
# अगस्त 2018 से अप्रैल 2020 तक राज्यसभा के एमपीलैड कमिटी के चेयरमैन रहे. पुन: सितंबर 2020 में इस कमिटी के चेयरमैन बने.
# राज्यसभा के कमिटी आन प्रिविलेजेज के चेयरमैन हैं. राज्यसभा के बिजनेस एडवाइजरी कमिटी, कमिटी आन रूल्स के सदस्य हैं.
# अक्तूबर 2018 से अप्रैल 2020 तक कमिटी आन मेंटेनेंस आफ हेरिटेज कैरेक्टर एंड डेवलपमेंट आफ पार्लियामेंट हाउस कांप्लेक्स के सदस्य रहे.
# पूर्व में अक्तूबर 2018 से अप्रैल 2020 तक और पुन: सितंबर 2020 में राज्यसभा के जनरल परपस कमिटी के सदस्य बनाये गये.
# मई 2019 से अप्रैल 2020 तक राज्यसभा टीवी के कंटेंट एडवाइजरी कमिटी के चेयरमैन रहे.
# जुलाई 2020 में कमिटी आन एग्रीकल्चर के मेंबर बने, तीन माह के लिए.
 
== '''लेखन व संपादन''' ==
हरिवंश की आखिरी किताब 2019 में आयी है, जो देश के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की अंग्रेजी में पहली आधिकारिक जीवनी है. 'चंद्रशेखर:द लास्ट आइकॉन आफ आइडियोलाजिकल पोलिटिक्स' नाम से प्रकाशित इस किताब का लोकार्पण देश के उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में किया.<ref>{{Cite web|url=https://www.pmindia.gov.in/hi/news_updates/%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a5%8d-50/|title=प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘चंद्रशेखर-द लास्‍ट आइकन ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्‍स’ पुस्‍तक का विमोचन किया|website=www.pmindia.gov.in|language=en|access-date=2021-09-14}}</ref> इसके पूर्व भी चंद्रशेखर से संबंधित कई महत्वपूर्ण पुस्तकों का संपादन. इन पुस्तकों में चंद्रशेखर के विचार (2002), चंद्रशेखर संवाद एक- उथल-पुथल और ध्रुवीकरण (2002). चंद्रशेखर संवाद दो- रचनात्मक बेचैनी में (2002). चंद्रशेखर संवाद तीन- एक दूसरे शिखर से (2002). चंद्रशेखर के बारे में (2002). मेरी जेल डायरीः भाग एक और दो (2002) शामिल है.
 
इसके अलावा अलग-अलग विषय पर अनेक किताबों का लेखन व संपादन किया है. इनमें प्रमुख किताबें हैं-
 
दिल से मैंने दुनिया देखी (2018). शब्द संसार (2016). झारखंड- सपने और यथार्थ (2012). झारखंड- समय और सवाल (2012). झारखंड- अस्मिता के आयाम (2011). झारखंड- दिसुम मुक्ति गाथा और सृजन के सपने. बिहारनामा (2011). बिहार: रास्ते की तलाश (2011). बिहार: अस्मिता के आयाम (2011). झारखंड: सुशासन अब भी संभावना है (2009). संताल हूल: आदिवासी प्रतिरोध संस्कृति (2009). जोहार झारखंड (2002). जनसरोकार की पत्रकारिता.   
 
== '''सम्मान एवं पुरस्कार''' ==
 
* अखिल भारतीय पत्रकारिता विकास परिषद, कोलकाता द्वारा अगस्त 1996 में '''आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी पत्रकारिता सम्मान'''.
* पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान व कार्य के लिए अगस्त 2008 में भोपाल (मध्य प्रदेश) में प्रथम '''माधव राव सप्रे पुरस्कार''' से पुरस्कृत व सम्मानित.
* सितंबर 2012 में जोहांसबर्ग (दक्षिण अफ्रीका) में आयोजित नौवें विश्व हिंदी सम्मेलन के दौरान हिंदी के प्रति उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मान.
 
== '''व्यक्तिगत जानकारी''' ==
 
 
पिता का नाम: बांके बिहारी सिंह
 
 
माता का नाम: देवयानी देवी
 
 
जन्म तिथि: 30 जून 1956 [ जन्म स्थान: बलिया (उत्तर प्रदेश)]
 
 
पत्नी का नाम: आशा सिंह
 
 
संतान: एक बेटा, एक बेटी
 
==सन्दर्भ==